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लॉकडाउन में मनीष ने फ्रंटलाइन में की थी सेवा, मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान

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Published : Jan 8, 2021, 6:00 PM IST

Updated : Jan 9, 2021, 11:57 AM IST

लॉकडाउन के दौरान मनीष पंत ने कई ऐसे दुर्गम जगहों पर अपने खर्च से दवाई पहुंचाई है, जहां जाना आसान नहीं था. मनीष पंत के इस कदम में सैकड़ों लोगों के जीवन को संजीवनी मिली थी.

Corona Warrior Mahesh Pant
Corona Warrior Mahesh Pant

देहरादून: कोरोना काल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे रोगियों को दवाइयां पहुंचाकर नेकी की मिशाल पेश करने वाले उत्तराखंड पुलिस के एक जवान को अंतरराष्ट्रीय सामाजिक संस्था ने शाइनिंग वर्ल्ड केयर सम्मान से सम्मानित किया है. पुलिस विभाग में फायरमैन के पद पर तैनात मनीष कुमार पंत ने लॉकडाउन के दौरान मार्च में पहाड़ी और मैदानी जिलों में कई अनजान लोगों को अपने खर्चे से दवाइयां उपलब्ध करवाई थी.

मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान.

इसके नेक काम के लिए मनीष पंत को ताइवान की सामाजिक संस्थान ने संजीवनी ऑपरेशन के लिए न सिर्फ प्रशस्ति-पत्र और प्रतीक चिन्ह के रूप में सम्मान मिला है, बल्कि पुरस्कार के तौर पर 10 हजार यूएस डॉलर नकद दिए हैं. मनीष पंत ने न सिर्फ उत्तराखंड की मित्र पुलिस का स्लोगन चरितार्थ किया है, बल्कि विदेशों में भी उत्तराखंड पुलिस का नाम रोशन किया है.

पढ़ें- निशंक ने की नई शिक्षा नीति की तारीफ, मातृ भाषाओं को पहचान दिलाने का माध्यम बताया

लॉकडाउन के दौरान मनीष पंत ने कई ऐसे दुर्गम जगहों पर अपने खर्च से दवाई पहुंचाई है, जहां जाना आसान नहीं था. मनीष पंत के इस कदम में सैकड़ों लोगों के जीवन को संजीवनी मिली थी. जिसे उनकी जान बच पाई. मनीष ने बताया कि जरूरतमदों को अपने खर्च पर दवाई पहुंचाने के लिए अपनी शादी तक के कार्यक्रम को भी रोक दिया था. इसके लिए उन्हें अपने घर के कई खर्चों में कटौती करना पड़ी. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान करीब 120 लोगों को हजारों रुपए की दवाई पहुंचाई है.

मनीष पंत को इस कार्य के लिए देहरादून एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने भी सराहना की है. उन्होंने कहा कि ये पूरे विभाग के लिए गर्व की बात है. मनीष प्रभावित होकर अन्य पुलिसकर्मी भी नि:स्वार्थ भाव से जनहित के कामों में अपना योगदान देंगे.

देहरादून: कोरोना काल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे रोगियों को दवाइयां पहुंचाकर नेकी की मिशाल पेश करने वाले उत्तराखंड पुलिस के एक जवान को अंतरराष्ट्रीय सामाजिक संस्था ने शाइनिंग वर्ल्ड केयर सम्मान से सम्मानित किया है. पुलिस विभाग में फायरमैन के पद पर तैनात मनीष कुमार पंत ने लॉकडाउन के दौरान मार्च में पहाड़ी और मैदानी जिलों में कई अनजान लोगों को अपने खर्चे से दवाइयां उपलब्ध करवाई थी.

मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान.

इसके नेक काम के लिए मनीष पंत को ताइवान की सामाजिक संस्थान ने संजीवनी ऑपरेशन के लिए न सिर्फ प्रशस्ति-पत्र और प्रतीक चिन्ह के रूप में सम्मान मिला है, बल्कि पुरस्कार के तौर पर 10 हजार यूएस डॉलर नकद दिए हैं. मनीष पंत ने न सिर्फ उत्तराखंड की मित्र पुलिस का स्लोगन चरितार्थ किया है, बल्कि विदेशों में भी उत्तराखंड पुलिस का नाम रोशन किया है.

पढ़ें- निशंक ने की नई शिक्षा नीति की तारीफ, मातृ भाषाओं को पहचान दिलाने का माध्यम बताया

लॉकडाउन के दौरान मनीष पंत ने कई ऐसे दुर्गम जगहों पर अपने खर्च से दवाई पहुंचाई है, जहां जाना आसान नहीं था. मनीष पंत के इस कदम में सैकड़ों लोगों के जीवन को संजीवनी मिली थी. जिसे उनकी जान बच पाई. मनीष ने बताया कि जरूरतमदों को अपने खर्च पर दवाई पहुंचाने के लिए अपनी शादी तक के कार्यक्रम को भी रोक दिया था. इसके लिए उन्हें अपने घर के कई खर्चों में कटौती करना पड़ी. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान करीब 120 लोगों को हजारों रुपए की दवाई पहुंचाई है.

मनीष पंत को इस कार्य के लिए देहरादून एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने भी सराहना की है. उन्होंने कहा कि ये पूरे विभाग के लिए गर्व की बात है. मनीष प्रभावित होकर अन्य पुलिसकर्मी भी नि:स्वार्थ भाव से जनहित के कामों में अपना योगदान देंगे.

Last Updated : Jan 9, 2021, 11:57 AM IST
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