देहरादूनः कोविड टीकाकरण के दूसरे दिन सोमवार को दून मेडिकल कॉलेज के हेल्थ वर्करों में टीकाकरण को लेकर उत्साह देखने को मिला. इस अभियान में वार्ड ब्वॉय से लेकर बड़े चिकित्सा अधिकारियों ने टीका लगवाया है. इस दौरान उन्होंने कोविड महामारी को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए टीका को सफल और सुरक्षित होने का संदेश दिया है. इस मौके पर दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना ने स्वयं आगे आकर वैक्सीनेशन करवाया है.
दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना ने कहा कि टीकाकरण का सभी हेल्थ वर्करों को बेसब्री से इंतजार था कि कब टीकाकरण होगा. इसी क्रम में उन्हें एसएमएस के माध्यम से टीकाकरण किए जाने को लेकर जानकारी प्राप्त हुई. उसके बाद वे टीकाकरण सेंटर पर पहुंचे और वैक्सीनेशन कराया.
उन्होंने कहा कि टीकाकरण को लेकर जो भ्रांतिया फैली हैं, वे निराधार हैं. वैक्सीन को साइंटिफिक तरीके से इजाद किया गया है. उन्होंने सुरक्षित वैक्सीनेशन का संदेश देते हुए कहा कि अन्य टीके की तरह बुखार, शरीर में दर्द या जलन जैसी शिकायत आ सकती है. लेकिन इससे कोई परेशानी नहीं है. इसलिए हमें पूरे उत्साह के साथ ही इस अभियान में शामिल होना चाहिए.
प्राचार्य का कहना है कि ये बड़े हर्ष की बात है कि पूरे देश में विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ है. बता दें कि दून मेडिकल कॉलेज में करीब 14 सौ हेल्थ वर्करों का टीकाकरण होना है. सोमवार को दूसरे दिन टीकाकरण को लेकर हेल्थ कर्मी वैक्सीनेशन बूथ पर पहुंच रहे हैं. इसी कड़ी में आज 100 और हेल्थ कर्मियों का टीकाकरण किया जाना है.
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दून मेडिकल कॉलेज में खुली ओपीडी
कोरोना मरीजों की घटती संख्या के बाद दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में सामान्य मरीजों के लिए ओपीडी खोल दी गई है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने चरणबद्ध तरीके से ओपीडी खोले जाने का निर्णय लिया था. सोमवार से ओपीडी खुलने के बाद सामान्य मरीजों ने राहत की सांस ली है.
इससे पहले दून अस्पताल में ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था बनाई गई थी, लेकिन आज से मरीजों को अस्पताल आकर पूर्व की भांति पंजीकरण कराना होगा. सभी विभागों की ओपीडी खुलने के बाद मरीजों की भीड़ देखने को मिल रही है. अस्पताल में करीब 9 माह बाद बीते महीने से ओपीडी शुरू की गई थी. लेकिन हर विभाग में 20 मरीज देखे जाने की ही बाध्यता रखी गई थी.
पर अब सोमवार से इलाज कराने पहुंचे मरीजों ने रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पहुंचकर अपना पंजीकरण कराया और ओपीडी में जाकर संबंधित विभागों के चिकित्सकों से परामर्श लिया. इधर मरीजों की दवा काउंटर में भी भारी भीड़ देखने को मिली. दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि बीते कई महीनों से कोविड-19 के कारण ओपीडी बंद रही. जिसको चरणबद्ध रूप से बढ़ाने की कोशिश की गई है
दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. एन खत्री का कहना है कि सभी विभागों के चिकित्सक सोशल डिस्टेंसिंग और सावधानी बरतने के नियमों का पालन करते हुए ओपीडी में मरीजों को देख रहे हैं.