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धोखाधड़ी के मामले में पायलट बाबा को जेल, कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

आत्मसमर्पण करने के बाद बाबा ने कोर्ट में जमानत याचिक दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.

पायलट बाबा
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Published : Apr 5, 2019, 10:16 AM IST

Updated : Apr 5, 2019, 10:41 AM IST

नैनीताल: दस साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में लंबी सुनवाई के बाद आध्यात्मिक गुरु पायलट बाबा को कोर्ट न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. पायलट बाबा ने गुरुवार को नैनीताल जिला न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था. जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने बाबा को हिरासत में लेने का आदेश दिया था.

पायलट बाबा की जमानत याचिका खारिज

पढ़ें- चुनाव से 48 घंटे पहले भारत-नेपाल सीमा हो जाएगी सील

बता दें कि गुरुवार को आत्मसमर्पण करने के बाद बाबा ने कोर्ट में जमानत याचिक दाखिल की थी, लेकिन जिला न्यायालय के न्यायाधीश नरेंद्र दत्त ने लंबी सुनवाई के बाद रात 8 बजे बाबा की जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया था.

गौरतलब है कि 25 नवंबर 2008 को हल्द्वानी निवासी हरीश पाल ने आइकावा इंटरनेशनल एजुकेशन संस्था के संस्थापक व संचालक हिमांशु राय, इशरत खान, उपाध्यक्ष जापानी नागरिक केको आइकावा, कपिल अद्वैत उर्फ पायलट बाबा व इनके सहयोगी इरफान खान, पीसी भंडारी, विजय यादव व मंगल गिरी के खिलाफ धारा 420 और 506 में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
हरीश पाल ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा था कि आरोपियों ने कंप्यूटर सेंटर की शुरुआत करने के लिए उनसे 67,760 रुपए के बदले आश्वासन दिया गया था कि उन्हें 50,500 रुपए प्रतिमाह की आय होगी. उनसे कुल 32,0760 रुपये की राशि हड़प ली गई और कुछ नहीं मिला. इतना ही नहीं जब हरीश पाल ने पैसे मांगें तो उन्हें जाने से मारने की धमकी दी गई.

पढ़ें- विधानसभा चुनाव में दिखाए तेवर और छोड़ी दी पार्टी, अब लोकसभा चुनाव में कर रहे घर वापसी

11 हजार लोगों से की थी धोखाधड़ी

आरोपियों ने हल्द्वानी में नवाज हुसैन उर्फ बॉबी, अर्जुनपुर हल्द्वानी के अनुराग मांजिला, हरी नगर निवासी तबस्सुम आरिफ सहित 11 हजार लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के भी आरोप लगाए थे. मामले की जांच सीबीसीआईडी ने की थी. साल 2010 में आरोप पत्र दाखिल किया था. तब से आरोपियों को समन भेजे जाते थे जो उन लोगों के न मिलने पर तामील नहीं हुए और ये मामला कोर्ट में चलता रहा.

पढ़ें- 2019 में बना पिता-पुत्र और शिष्य का त्रिकोण, जानें- गढ़वाल लोकसभा सीट का पूरा गणित

सरकारी अधिवक्ता सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि सीबीसीआईडी ने अपनी जांच पूरी कर 15 जून 2010 को आरोपी पत्र न्यायालय में पेश कर दिया था. जिसके बाद कोर्ट ने इन सभी 7 लोगों को समन भेजे था, लेकिन कभी भी इनके द्वारा समन नहीं लिया गया और न ही ये कभी अपने पते पर मिले.

पायलट बाबा के अन्य आरोपी साथी अभी भी फरार चल रहे हैं. गिरफ्तारी के बचने से लिए पायलट बाबा नैनीताल हाई कोर्ट की शरण में गए थे, लेकिन हाई कोर्ट ने उन्हें सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था. इसके बाद उन्होंने गुरुवार को सीजेएम नैनीताल के समक्ष आत्मसमर्पण किया. जिसके बाद कोर्ट ने बाबा को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

नैनीताल: दस साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में लंबी सुनवाई के बाद आध्यात्मिक गुरु पायलट बाबा को कोर्ट न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. पायलट बाबा ने गुरुवार को नैनीताल जिला न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था. जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने बाबा को हिरासत में लेने का आदेश दिया था.

पायलट बाबा की जमानत याचिका खारिज

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बता दें कि गुरुवार को आत्मसमर्पण करने के बाद बाबा ने कोर्ट में जमानत याचिक दाखिल की थी, लेकिन जिला न्यायालय के न्यायाधीश नरेंद्र दत्त ने लंबी सुनवाई के बाद रात 8 बजे बाबा की जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया था.

गौरतलब है कि 25 नवंबर 2008 को हल्द्वानी निवासी हरीश पाल ने आइकावा इंटरनेशनल एजुकेशन संस्था के संस्थापक व संचालक हिमांशु राय, इशरत खान, उपाध्यक्ष जापानी नागरिक केको आइकावा, कपिल अद्वैत उर्फ पायलट बाबा व इनके सहयोगी इरफान खान, पीसी भंडारी, विजय यादव व मंगल गिरी के खिलाफ धारा 420 और 506 में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
हरीश पाल ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा था कि आरोपियों ने कंप्यूटर सेंटर की शुरुआत करने के लिए उनसे 67,760 रुपए के बदले आश्वासन दिया गया था कि उन्हें 50,500 रुपए प्रतिमाह की आय होगी. उनसे कुल 32,0760 रुपये की राशि हड़प ली गई और कुछ नहीं मिला. इतना ही नहीं जब हरीश पाल ने पैसे मांगें तो उन्हें जाने से मारने की धमकी दी गई.

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11 हजार लोगों से की थी धोखाधड़ी

आरोपियों ने हल्द्वानी में नवाज हुसैन उर्फ बॉबी, अर्जुनपुर हल्द्वानी के अनुराग मांजिला, हरी नगर निवासी तबस्सुम आरिफ सहित 11 हजार लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के भी आरोप लगाए थे. मामले की जांच सीबीसीआईडी ने की थी. साल 2010 में आरोप पत्र दाखिल किया था. तब से आरोपियों को समन भेजे जाते थे जो उन लोगों के न मिलने पर तामील नहीं हुए और ये मामला कोर्ट में चलता रहा.

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सरकारी अधिवक्ता सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि सीबीसीआईडी ने अपनी जांच पूरी कर 15 जून 2010 को आरोपी पत्र न्यायालय में पेश कर दिया था. जिसके बाद कोर्ट ने इन सभी 7 लोगों को समन भेजे था, लेकिन कभी भी इनके द्वारा समन नहीं लिया गया और न ही ये कभी अपने पते पर मिले.

पायलट बाबा के अन्य आरोपी साथी अभी भी फरार चल रहे हैं. गिरफ्तारी के बचने से लिए पायलट बाबा नैनीताल हाई कोर्ट की शरण में गए थे, लेकिन हाई कोर्ट ने उन्हें सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था. इसके बाद उन्होंने गुरुवार को सीजेएम नैनीताल के समक्ष आत्मसमर्पण किया. जिसके बाद कोर्ट ने बाबा को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

Intro:नोट विजुअल और बाइट मेल से भेजे हैं

स्लग- बाबा को जेल

रिपोर्ट -गौरव जोशी

स्थान- नैनीताल

एंकर -11हजार लोगों से कंप्यूटर सेंटर के खोलने के नाम पर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप में नैनीताल जिला न्यायालय ने आध्यात्मिक पायलट बाबा को जेल भेज दिया है,,

विवादित आध्यात्मिक गुरु पायलट बाबा ने आज धोखाधड़ी के आरोप के मामले में नैनीताल जिला न्यायालय में आत्मसमर्पण करा था,, जिसके बाद कोर्ट ने बाबा को हिरासत में ले लिया वहीं, बाबा को हिरासत में लेने के बाद बाबा की तरफ से जमानत याचिका दायर की गई मामले की सुनवाई करते हुए जिला न्यायालय के न्यायाधीश नरेंद्र दत्त कि कोर्ट ने रात 8 बजे बाबा की जमानत याचिका खारिज कर दी और बाबा को जेल भेजने के आदेश दिए


Body:आपको बता दें कि 25 नवंबर 2008को हल्द्वानी निवासी हरीश पाल द्वारा आईकावा इंटरनेशनल एजुकेशन के खिलाफ धारा 420 ,506 के मामले में नैनीताल के तल्लीताल थाने में शिकायत दर्ज की गई,, जिसमे हिमांशु राय , कपिल अद्वैत्य उर्फ पायलट बाबा, सासाराम, इशरत खान ,इरफान खान, विजय यादव, पीसी भंडारी, और मंगलगिरी के खिलाफ शिकायत दर्ज की ,,
हरीश पाल ने शिकायत में कहा कि आईकावा के संस्थापक, संचालक और चेयरमैन हिमांशु राय और पायलट बाबा समेत अन्य ने ठगी कर उनसे कंप्यूटर सेंटर खोलने के नाम पर ₹67,760 वसूले,,, और इन रूपों के एवज में कंप्यूटर सेंटर के संचालन हेतु ₹50500 प्रति माह की दर से देने का भरोसा दिलाया था और इस तरह उनके द्वारा कुल ₹3 लाख 20हजार 760 हड़प लिए,, और रुपए मांगने पर उन को जान से मारने की धमकी देने लगे,,, इसके अलावा इनके द्वारा हल्द्वानी में नवाज हुसैन उर्फ बॉबी, अर्जुनपुर हल्द्वानी के अनुराग मांजिला,, हरी नगर निवासी तबस्सुम आरिफ सहित 11 हजार व्यक्तियों के साथ धोखाधड़ी करने के भी आरोप लगाए थे,,


Conclusion:सरकारी अधिवक्ता सुशील कुमार शर्मा द्वारा बताया गया कि मामले में सीबी सीआईडी ने जांच की थी और जांच पूरी कर 15 जून 2010 को आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया,,जिसके बाद कोर्ट ने इन सभी 7 लोगों को सम्मन भेजे थे,,, लेकिन कोर्ट द्वारा जारी सम्मन को इन के द्वारा कभी नहीं लिया गया और ना ही यह लोग अपने पते पर मिले,,वही पायलट बाबा के अन्य आरोपी साथी अभी भी फरार चल रहे हैं इधर पायलट बाबा की तरफ से गिरफ्तारी से बचने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट की शरण ली गई और कोर्ट ने पायलट बाबा को सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण करने को कहा और आज पायलट बाबा ने नैनीताल सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण करा,, जिसके बाद कोर्ट ने पायलट बाबा को हिरासत में लेते हुए जेल भेजने के आदेश दिए जिसके बाद पायलट बाबा की तरफ से आज ही जमानत याचिका भी दायर की गई और मामले की सुनवाई करते हुए जिला न्यायालय के न्यायाधीश नरेंद्र दत्त द्वारा बाबा की जमानत याचिका खारिज कर दी और बाबा को जेल भेज दिया,,,
Last Updated : Apr 5, 2019, 10:41 AM IST
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