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गूगल पर नंबर सर्च करना पड़ा महंगा, सोलर वाटर पम्प लगाने के नाम पर व्यक्ति से लाखों की ठगी - Kusum Yojana

Cyber Fraud देहरादून में एक व्यक्ति से लाखों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. पीड़ित को जब ठगी का अहसास हुआ तो वह पुलिस के पास पहुंचा और मामले में तहरीर देकर आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 30, 2023, 12:47 PM IST

देहरादून: कोतवाली पटेल नगर क्षेत्र अंतर्गत एक व्यक्ति द्वारा कुसुम योजना के तहत ठगी का मामला सामने आया है. व्यक्ति ने सोलर वाटर पंप लगाने के लिए जैसे ही गूगल पर दिए नंबर को डायल किया, साइबर ठगों ने खुद को कुसुम योजना का कर्मचारी बताकर उससे लाखों रुपए की ठगी कर डाली. पीड़ित की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

शिवपुरी कॉलोनी टीएचडीसी, बंजारावाला निवासी रोशन सिंह ने शिकायत दर्ज कराई है कि उसने सोलर वाटर पम्प लगवाना था. जिसके लिए उसने जल विभाग में भी पता किया तो पता चला कि नेट पर सर्च करके कुसुम योजना के तहत सरकार सब्सिडी पर सोलर वाटर पम्प लग रहा है.उसके बाद पीड़ित ने नेट पर सर्च किया तो कुसुम योजना के नाम पर नम्बर मिला तो पीड़ित ने उस नम्बर पर कॉल किया तो दूसरी ओर से व्यक्ति ने खुद को विकास जैन बताया और अपना पता लोधी रोड दिल्ली बताया. साइबर ठग ने पीड़ित को विश्वास दिलाने के लिए अपना आईडी कार्ड भी भेजा,जिसके बाद पीड़ित को यकीन हो गया.उसके बाद साइबर ठग ने पीड़ित का पता, बैंक पासबुक की कॉपी, आधार कार्ड मांगा. 15 जून को साइबर ठग ने पीड़ित को कहा की सोलर वाटर पम्प लगवाने के लिए कोई भी चार्ज नहीं देना पड़ेगा.
पढ़ें-उत्तराखंड में ह्यूमन क्राइम घटा, साइबर अपराध बढ़ा, राजस्थान बना हॉटस्पॉट, आंकड़ों से समझें

लेकिन उसके बाद साइबर ठग ने पीड़ित को एक स्कैनर भेजा जिस पर विकान्ता कुमार लिखा था.साइबर ठग ने दोबारा पीड़ित को फोन किया और बताया कि आपकी फाइल सैंक्शन हो गई है अब आपको 5600 रुपये फाइल प्रोसेसिंग के लिए देने होंगे. यह कहकर ट्रांसपोर्ट का पैसा 7850 रुपये मांगे और कहा कि 2 दिन के अंदर आपका सोलर वाटर पम्प लग जायेगा. लेकिन कभी वह फाइल कई रुक गई, उसका इतना पैसा लगेगा, कहकर वह पैसा लेता गया. जब 1 लाख 53 हजार 9 सौ 80 रुपए हो गये तो पीड़ित परेशान हो गया. जिसके बाद पीड़ित ने साइबर ठग को फोन किया.साइबर ठग ने उससे कहा कि हमारे सीनियर अधिकारी ने वह फाइल पेंडिंग में रख दी. जिसके बाद पीड़ित द्वारा लगातार फोन करता रहा, लेकिन फोन उठाना बंद कर दिया.उसके बाद 05 दिसंबर को पीड़ित के पास फोन आया और साइबर ठग ने खुद को सीनियर अधिकारी बताते हुए कहा कि वह कुसुम योजना से सीनियर अधिकारी नितिन बोल रहा है.
पढ़ें-सीमेंट कंपनी की डीलपरशिप देने के नाम पर ठगे 20 लाख रुपए, पुलिस ने बिहार से आरोपी को किया अरेस्ट

ठग ने कहा कि आपकी एक फाइल पेंडिंग में पड़ी है,आप उसका क्या करवाना चाहते हैं तो पीड़ित ने कहा कि क्लीयर कर दो या फिर रिफंड करवा दो.जिसके बाद फाइल को रिफंड करने का चार्ज 5300 रुपए का चार्ज लगने की बात कही गई, इसके बाद भी पीड़ित से रुपयों की लगातार डिमांड की गई. पीड़ित को साइबर ठग करीब 2 लाख 24 हजार 6 सौ 80 रुपये की चपत लगा चुके थे. जिसके बाद पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ और वह पुलिस के पास पहुंचा. कोतवाली पटेल नगर प्रभारी संजय चौहान ने बताया है कि पीड़ित रोशन सिंह की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है.साथ ही पीड़ित द्वारा रुपए जमा कराए गए यूपीआई आईडी को चेक किया जा रहा है.

देहरादून: कोतवाली पटेल नगर क्षेत्र अंतर्गत एक व्यक्ति द्वारा कुसुम योजना के तहत ठगी का मामला सामने आया है. व्यक्ति ने सोलर वाटर पंप लगाने के लिए जैसे ही गूगल पर दिए नंबर को डायल किया, साइबर ठगों ने खुद को कुसुम योजना का कर्मचारी बताकर उससे लाखों रुपए की ठगी कर डाली. पीड़ित की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

शिवपुरी कॉलोनी टीएचडीसी, बंजारावाला निवासी रोशन सिंह ने शिकायत दर्ज कराई है कि उसने सोलर वाटर पम्प लगवाना था. जिसके लिए उसने जल विभाग में भी पता किया तो पता चला कि नेट पर सर्च करके कुसुम योजना के तहत सरकार सब्सिडी पर सोलर वाटर पम्प लग रहा है.उसके बाद पीड़ित ने नेट पर सर्च किया तो कुसुम योजना के नाम पर नम्बर मिला तो पीड़ित ने उस नम्बर पर कॉल किया तो दूसरी ओर से व्यक्ति ने खुद को विकास जैन बताया और अपना पता लोधी रोड दिल्ली बताया. साइबर ठग ने पीड़ित को विश्वास दिलाने के लिए अपना आईडी कार्ड भी भेजा,जिसके बाद पीड़ित को यकीन हो गया.उसके बाद साइबर ठग ने पीड़ित का पता, बैंक पासबुक की कॉपी, आधार कार्ड मांगा. 15 जून को साइबर ठग ने पीड़ित को कहा की सोलर वाटर पम्प लगवाने के लिए कोई भी चार्ज नहीं देना पड़ेगा.
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लेकिन उसके बाद साइबर ठग ने पीड़ित को एक स्कैनर भेजा जिस पर विकान्ता कुमार लिखा था.साइबर ठग ने दोबारा पीड़ित को फोन किया और बताया कि आपकी फाइल सैंक्शन हो गई है अब आपको 5600 रुपये फाइल प्रोसेसिंग के लिए देने होंगे. यह कहकर ट्रांसपोर्ट का पैसा 7850 रुपये मांगे और कहा कि 2 दिन के अंदर आपका सोलर वाटर पम्प लग जायेगा. लेकिन कभी वह फाइल कई रुक गई, उसका इतना पैसा लगेगा, कहकर वह पैसा लेता गया. जब 1 लाख 53 हजार 9 सौ 80 रुपए हो गये तो पीड़ित परेशान हो गया. जिसके बाद पीड़ित ने साइबर ठग को फोन किया.साइबर ठग ने उससे कहा कि हमारे सीनियर अधिकारी ने वह फाइल पेंडिंग में रख दी. जिसके बाद पीड़ित द्वारा लगातार फोन करता रहा, लेकिन फोन उठाना बंद कर दिया.उसके बाद 05 दिसंबर को पीड़ित के पास फोन आया और साइबर ठग ने खुद को सीनियर अधिकारी बताते हुए कहा कि वह कुसुम योजना से सीनियर अधिकारी नितिन बोल रहा है.
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ठग ने कहा कि आपकी एक फाइल पेंडिंग में पड़ी है,आप उसका क्या करवाना चाहते हैं तो पीड़ित ने कहा कि क्लीयर कर दो या फिर रिफंड करवा दो.जिसके बाद फाइल को रिफंड करने का चार्ज 5300 रुपए का चार्ज लगने की बात कही गई, इसके बाद भी पीड़ित से रुपयों की लगातार डिमांड की गई. पीड़ित को साइबर ठग करीब 2 लाख 24 हजार 6 सौ 80 रुपये की चपत लगा चुके थे. जिसके बाद पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ और वह पुलिस के पास पहुंचा. कोतवाली पटेल नगर प्रभारी संजय चौहान ने बताया है कि पीड़ित रोशन सिंह की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है.साथ ही पीड़ित द्वारा रुपए जमा कराए गए यूपीआई आईडी को चेक किया जा रहा है.

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