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काउंसलिंग से रुकेंगी सुसाइड की घटनाएं, शुरू हुआ हेल्पलाइन नंबर - doctor Sona Kaushal

उत्तराखंड में आत्महत्या की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर की शुरूआत की गई है. हेल्पलाइन पर 24 घंटे और 7 दिन साइकोलॉजिस्ट उपलब्ध रहेंगे.

suicide incidents
देहरादून
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Published : Nov 29, 2019, 12:26 PM IST

देहरादून: देश में आत्महत्या की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है. नाबालिग भी आत्महत्या करने जैसा कदम उठा रहे हैं. विशेषज्ञ इसका कारण डिप्रेशन और ड्रग्स एब्यूज मान रहे हैं. बच्चों के डिप्रेशन का मुख्य कारण पबजी, ब्लू व्हेल जैसे वीडियो गेम्स और फिल्में भी हैं. जो लगातार बच्चों को डिप्रेशन की ओर ले जा रही हैं. बच्चों में आत्महत्या जैसा कदम उठाने की घटनाओं को रोकने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. हेल्पलाइन पर 24 घंटे और 7 दिन साइकोलॉजिस्ट उपलब्ध रहेंगे.

काउंसलिंग से रुकेंगी सुसाइड की घटनाएं

डॉक्टर सोना कौशल ने बताया कि हर 40 सेकेंड में कहीं न कहीं एक आत्महत्या की घटना होती है. इन घटनाओं को रोकने का एकमात्र उपाय यह है कि इसके कारणों को जाना जाए. जिसका मुख्य कारण डिप्रेशन और ड्रग्स एब्यूज हो सकता है.

पढ़ें- नैनीताल: इंडियन एयरफोर्स के रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर के घर में लगी भीषण आग, बमुश्किल पाया काबू

विशेषज्ञों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति डिप्रेशन में है तो उसका उपचार संभव है. डिप्रेशन में आए व्यक्ति की अगर समय पर काउंसलिंग और ट्रीटमेंट किया जाये तो वह डिप्रेशन से बाहर आ सकता है. बच्चे ड्रग्स एब्यूज की ओर इसलिए जा रहे हैं क्योंकि वो स्ट्रेस में आ रहे हैं. इसको ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड में पहली बार हेल्पलाइन नंबर 9411028002 की शुरुआत की गई है. हेल्पलाइन पर 24x7 साइकोलॉजिस्ट मौजूद रहेंगे जो ऐसे बच्चों की काउंसलिंग करेंगे.

देहरादून: देश में आत्महत्या की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है. नाबालिग भी आत्महत्या करने जैसा कदम उठा रहे हैं. विशेषज्ञ इसका कारण डिप्रेशन और ड्रग्स एब्यूज मान रहे हैं. बच्चों के डिप्रेशन का मुख्य कारण पबजी, ब्लू व्हेल जैसे वीडियो गेम्स और फिल्में भी हैं. जो लगातार बच्चों को डिप्रेशन की ओर ले जा रही हैं. बच्चों में आत्महत्या जैसा कदम उठाने की घटनाओं को रोकने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. हेल्पलाइन पर 24 घंटे और 7 दिन साइकोलॉजिस्ट उपलब्ध रहेंगे.

काउंसलिंग से रुकेंगी सुसाइड की घटनाएं

डॉक्टर सोना कौशल ने बताया कि हर 40 सेकेंड में कहीं न कहीं एक आत्महत्या की घटना होती है. इन घटनाओं को रोकने का एकमात्र उपाय यह है कि इसके कारणों को जाना जाए. जिसका मुख्य कारण डिप्रेशन और ड्रग्स एब्यूज हो सकता है.

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विशेषज्ञों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति डिप्रेशन में है तो उसका उपचार संभव है. डिप्रेशन में आए व्यक्ति की अगर समय पर काउंसलिंग और ट्रीटमेंट किया जाये तो वह डिप्रेशन से बाहर आ सकता है. बच्चे ड्रग्स एब्यूज की ओर इसलिए जा रहे हैं क्योंकि वो स्ट्रेस में आ रहे हैं. इसको ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड में पहली बार हेल्पलाइन नंबर 9411028002 की शुरुआत की गई है. हेल्पलाइन पर 24x7 साइकोलॉजिस्ट मौजूद रहेंगे जो ऐसे बच्चों की काउंसलिंग करेंगे.

Intro: पूरे विश्व भर में आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं। तो वहीं उत्तराखंड में भी आए दिन नाबालिग आत्महत्या करने जैसा कदम उठा रहे हैं। विशेषज्ञ इसका कारण डिप्रेशन और ड्रग एब्यूज मान रहे हैं। बच्चों के डिप्रेशन का मुख्य कारण पबजी, ब्लू व्हेल जैसे वीडियो गेम्स और फिल्में भी हैं जो लगातार बच्चों को डिप्रेशन की ओर ले जा रही हैं, बच्चों में आत्महत्या जैसा कदम उठाने की घटनाओं को रोकने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है, हेल्पलाइन पर 24 घंटे और 7 दिन साइकोलॉजिस्ट उपलब्ध रहेंगे।


Body: इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए डॉक्टर सोना कौशल ने बताया कि हर 40 सेकंड में एक ना एक आत्महत्या की घटना कहीं ना कहीं हो रही है पूरे विश्व भर में 8सौ हज़ार लोग आत्महत्या करने जैसा कदम उठा रहे हैं इन घटनाओं को रोकने का एकमात्र उपाय यह है कि इसके कारणों पर जाया जाए जिस पर डिप्रेशन और डकैत भी उस एक मुख्य कारण है ।यदि किसी को मानसिक रोग है तो उसकी जागरूकता होगी चाहिए जिसका उपचार संभव है। डिप्रेशन में आए व्यक्ति का यदि समय पर काउंसलिंग और ट्रीटमेंट किया जाये तो वह व्यक्ति डिप्रेशन से बाहर आ सकता है। यही कारण है कि कई बच्चे ड्रग्स एब्यूज़ की और इसलिए जा रहे हैं क्योंकि वो स्ट्रैस में आ रहे हैं। अगर किसी व्यक्ति के अंदर आत्महत्या जैसा कदम उठाने के ख्याल आ रहे हैं तो उस क्षण कोई उससे विमर्श कर ले तो क्षणिक भर में उसकी जान बच सकती है। ऐसे वक्त में लोगों को जागरूकता ही नहीं बल्कि कैसे बोलना है और क्या बोलना है यह महत्वपूर्ण है। यही देखते हुए एक हेल्पलाइन नंबर 9411028002 उत्तराखंड में पहली बार लांच की गई है जो बच्चों को आत्महत्या की ओर जाने से बचाएगी कभी मन उतावला हो या कभी ऐसे ख्याल मन में आए या जान देने की बात कभी आए तो इस हेल्पलाइन नंबर को जरूर अप्रोच करना चाहिए
बाइट डॉक्टर सोना कौशल न्यूरो साइकोलॉजिस्ट


Conclusion: विशेषज्ञ बच्चों में डिप्रेशन का एक कारण पबजी, ब्लू व्हेल जैसे वीडियो गेमो को भी मानते हैं, जिसमें आजकल के बच्चे ऐसे वीडियो गेम्स में लिप्त रहते हैं, विशेषज्ञों ने बताया कि वीडियो गेम्स और फिल्में भी डिप्रेशन का एक कारण है।हेल्पलाइन पर 24 घंटे और सातों दिन साइकोलॉजिस्ट मौजूद रहेंगे जो ऐसे बच्चों की काउंसलिंग भी करेंगे।
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