नैनीताल: दस साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में लंबी सुनवाई के बाद आध्यात्मिक गुरु पायलट बाबा को कोर्ट न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. पायलट बाबा ने गुरुवार को नैनीताल जिला न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था. जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने बाबा को हिरासत में लेने का आदेश दिया था.
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बता दें कि गुरुवार को आत्मसमर्पण करने के बाद बाबा ने कोर्ट में जमानत याचिक दाखिल की थी, लेकिन जिला न्यायालय के न्यायाधीश नरेंद्र दत्त ने लंबी सुनवाई के बाद रात 8 बजे बाबा की जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया था.
गौरतलब है कि 25 नवंबर 2008 को हल्द्वानी निवासी हरीश पाल ने आइकावा इंटरनेशनल एजुकेशन संस्था के संस्थापक व संचालक हिमांशु राय, इशरत खान, उपाध्यक्ष जापानी नागरिक केको आइकावा, कपिल अद्वैत उर्फ पायलट बाबा व इनके सहयोगी इरफान खान, पीसी भंडारी, विजय यादव व मंगल गिरी के खिलाफ धारा 420 और 506 में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
हरीश पाल ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा था कि आरोपियों ने कंप्यूटर सेंटर की शुरुआत करने के लिए उनसे 67,760 रुपए के बदले आश्वासन दिया गया था कि उन्हें 50,500 रुपए प्रतिमाह की आय होगी. उनसे कुल 32,0760 रुपये की राशि हड़प ली गई और कुछ नहीं मिला. इतना ही नहीं जब हरीश पाल ने पैसे मांगें तो उन्हें जाने से मारने की धमकी दी गई.
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11 हजार लोगों से की थी धोखाधड़ी
आरोपियों ने हल्द्वानी में नवाज हुसैन उर्फ बॉबी, अर्जुनपुर हल्द्वानी के अनुराग मांजिला, हरी नगर निवासी तबस्सुम आरिफ सहित 11 हजार लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के भी आरोप लगाए थे. मामले की जांच सीबीसीआईडी ने की थी. साल 2010 में आरोप पत्र दाखिल किया था. तब से आरोपियों को समन भेजे जाते थे जो उन लोगों के न मिलने पर तामील नहीं हुए और ये मामला कोर्ट में चलता रहा.
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सरकारी अधिवक्ता सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि सीबीसीआईडी ने अपनी जांच पूरी कर 15 जून 2010 को आरोपी पत्र न्यायालय में पेश कर दिया था. जिसके बाद कोर्ट ने इन सभी 7 लोगों को समन भेजे था, लेकिन कभी भी इनके द्वारा समन नहीं लिया गया और न ही ये कभी अपने पते पर मिले.
पायलट बाबा के अन्य आरोपी साथी अभी भी फरार चल रहे हैं. गिरफ्तारी के बचने से लिए पायलट बाबा नैनीताल हाई कोर्ट की शरण में गए थे, लेकिन हाई कोर्ट ने उन्हें सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था. इसके बाद उन्होंने गुरुवार को सीजेएम नैनीताल के समक्ष आत्मसमर्पण किया. जिसके बाद कोर्ट ने बाबा को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.