देहरादूनः देश में 16 जनवरी से शुरू होने वाले कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए उत्तराखंड स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह तैयार है. स्वास्थ्य महानिदेशक डाॅ. अमिता उप्रेती का कहना है कि विभाग द्वारा इसके लिए 4943 सरकारी एवं निजी स्वास्थ्य इकाइयों को चिन्हित किया गया है. जिनमें 9708 टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाएंगे और 87,588 हेल्थ केयर वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी. भारत सरकार की ऑपरेशनल गाइडलाइन के अनुसार टीकाकरण की निगरानी के लिए विभाग द्वारा 402 पर्यवेक्षकों को तैनात किया जाएगा और 120 अतिरिक्त पर्यवेक्षक वैक्सीनेटर का कार्य भी करेंगे.
इस अभियान को सफल बनाने के लिए 2118 महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता एएनएम को वैक्सीनेटर बनाया गया है. इसी क्रम में अभियान की व्यापकता को देखते हुए 6509 संभावित वैक्सीनेटर्स को चिन्हित किया गया है.
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती ने बताया कि वैक्सीनेशन अभियान के लिए राज्य के अंतर्गत 317 कोल्ड चेन प्वाइंट बनाए गए हैं. जहां पर वैक्सीन का रख-रखाव एवं उचित तापमान पर स्टोरेज की व्यवस्था की गई है. वैक्सीन की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए 483 आइस लाइन रेफ्रिजरेटर, 547 डीप फ्रीजर, 3 वाॅक इन कूलर तथा 2 वाॅक इन फ्रीजर की व्यवस्था की गई है.
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती ने बताया वैक्सीनेशन अभियान 3 चरणों में आयोजित होगा. पहले चरण में हेल्थ केयर वर्कर व फ्रंट लाईन वर्कर को वैक्सीन दी जाएगी. दूसरे चरण में 50 वर्ष से अधिक आयु एवं अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों को दी जाएगी और तीसरे चरण में शेष अन्य लोगों को वैक्सीन दी जायेगी.
एक केंद्र पर 100 लोगों को लगेगा टीका
अमिता उप्रेती ने बताया कि स्वास्थ्य को किसी भी प्रकार से बाधित नहीं होने दिया जाएगा. जिसके लिए भारत सरकार के स्तर पर भी एक सलाहकार ग्रुप का गठन किया गया है, जो इस बारे में कार्य कर रहा है. स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि कोविड-19 का कार्य आम चुनाव के दौरान की जाने वाली प्रशासनिक व्यवस्था के अनुरूप किया जा रहा है.
प्रत्येक वैक्सीनेशन केन्द्र में तीन कमरों को चिन्हित किया गया है. जिसके अंतर्गत प्रतीक्षा कक्ष, वैक्सीनेशन कक्ष व ऑब्जर्वेशन कक्ष बनाए गए हैं. प्रत्येक केंद्र पर एक वैक्सीनेटर तथा चार वैक्सीनेशन ऑफिसर तैनात रहेंगे. 100 लाभार्थियों को एक केंद्र पर टीका दिया जाएगा. इन सभी स्थानों पर इंटरनेट की व्यवस्था के साथ ही पेयजल, शौचालय बनाए गए हैं. विद्युत आपूर्ति को सुचारू रखने के लिए विभाग को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं.
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जिला टास्क फोर्स का गठन
अमिता उप्रेती ने बताया अभी तक तीन बार स्तरीय स्टेरिंग कमेटी की बैठकें और 8 बार राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की बैठकों का आयोजन कर वैक्सीनेशन की तैयारियों की समीक्षा की गई है. इस गतिविधि को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए सभी जनपदों में जिला अधिकारी के नेतृत्व में जिला टास्क फोर्स कार्य कर रहा है.
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती ने बताया ने कहा कि वैक्सीनेशन के दौरान किसी भी प्रकार की आपात स्थिति अथवा वैक्सीनेशन के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने के लिए आवश्यक व्यवस्था की गई हैं और वैक्सीनेशन स्थल पर जीवन रक्षक औषधियों और संसाधनों को उपलब्ध कराया गया है. इसके अतिरिक्त समीपवर्ती प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को मजबूत किया गया है.
खास बात ये है कि वैक्सीनेशन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद देशभर में मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इस दिशा में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के अस्पतालों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑनलाइन जुड़ेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान विभिन्न केंद्रों की व्यवस्थाओं को देखेंगे. वैक्सीनेशन के लिए बनाए गए इन केंद्रों में से देहरादून के तीन केंद्रों पर चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को पीएम मोदी ऑनलाइन संबोधित भी करेंगे. जबकि दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों, कर्मचारियों और इसके लाभार्थियों से पीएम मोदी सीधा संवाद भी करेंगे.
तीसरा ड्राई रन
कोविड टीकाकरण के संबंध में देहरादून जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने प्रेसवार्ता की. उन्होंने बताया कि कोरोना टीके को लेकर जिला स्तर पर पूरी तैयारी कर ली गई है. क्योंकि देहरादून जिले में सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं. ऐसे में हम टीकाकरण को लेकर किसी भी परिस्थिति से निपटने को तैयार है. प्रदेश स्वास्थ्य महकमे से मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार को प्रदेशभर में तीसरे चरण का ड्राई रन चलाया जाएगा.
पीएम की मीटिंग में वर्चुअली जुड़े सीएम त्रिवेंद्र
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ आयोजित हुई मुख्यमंत्रियों की बैठक में प्रतिभाग किया. वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में आगामी 16 जनवरी को कोविड-19 से बचाव के लिये देश भर में टीका करण अभियान के सफल आयोजन पर चर्चा हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टीकाकरण अभियान के प्रथम चरण में एक करोड़ हेल्थ वर्कर्स और 2 करोड़ फ्रंट लाइन वर्कर्स को यह वैक्सीन दी जायेगी. केन्द्र सरकार के स्तर पर वैक्सीन क्रय कर राज्यों को निःशुल्क उपलब्ध करायी जायेगी. इसके बाद 50 वर्ष से उपर के लोगों को वैक्सीन उपलब्ध होगी. प्रधानमंत्री ने बर्ड फ्लू के दृष्टिगत भी सभी मुख्यमंत्रियों से इसके बचाव की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने की अपेक्षा की.
मुख्यमंत्री रावत ने प्रदेश में बर्ड फ्लू के दृष्टिगत एहतियात बरतने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने इसकी रोकथाम के लिये प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने हेतु पशुपालन, वन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने को कहा है.