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साइबर अपराधियों का सॉफ्ट टारगेट बन रहा उत्तराखंड, बढ़ते मामले कर रहे तस्दीक

उत्तराखंड में कोरोना काल के दौरान साइबर क्राइम का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. साइबर अपराधी ऑक्सीजन सिलेंडर और इंजेक्शन दिलाने के नाम पर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं.

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देहरादून
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Published : May 7, 2021, 8:30 AM IST

देहरादूनः कोरोना संकटकाल में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आम से लेकर खास लोगों की सक्रियता बढ़ने के कारण उत्तराखंड में साइबर क्राइम का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है. साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से जैसे बैंक अधिकारी बनकर, लॉटरी का लालच देकर, फेसबुक में रिश्तेदार बनकर, सैन्य कर्मी बनकर OLX पर सामान बेचने की आड़ में जनता को झांसे में लेकर लाखों रुपए की धोखाधड़ी कर रहे हैं.

इसके अलावा कोविड-19 महामारी के दौरान भी साइबर अपराधियों द्वारा ऑक्सीजन गैस सिलेंडर के साथ-साथ आवश्यक दवाइयां इंजेक्शन जैसे तमाम तरीकों से धोखाधड़ी की घटना को अंजाम दिया जा रहा है. हालांकि लगातार इस तरह के साइबर अपराधों के मामलों में शिकायतों के अंतर्गत उत्तराखंड एसटीएफ व साइबर पुलिस संयुक्त कार्रवाई करते हुए जनवरी 2021 से 6 मई 2021 तक सीधे तौर पर कुल 16 मुकदमे दर्ज कर चुकी है. जबकि इन मुकदमों के आधार पर 14 साइबर मास्टरमाइंड अपराधियों को देश के अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. अभी तक राजस्थान से 4, बिहार से 2, दिल्ली से 3, पश्चिम बंगाल से 1, उत्तर प्रदेश से 2 और उत्तराखंड से 2 अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.

ये भी पढ़ेंः

  • 4 महीनों में दर्ज 158 मुकदमों की तफ्तीश जारी

प्रदेश के अलग -अलग हिस्सों में साइबर अपराधियों से ठगी के शिकार हुए पीड़ित लोगों द्वारा देहरादून STF मुख्यालय और साइबर पुलिस स्टेशन में दिए गए प्रार्थना पत्रों के आधार पर पिछले 4 महीने में 158 मुकदमे दर्ज कर राज्य के अलग-अलग जिलों को तफ्तीश भेजी गई है. ताकि संबंधित शिकायतकर्ताओं के मुकदमे पर जांच-पड़ताल कर साइबर अपराधियों की धरपकड़ तेज की जा सकें.

  • 191 साइबर क्राइम प्रार्थना पत्र पर कार्रवाई लंबित

जनवरी 2021 से वर्तमान समय तक 191 साइबर ठगी के प्रार्थना पत्रों पर तकनीकि कार्रवाई करने के पश्चात देहरादून STF मुख्यालय द्वारा प्रदेश के अलग-अलग जिलों से संबंधित इन्वेस्टिगेशन को सुनिश्चित कर आगे की कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया हैं.

  • पिछले 4 महीनों में 75 लाख रुपयों की रिकवरी पीड़ितों को वापस की गई

पिछले 4 महीनों में साइबर क्राइम मामलों में गढ़वाल और कुमाऊं परिक्षेत्र द्वारा अब तक आम जनता के साथ आर्थिक धोखाधड़ी संबंधित 145 प्रकरणों में समय रहते त्वरित कार्रवाई कर लगभग 75 लाख रुपये साइबर अपराधियों से रिकवरी पीड़ितों को वापस की गई है.

कोरोना काल में जीवन रक्षक दवाओं, उपकरणों व अन्य तरह की कालाबाजारी में साइबर अपराधी सक्रिय होने के चलते उत्तराखंड एसटीएफ लगातार कार्रवाई कर धरपकड़ में जुटी है. एसटीएफ के मुताबिक जनता से अपील है कि केवल अधिकृत एजेंसी, दुकान डीलरों से ही जीवन रक्षक उपकरण दवाइयां या अन्य स्वास्थ्य उपचार के सामान खरीदें. साइबर क्राइम में जागरूकता और सतर्कता ही सुरक्षित बनाती है. कोविड-19 कालाबाजारी से संबंधित रोकथाम के लिए पुलिस मुख्यालय का हेल्पलाइन नंबर 94120 29536 और व्हाट्सएप नंबर 94111 12780 जारी किया गया है. इन नंबरों में स्वास्थ्य उपचार से संबंधित ऑक्सीजन सिलेंडर, इंजेक्शन और अन्य तरह की जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज की जा सकती है.

देहरादूनः कोरोना संकटकाल में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आम से लेकर खास लोगों की सक्रियता बढ़ने के कारण उत्तराखंड में साइबर क्राइम का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है. साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से जैसे बैंक अधिकारी बनकर, लॉटरी का लालच देकर, फेसबुक में रिश्तेदार बनकर, सैन्य कर्मी बनकर OLX पर सामान बेचने की आड़ में जनता को झांसे में लेकर लाखों रुपए की धोखाधड़ी कर रहे हैं.

इसके अलावा कोविड-19 महामारी के दौरान भी साइबर अपराधियों द्वारा ऑक्सीजन गैस सिलेंडर के साथ-साथ आवश्यक दवाइयां इंजेक्शन जैसे तमाम तरीकों से धोखाधड़ी की घटना को अंजाम दिया जा रहा है. हालांकि लगातार इस तरह के साइबर अपराधों के मामलों में शिकायतों के अंतर्गत उत्तराखंड एसटीएफ व साइबर पुलिस संयुक्त कार्रवाई करते हुए जनवरी 2021 से 6 मई 2021 तक सीधे तौर पर कुल 16 मुकदमे दर्ज कर चुकी है. जबकि इन मुकदमों के आधार पर 14 साइबर मास्टरमाइंड अपराधियों को देश के अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. अभी तक राजस्थान से 4, बिहार से 2, दिल्ली से 3, पश्चिम बंगाल से 1, उत्तर प्रदेश से 2 और उत्तराखंड से 2 अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.

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  • 4 महीनों में दर्ज 158 मुकदमों की तफ्तीश जारी

प्रदेश के अलग -अलग हिस्सों में साइबर अपराधियों से ठगी के शिकार हुए पीड़ित लोगों द्वारा देहरादून STF मुख्यालय और साइबर पुलिस स्टेशन में दिए गए प्रार्थना पत्रों के आधार पर पिछले 4 महीने में 158 मुकदमे दर्ज कर राज्य के अलग-अलग जिलों को तफ्तीश भेजी गई है. ताकि संबंधित शिकायतकर्ताओं के मुकदमे पर जांच-पड़ताल कर साइबर अपराधियों की धरपकड़ तेज की जा सकें.

  • 191 साइबर क्राइम प्रार्थना पत्र पर कार्रवाई लंबित

जनवरी 2021 से वर्तमान समय तक 191 साइबर ठगी के प्रार्थना पत्रों पर तकनीकि कार्रवाई करने के पश्चात देहरादून STF मुख्यालय द्वारा प्रदेश के अलग-अलग जिलों से संबंधित इन्वेस्टिगेशन को सुनिश्चित कर आगे की कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया हैं.

  • पिछले 4 महीनों में 75 लाख रुपयों की रिकवरी पीड़ितों को वापस की गई

पिछले 4 महीनों में साइबर क्राइम मामलों में गढ़वाल और कुमाऊं परिक्षेत्र द्वारा अब तक आम जनता के साथ आर्थिक धोखाधड़ी संबंधित 145 प्रकरणों में समय रहते त्वरित कार्रवाई कर लगभग 75 लाख रुपये साइबर अपराधियों से रिकवरी पीड़ितों को वापस की गई है.

कोरोना काल में जीवन रक्षक दवाओं, उपकरणों व अन्य तरह की कालाबाजारी में साइबर अपराधी सक्रिय होने के चलते उत्तराखंड एसटीएफ लगातार कार्रवाई कर धरपकड़ में जुटी है. एसटीएफ के मुताबिक जनता से अपील है कि केवल अधिकृत एजेंसी, दुकान डीलरों से ही जीवन रक्षक उपकरण दवाइयां या अन्य स्वास्थ्य उपचार के सामान खरीदें. साइबर क्राइम में जागरूकता और सतर्कता ही सुरक्षित बनाती है. कोविड-19 कालाबाजारी से संबंधित रोकथाम के लिए पुलिस मुख्यालय का हेल्पलाइन नंबर 94120 29536 और व्हाट्सएप नंबर 94111 12780 जारी किया गया है. इन नंबरों में स्वास्थ्य उपचार से संबंधित ऑक्सीजन सिलेंडर, इंजेक्शन और अन्य तरह की जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज की जा सकती है.

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