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इंसानों की तरह गोवंश के जन्म-मृत्यु का होगा पंजीकरण, डीपीआर को लेकर कवायद तेज - देहरादून

सूबे की त्रिवेंद्र सरकार अनोखी पहल शुरू करने जा रही है. गौ सेवा अध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि अब गोवंश के जन्म और मृत्यु का भी पंजीकरण होगा. ताकि पता लग सके कि गायों की संख्या कितनी है और उसके मरने के पीछे के कारण क्या है?

गाय का भी होगा जन्म प्रमाण पत्र
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Published : Sep 10, 2019, 8:54 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में अब केवल मनुष्य ही नही गोवंश के जन्म का भी पंजीकरण होगा. गोवंश के जन्म का प्रमाण पत्र ही नहीं बल्कि सड़क पर या फिर कहीं भी गोवंश की मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम कर के पता लगाया जाएगा कि उसकी मौत की वजह क्या थी? उत्तराखंड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष और दर्जा धारी मंत्री राजेंद्र अंथवाल ने ईटीवी भारत को ये जानकारियां दी.

गोवंश के जन्म का भी होगा पंजीकरण.

गांव गंगा की बात करने वाली भाजपा सरकार अब गायों के संरक्षण के लिए एक अनोखी पहल करने जा रही है. गौ सेवा अध्यक्ष राज्यमंत्री राजेंद्र अंथवाल ने बताया कि प्रदेशभर में गठित की गई जिलाधिकारियों की अध्यक्षता वाली कमेटी में आयोग द्वारा सभी जिलों में यह निर्देश दिया गया है कि जल्द ही पूरे प्रदेश में आम जनता की तरह गायों का भी जन्म और मृत्यु का पंजीकरण किया जाए, ताकि पता चल सके कि गायों की संख्या कितनी है और उसके मरने के पीछे के कारण क्या है?

पढ़ेंः आखिर क्यों भगवान गणेश को नहीं सुहाती तुलसी ?

इतना ही नहीं प्रदेश भर की गायों की टैगिंग का कार्य भी गौ सेवा आयोग द्वारा शुरू करवा दिया गया है. इस व्यवस्था के पीछे राज्यमंत्री ने उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि जब तक गाय दूध देती है, तब तक लोग उसे पालते हैं और उसके बाद उसको छोड़ देते हैं. जिस वजह से रोड पर आने-जाने वाले लोगों को दिक्कत होती है. किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुंचता है. राज्यमंत्री अंथवाल के अनुसार जब यह व्यवस्था सुचारू ढंग से लागू हो जाएगी तो ऐसे लोगों पर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ेंः यहां तो दवा ही दे गई दगा, लाखों की फसल बर्बाद

साथ ही साथ राज्य मंत्री का कहना है कि जल्द आवारा घूमने वाले गोवंश के लिए हर नगर निगम और नगर पंचायत स्तर पर गौशालाओं का निर्माण करवाया जाएगा. जिसके लिए डीपीआर बनाने का काम शुरू हो चुका है.

देहरादून: उत्तराखंड में अब केवल मनुष्य ही नही गोवंश के जन्म का भी पंजीकरण होगा. गोवंश के जन्म का प्रमाण पत्र ही नहीं बल्कि सड़क पर या फिर कहीं भी गोवंश की मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम कर के पता लगाया जाएगा कि उसकी मौत की वजह क्या थी? उत्तराखंड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष और दर्जा धारी मंत्री राजेंद्र अंथवाल ने ईटीवी भारत को ये जानकारियां दी.

गोवंश के जन्म का भी होगा पंजीकरण.

गांव गंगा की बात करने वाली भाजपा सरकार अब गायों के संरक्षण के लिए एक अनोखी पहल करने जा रही है. गौ सेवा अध्यक्ष राज्यमंत्री राजेंद्र अंथवाल ने बताया कि प्रदेशभर में गठित की गई जिलाधिकारियों की अध्यक्षता वाली कमेटी में आयोग द्वारा सभी जिलों में यह निर्देश दिया गया है कि जल्द ही पूरे प्रदेश में आम जनता की तरह गायों का भी जन्म और मृत्यु का पंजीकरण किया जाए, ताकि पता चल सके कि गायों की संख्या कितनी है और उसके मरने के पीछे के कारण क्या है?

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इतना ही नहीं प्रदेश भर की गायों की टैगिंग का कार्य भी गौ सेवा आयोग द्वारा शुरू करवा दिया गया है. इस व्यवस्था के पीछे राज्यमंत्री ने उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि जब तक गाय दूध देती है, तब तक लोग उसे पालते हैं और उसके बाद उसको छोड़ देते हैं. जिस वजह से रोड पर आने-जाने वाले लोगों को दिक्कत होती है. किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुंचता है. राज्यमंत्री अंथवाल के अनुसार जब यह व्यवस्था सुचारू ढंग से लागू हो जाएगी तो ऐसे लोगों पर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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साथ ही साथ राज्य मंत्री का कहना है कि जल्द आवारा घूमने वाले गोवंश के लिए हर नगर निगम और नगर पंचायत स्तर पर गौशालाओं का निर्माण करवाया जाएगा. जिसके लिए डीपीआर बनाने का काम शुरू हो चुका है.

Intro:Note- इस ख़बर की फीड FTP से (uk_deh_02_gou_birth_registration_vis_byte_7205800) नाम से भेजी गई है।

एंकर- उत्तराखंड में अब केवल मनुष्यों का नही गोवंश के भी जन्म का पंजीकरण होगा और गोवंश के जन्म का प्रमाण पत्र ही नही बल्कि सड़क पर या फिर कहीं भी गोवंश की मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम कर के पता लागये जाएगा कि उसके मौत की वजह क्या थी। उत्तराखंड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष, दर्जा धारी मंन्त्री राजेंद्र अंथवाल ने ईटीवी भारत को ये जानकारी दी है।


Body:वीओ- गांव गंगा की बात करने वाली भाजपा सरकार अब गायों के संरक्षण के लिए एक अनोखी पहल करने जा रही है। गौ सेवा अध्यक्ष राज्यमंत्री राजेश राजेंद्र अंथवाल ने बताया कि प्रदेशभर मैं गठित की गई जिलाधिकारियों की अध्यक्षता वाली कमेटी में आयोग द्वारा सभी जिलों में यह निर्देश दिया गया है कि जल्द ही पूरे प्रदेश में आम जनता की तरह गायों का भी जन्म और मृत्यु का पंजीकरण किया जाए जिससे पता चल सकेगा कि गाय किस की है और उसके मरने के पीछे के कारण क्या है।

इतना ही नहीं प्रदेश भर की गायों की टैगिंग का कार्य भी गौ सेवा आयोग द्वारा शुरू करवा दिया गया है। इस व्यवस्था के पीछे राज्यमंत्री ने उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि जब तक गाय दूध देती है तब तक लोग उसे पालते हैं और उसके बाद उसको छोड़ देते हैं। जिसकी वजह से रोड पर आने वाले लोगों को दिक्कत होती है साथ ही किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुंचता है। मंत्री अंथवाल के अनुसार जब यह व्यवस्था सुचारू ढंग से लागू हो जाएगी तो उससे ऐसे लोगों पर एक्ट के तहत कार्यवाही की जा सकेगी।

साथ ही साथ राज्य मंत्री का कहना है कि जल्दी आवारा घूमने वाले गोवंश के लिए हर नगर निगम और नगर पंचायत स्तर पर गौशालाओं का निर्माण युद्धस्तर पर करवाया जाएगा जिसके लिए डीपीआर बनाने का काम शुरू हो चुका है।

बाइट- राजेन्द्र अंथवाल, राज्य मंत्री अध्यक्ष गौ सेवा आयोग।


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