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चारधाम यात्रियों के लिए बड़ा झटका, हेली सेवा पर लग सकती है रोक

7 मई को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट, 9 मई को केदारनाथ धाम व 10 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुल रहे है. लेकिन इस बार हेली सेवा वाले यात्रियों को एक बड़ा झटका लग सकता है.

चारधाम
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Published : Apr 23, 2019, 1:17 PM IST

Updated : Apr 23, 2019, 3:18 PM IST

देहरादून: चारधाम यात्रा शुरू होने में महज कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. ऐसे में चारधाम यात्रा को लेकर प्रशासनिक अमला तैयारियों में जुटा है. यात्रा में हेली सेवा अपनी अहम भूमिका निभाती है और हर साल लाखों की संख्या में यात्री दर्शन के लिए हेली सेवा का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इस बार हेली सेवा वाले यात्रियों को एक बड़ा झटका लग सकता है. क्योंकि हेली सर्विस का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है.

चारधाम यात्रियों के लिए बड़ा झटका, हेली सेवा पर लग सकती है रोक

बता दें कि हर साल चारधाम यात्रा के लिए लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड का रुख करते हैं. ऐसे में राज्य सरकार यात्रियों की सहुलियत के लिए प्रतिवर्ष हेली सर्विस के टेंडर आवंटित कर यात्रा किराया तय करती है. लेकिन फिलहाल चारधाम यात्रा के लिए हेली सर्विस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा रखी है. जिसकी अगली सुनवाई हाईकोर्ट में 24 अप्रैल को होगी.

पढ़ें- बर्फबारी से चारधाम यात्रियों को करना पड़ सकता है मुश्किलों का सामना, खुद DGLO ने बताई सच्चाई

गौरतलब है कि 7 मई को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो रही है. इसके साथ ही 9 मई को केदारनाथ धाम व 10 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले रहे है. वहीं, अगर पिछले साल हेली सेवा उपयोग करने वाले यात्रियों की बात करें तो, साल 2018 में चारधाम यात्रा के दौरान करीब सवा दो लाख यात्रियों ने हेली सेवा का इस्तेमाल किया था. जिसमें सबसे ज्यादा केदारनाथ धाम में करीब एक लाख 10 हजार यात्रियों ने हेली सेवा का इस्तेमाल किया था. जबकि हर साल चार धाम यात्रा के दौरान 9 से 14 हेली सर्विस काम करती है.

पढ़ें- चारधाम यात्रा पर आचार संहिता का साया, आखिर कैसे पूरी होगी तैयारियां?

नागरिक उड्डयन विभाग के अपर सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान ज्यादा फोकस केदारनाथ धाम पर रहता है. क्योंकि ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए हेली सर्विस का इस्तेमाल करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि हेली सेवा का मामला अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है. जिसकी सुनवाई 24 अप्रैल को होनी है. इस मामले का जैसे ही हाईकोर्ट से निस्तारण होगा. उसके बाद टेंडर प्रक्रिया कर ऑपरेटरों का चयन कर लिया जाएगा.

पढ़ें- चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को परोसे जाएंगे पहाड़ी व्यंजन, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

देहरादून: चारधाम यात्रा शुरू होने में महज कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. ऐसे में चारधाम यात्रा को लेकर प्रशासनिक अमला तैयारियों में जुटा है. यात्रा में हेली सेवा अपनी अहम भूमिका निभाती है और हर साल लाखों की संख्या में यात्री दर्शन के लिए हेली सेवा का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इस बार हेली सेवा वाले यात्रियों को एक बड़ा झटका लग सकता है. क्योंकि हेली सर्विस का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है.

चारधाम यात्रियों के लिए बड़ा झटका, हेली सेवा पर लग सकती है रोक

बता दें कि हर साल चारधाम यात्रा के लिए लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड का रुख करते हैं. ऐसे में राज्य सरकार यात्रियों की सहुलियत के लिए प्रतिवर्ष हेली सर्विस के टेंडर आवंटित कर यात्रा किराया तय करती है. लेकिन फिलहाल चारधाम यात्रा के लिए हेली सर्विस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा रखी है. जिसकी अगली सुनवाई हाईकोर्ट में 24 अप्रैल को होगी.

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गौरतलब है कि 7 मई को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो रही है. इसके साथ ही 9 मई को केदारनाथ धाम व 10 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले रहे है. वहीं, अगर पिछले साल हेली सेवा उपयोग करने वाले यात्रियों की बात करें तो, साल 2018 में चारधाम यात्रा के दौरान करीब सवा दो लाख यात्रियों ने हेली सेवा का इस्तेमाल किया था. जिसमें सबसे ज्यादा केदारनाथ धाम में करीब एक लाख 10 हजार यात्रियों ने हेली सेवा का इस्तेमाल किया था. जबकि हर साल चार धाम यात्रा के दौरान 9 से 14 हेली सर्विस काम करती है.

पढ़ें- चारधाम यात्रा पर आचार संहिता का साया, आखिर कैसे पूरी होगी तैयारियां?

नागरिक उड्डयन विभाग के अपर सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान ज्यादा फोकस केदारनाथ धाम पर रहता है. क्योंकि ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए हेली सर्विस का इस्तेमाल करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि हेली सेवा का मामला अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है. जिसकी सुनवाई 24 अप्रैल को होनी है. इस मामले का जैसे ही हाईकोर्ट से निस्तारण होगा. उसके बाद टेंडर प्रक्रिया कर ऑपरेटरों का चयन कर लिया जाएगा.

पढ़ें- चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को परोसे जाएंगे पहाड़ी व्यंजन, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

Intro:उत्तराखंड चारधाम यात्रा 7 मई को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो रहा है। इसके साथ ही 9 मई को केदारनाथ धाम व 10 मई को बद्रीनाथ धाम में कपाट खुले रहे है। जिसको देखते हुए संबंधित विभागीय अधिकारी तैयारियों में जुटे हुए हैं। चारधाम यात्रा के दौरान हेली सेवा कि अपनी एक अहम भूमिका रहती है। क्योंकि हर साल लाखों की संख्या में यात्री चारधाम दर्शन के लिए हेली सेवा का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इस साल हेली सेवा से चारधाम यात्रा करने वाले यात्रियों को बड़ा झटका लग सकता है। जिसकी वजह यह है की चारधाम यात्रा शुरू होने में सिर्फ 15 दिन बचे हुए हैं लेकिन अभी तक हेली सर्विस का टेंडर नहीं हो पाया है।


Body:उत्तराखंड चारधाम यात्रा के दौरान हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु चारधाम के दर्शन करते हैं जिसको देखते हुए राज्य सरकार हर साल चारधाम यात्रा से पहले हेली सर्विस के लिए टेंडर आवंटित करती है साथ ही चारधाम यात्रा के लिए किराया भी तय किया जाता है। लेकिन इस बार चारधाम यात्रा के लिए हेली सर्विस पर काले बादल मंडराते नजर आ रहे हैं क्योंकि हाईकोर्ट द्वारा हेली सेवा पर फिलहाल अभी रोक लगी है और हेली सर्विस का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इसकी अगली सुनवाई 24 अप्रैल यानी बुधवार को होनी है। और हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद ही हेली सेवा की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। भारी संख्या में यात्री हेली सेवा का करते है प्रयोग..... हालांकि अगर पिछले साल हेली सेवा का उपयोग करने वाले यात्रियों की बात करें तो साल 2018 में चारधाम यात्रा के दौरान करीब सवा दो लाख यात्रियों ने हेली सेवा का इस्तेमाल किया था। जिसमें सबसे ज्यादा केदारनाथ धाम में करीब एक लाख 10 हजार यात्रियों ने हेली सेवा का इस्तेमाल किया था। और हर साल चार धाम यात्रा के दौरान 9 से 14 हेली सर्विस काम करती है। जो रोजाना 2 से 3 लाख रुपए तक मुनाफा कमाते हैं। ज्यादा जानकारी देते हुए नागरिक उड्डयन के अपर सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान ज्यादा फोकस केदारनाथ धाम पर रहता है क्योंकि ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए हेली सर्विस का इस्तेमाल करते हैं। साथ ही बताया कि हेली सेवा का मामला अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है। जिसकी सुनवाई 24 अप्रैल को होनी है और जैसे ही हाईकोर्ट से मामले का निस्तारण होगा, उसके बाद टेंडर प्रक्रिया कर ऑपरेटरों का चयन कर लिया जाएगा। बाइट - आर राजेश कुमार (अपर सचिव, नागरिक उड्डयन) पीटीसी - रोहित सोनी


Conclusion:
Last Updated : Apr 23, 2019, 3:18 PM IST
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