ऋषिकेश: नगर निगम भी पूर्व में रही नगर पालिका की राह पर चल पड़ा है. पूर्व में नगर पालिका में आउटसोर्सिंग के ठेकेदार को 2 प्रतिशत लाभांश दिया जाता था जो अब 20 प्रतिशत कर दिया गया है. वहीं पार्षदों ने आउट सोर्सिंग ठेके का विरोध कर ठेके को निरस्त करने की मांग करते हुए नारेबाजी की.
ऋषिकेश नगर निगम में लगातार विवाद बढ़ते जा रहे हैं, ताजा विवाद नगर निगम में आउटसोर्सिंग ठेके का है. जहां पर पार्षदों ने ठेकेदार को लाभ पंहुचाने का आरोप निगम पर लगाया है. पार्षदों का कहना है कि ऋषिकेश नगर निगम बनने से पहले यह नगर पालिका थी. जहां पर आऊटसोर्सिंग के कर्मचारी कार्य किया करते थे. आउटसोर्सिंग के लिए पहले भी टेंडर के जरिये ठेकेदार को हायर किया जाता था. पार्षदों का कहना है कि पिछले आउटसोर्सिंग ठेकेदार को 2 प्रतिशत लाभांश पर ठेका दिया गया था. लेकिन इस बार के हुए टेंडर में ठेकेदार को लाभ पंहुचाने के ये ठेकेदार को 20 प्रतिशत का लाभांश दिया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: महिला वनकर्मियों को राजाजी पार्क में सिखाये जा रहे आत्मरक्षा के गुर
नगर निगम पार्षद मनीष शर्मा ने कहा कि आज उनके साथ कई पार्षद आउटसोर्सिंग ठेके का विरोध इसलिए कर रहे हैं. क्योंकि इससे निगम का नुकसान हो रहा है और इस मामले को बोर्ड बैठक में भी उठाते हुए ठेके को निरस्त करने की मांग की गई थी. इस मामले को बोर्ड बैठक में उठान के बाद कार्रवाई की बात कही गई थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि इस संबंध में नगर आयुक्त ने एक दिन का समय लिया है. अगर एक दिन के बाद कोई कार्रवाई नहीं होती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.