देहरादून: प्रदेश के तीन लाख राजकीय कर्मचारी व पेंशनर्स समेत उनके आश्रितों को मिलाकर 10 लाख से अधिक गोल्डन कार्ड बनाए जाने हैं. राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने पहले चरण में कर्मचारियों व पेंशनरों के कार्ड बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. वहीं, देहरादून कचहरी परिसर में काउंटर लगाकर कार्ड बनाये जा रहे हैं. लेकिन इस दौरान कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. लोग सोशल-डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं.
गौर हो कि प्रदेश में लगातार कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, वहीं सरकार लोगों से कोरोना के गाइडलाइन का पालन करने की अपील कर रही है. राजकीय कर्मचारी व पेंशनरों समेत उनके आश्रितों के गोल्डन कार्ड बनाए जाने के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. देहरादून जिला प्रशासन की नाक के नीचे ही कचहरी परिसर में लगे काउंटर पर राजकीय कर्मचारी व पेंशनर धारक सोशल-डिस्टेंसिंग का उल्लंधन करते दिखाई दिए.
पढ़ें-लक्सर: फर्जी तरीके से जमीन बेचने के मामले में अब SIT जांच की सिफारिश
वहीं, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं अपर सचिव अरुण सिंह चौहान का कहना है कि कैशलेस इलाज का लाभ कर्मचारियों व पेंशनरों को तभी मिलेगा, जब उनके गोल्डन कार्ड बन जाएंगे. स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए सभी विभागों से कर्मचारियों व पेंशनरों का डाटा एकत्र कर लिया है. पहले चरण में जिला कलेक्ट्रेट, विकास भवन, कोषागार व पुलिस लाइन में कर्मचारियों व पेंशनरों के कार्ड बनाए जा रहे हैं. कार्ड बनाने का काम 14 एजेंसियों के माध्यम से किया जा रहा है. 15 दिसंबर के बाद अन्य विभागों में भी गोल्डन कार्ड बनाए जाएंगे. वहीं कार्ड बनाने के लिए 30 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है.