ऋषिकेश: आज पूरे विश्व में कोरोना वायरस की वजह से महामारी जैसी स्थिति पैदा हो गई है. कोरोना से बचाव के लिए लगातार लोगों को जागरुक भी किया जा रहा है. परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा की मांसाहार त्याग कर कोरोना से बचा जा सकता है. वहीं योग और प्राणायाम को अपनाने से कोरोना का असर नहीं होगा.
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि करुणा से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति योग, योगिक, स्वास प्राणायाम, ध्यान और विश्व शांति के लिए जप करें. गिलोय, काली मिर्च, तुलसी, अदरक, दालचीनी को पानी में उबालकर थोड़ी थोड़ी देर में सेवन करें और प्राणायाम कर कोरोना से बचा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि योग प्राणायाम और आयुर्वेद के द्वारा कोरोना जैसे घातक वायरस से लड़ा जा सकता है, हालांकि वायरस को फैलने से रोकना सबसे बड़ी चुनौती है उसे फैलने से रोकने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को सावधानी बरतनी होगी. कोरोना वायरस के कारण जीवन रक्षा के साथ ही अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है. इस सब से उबरने के लिए योग प्राणायाम आयुर्वेद और मनुष्य की इच्छाशक्ति बहुत जरूरी है.
पढ़ें: देवभूमि में फिर करवट बदल सकता है मौसम, पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी के आसार
कोरोना वायरस को लेकर अभी भी जन जागरुकता का अभाव है, इसके प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए व्यापक प्रयास करने की आवश्यकता है. क्योंकि यह संपूर्ण मानवता के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है.
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि कोरोनावायरस के संकट से उबरने के लिए सभी को एकजुट होना होगा. अपने साथ अपने परिवार और पड़ोसियों की चिंता करते हुए 'सर्वे भवंतू सुखिन' को आत्मसात करते हुए बचाव के लिए आगे आएं और मिलकर प्रयास करें.