देहरादून: राज्य सरकार प्रदेश के भीतर खेलों को प्रोत्साहित करने के साथ ही इससे जुड़ी व्यवस्थाओं को विकसित करने की कवायद में जुटी है. राज्य सरकार प्रदेश के खिलाड़ियों को एक बेहतर प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है. वहीं, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने उत्तराखंड सरकार को इसके लिए एक प्रस्ताव भेजा है. जिसमें सीएयू ने राज्य सरकार से पर्वतीय क्षेत्रों के स्कूलों के ग्राउंड को खेल ग्राउंड के रूप में विकसित करने और देहरादून के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को एसोसिएट मेंबरशिप देने की बात कही है. ताकि इससे पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले खिलाड़ियों को एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाया जा सके.
क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड द्वारा भेजे गए इस प्रस्ताव के बाद उत्तराखंड सरकार ने फिलहाल सहमति जता दी है. मगर इस मसले पर 9 अक्टूबर को खेल सचिव बृजेश सिंह से सीएयू के पदाधिकारियों की मुलाकात होनी है. जिसमें मुख्य रुप से सीएयू द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी.
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वहीं, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के सचिव महिम वर्मा ने बताया कि उत्तराखंड राज्य की पहाड़ी क्षेत्रों में ग्राउंड की बड़ी समस्या है. पहाड़ी क्षेत्रों में ग्राउंड बनाना एक बड़ी चुनौती के साथ ही एक लंबा प्रोसेस भी है. ऐसे में राज्य सरकार को यह प्रस्ताव दिया गया है कि जिन स्कूलों में भी ग्राउंड हैं, उन स्कूलों के साथ सीएयू का टाय-अप करा दिया जाए, ताकि सीएयू उन स्कूलों के ग्राउंड को मेंटेन करने के साथ ही फैसिलिटी उपलब्ध करा सके.
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साथ ही महिम वर्मा ने बताया कि प्रदेश के 9 पर्वतीय जिले ऐसे हैं, जहां ग्राउंड मौजूद नहीं हैं. ऐसे में सीएयू का प्रस्ताव है कि इन जिलों में ब्लॉक स्तर पर एक से दो स्कूलों से सीएयू का करार हो. महिम वर्मा के अनुसार, इससे पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों का खेल के प्रति रुझान बढ़ेगा. साथ ही क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड को जिलों में भी ग्राउंड मिल सकेगा. इसके साथ ही देहरादून स्थित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की एसोसिएट मेंबरशिप देने का भी प्रस्ताव दिया है, ताकि स्टेडियम को मेंटेन कर उसे इंडोर बनाया जा सके. जिससे ग्राउंड में इंटरनेशनल मैच कराए जा सकेंगे. साथ ही इससे स्पोर्ट्स कॉलेज के खिलाड़ियों जिलो में नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि यहीं उसका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा.