देहरादून: 14 साल की नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में सरकारी ठेकेदार और उसकी बीवी को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 20-20 साल के कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने 27,000 रुपए पीड़िता को देने के आदेश भी दिए हैं. साथ ही दंपति पर 30,000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. साल 2019 में दंपति के खिलाफ थाना नेहरू कॉलोनी में दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट और जान से मारने की धमकी के तहत मुकदमा पंजीकृत हुआ था.
ठेकेदार करता था किशोरी से दुष्कर्म: बता दें कि 7 जनवरी 2019 को पीड़िता के पिता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी 14 वर्षीय किशोरी के साथ अप्रैल 2018 में चकशाह नगर निवासी सरकारी ठेकेदार ने कई बार दुष्कर्म किया. जब किशोरी ने ठेकेदार की इस करतूत की जानकारी ठेकेदार की बीवी को दी तो दंपति ने किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी. इससे डरी किशोरी ने उसके साथ हो रही दुष्कर्म की वारदात के बारे में किसी को नहीं बताया.
ठेकेदार के दुष्कर्म से गर्भवती हुई किशोरी: लेकिन जब किशोरी गर्भवती हुई, तो मामले का खुलासा हो गया. किशोरी ने अपने पिता को आपबीती बताई. जिसके बाद किशोरी के पिता की तहरीर के आधार पर ठेकेदार चांद और उसकी बीवी हुस्नोजहां के खिलाफ दुष्कर्म, पॉक्सो और जान से मारने की धमकी देने के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था. किशोरी ने 18 फरवरी 2019 को बच्चे को जन्म दिया था. कोर्ट के आदेश पर नवजात को शिशु सदन में रखा गया, जहां से उसे किसी दंपति के सुपुर्द कर दिया गया.
रेपिस्ट ठेकेदार और उसकी पत्नी को 20 साल की जेल: अधिवक्ता किशोर कुमार ने बताया कि अभियोजन की ओर से 7 गवाह पेश किए गए थे. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मियां बीवी को दोषी ठहराते हुए 20-20 साल की सजा सुनाई. साथ ही 27,000 रुपए पीड़िता को देने का आदेश दिया. 30,000 रुपए अर्थदंड भी लगाया गया है. मियां बीवी को कोर्ट के सजा सुनाने के बाद पुलिस ने हिरासत में लेकर दोनों को देहरादून जिला कारागार भेज दिया है.
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