देहरादून: साल 2016 में सड़क निर्माण की बाकी रकम के भुगतान को लेकर रिश्वत मांगने के मामले में खटीमा लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता को अपर सेशन न्यायाधीश नीलम रात्रा की अदालत ने अलग-अलग धाराओं में तीन साल और पांच साल की सजा सुनाई है. साथ ही 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, अगर आरोपी द्वारा जुर्माना अदा नहीं किया गया, तो 6-6 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
सहायक अभियंता ने 55000 की मांगी थी रिश्वत: 22 जनवरी 2016 को पीड़ित रियाज निवासी सितारगंज जिला उधम सिंह नगर ने सतर्कता अधिष्ठान में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके द्वारा साल 2014-15 के अंतर्गत नानकमत्ता डिग्री कॉलेज से लेकर मेन रोड तक निर्माण कार्य कराया गया था. इसी बीच सड़क निर्माण की बाकी राशि का भुगतान करने की एवज में लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता ने 55 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी, लेकिन पीड़ित रिश्वत नहीं देना चाहता था. इसलिए पीड़ित ने सतर्कता अधिष्ठान में शिकायत दर्ज करवाई थी.
रिश्वत लेते हुए सहायक अभियंता गिरफ्तार: सतर्कता अधिष्ठान ने शिकायत दर्ज करने के बाद नियम अनुसार कार्रवाई करते हुए सतर्कता सेक्टर हल्द्वानी की ट्रैप टीम को तैयार किया और ट्रैप टीम ने आरोपी चंद्र सिंह रौतेला को 55000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. सतर्कता अधिष्ठान ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया था.
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अर्थदंड जमा न करने पर भुगतनी होगी अतिरिक्त सजा:अभियोजन अधिकारी दीपा रानी ने बताया कि आज अपर सेशन न्यायाधीश नीलम रात्रा ने आरोपी चंद्र सिंह रौतेला को दोषी पाते हुए 1988 की धारा 7 के तहत तीन साल के कारावास और 25000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. साथ ही 1988 की धारा 7/13(1) के तहत 5 साल के कारावास और 25000 रुपए का जुर्माना लगाया है. वहीं, अगर आरोपी द्वारा जुर्माना अदा नहीं किया गया, तो 6-6 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
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