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उत्तराखंड में रविवार को मिले कोरोना के 3 नए मरीज, एक की मौत

उत्तराखंड में 1 जनवरी को कोरोना के तीन मरीज मिले हैं. जिसके बाद कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 34 पहुंच गई है. राजधानी देहरादून में दो केस और एक केस नैनीताल में मिला है. तो वहीं, 1 जनवरी को 625 लोगों को वैक्सीनेट किया गया.

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Published : Jan 2, 2023, 7:18 AM IST

देहरादून: कोरोना ने एक बार फिर सबकी चिंता बढ़ा दी है. कोरोना का नया वेरिएंट BF.7 पूरी दुनिया के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. इसे लेकर भारत भी अलर्ट मोड में है. उत्तराखंड की बात करें तो नए साल 2023 के पहले दिन यानी 1 जनवरी को कोरोना के तीन केस मिले हैं, जबकि एक मरीज की मौत भी हुई है, जो अन्य बीमारी से भी ग्रसित बताया जा रहा है. वहीं, उत्तराखंड में एक्टिव केस की संख्या 34 है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ गई है.

देहरादून में कोरोना के दो मरीज मिले हैं, जबकि नैनीताल जनपद में भी एक मरीज कोविड पॉजिटिव पाया गया है. तो वहीं, उत्तराखंड में एक्टिव केसों की बात करें तो राजधानी देहरादून में कोरोना के 22 एक्टिव केस हैं. हरिद्वार में 7, नैनीताल, पौड़ी और चंपावत में एक-एक मरीज है.

उत्तराखंड में कोरोना का टीकाकरण अभियान भी जारी है. 1 जनवरी को 625 लोगों को वैक्सीनेट किया गया. अब तक 91,15,445 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है, जबकि 87,23,477 लोगों को दोनों डोज लग चुकी हैं. वहीं, बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या 22,14,232 है. उत्तराखंड में पिछले साल में कोरोना के 1,04,609 मरीज मिले थे, जबकि 1,00,443 मरीजों ने कोरोना से जंग जीत ली. बीते साल कोरोना से 334 मरीजों की मौत हुई थी.

ये भी पढ़ें- पौड़ीखाल में बाइक समेत खाई में गिरे दो युवक, श्रीनगर बेस अस्पताल रेफर

अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग: उत्तराखंड में भले ही कोरोना के पॉजिटिव केसों की संख्या बहुत ज्यादा ना हो, लेकिन इसको लेकर एहतियात बरतने में कोई कमी छोड़ने के मूड में स्वास्थ्य विभाग नहीं है. विभाग की तरफ से जहां पहले ही वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने की कोशिशें शुरू कर दी गई हैं. अब विभाग उन मरीजों और भी काम करने जा रहा है, जो सर्दी जुकाम से पीड़ित हैं.

IIT कानपुर के प्रोफेसर का दावा: कोरोना के नए वायरस BF.7 को लेकर आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर व पद्मश्री से सम्मानित मणींद्र अग्रवाल का दावा है कि भारत में कोरोना के नए वायरस से हाहाकार नहीं मचेगा. जैसा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान हुआ था. उन्होंने जिस तरह कोरोना की पहली व दूसरी लहर में अपने गणितीय सूत्र मॉडल से वायरस के फैलने से लेकर उसके शांत होने तक के आंकड़े दिए थे. सरकार ने उन्हें प्रभावी माना था. ठीक वैसे ही उन्होंने अब चीन के नए वायरस को लेकर अपनी स्टडी पूरी कर ली है. मणींद्र अग्रवाल का कहना है कि इस नए वायरस से भारत को कोई खास नुकसान नहीं होगा. इसके केस जरूर सामने आएंगे, लेकिन वायरस न के बराबर प्रभावी होगा.

देहरादून: कोरोना ने एक बार फिर सबकी चिंता बढ़ा दी है. कोरोना का नया वेरिएंट BF.7 पूरी दुनिया के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. इसे लेकर भारत भी अलर्ट मोड में है. उत्तराखंड की बात करें तो नए साल 2023 के पहले दिन यानी 1 जनवरी को कोरोना के तीन केस मिले हैं, जबकि एक मरीज की मौत भी हुई है, जो अन्य बीमारी से भी ग्रसित बताया जा रहा है. वहीं, उत्तराखंड में एक्टिव केस की संख्या 34 है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ गई है.

देहरादून में कोरोना के दो मरीज मिले हैं, जबकि नैनीताल जनपद में भी एक मरीज कोविड पॉजिटिव पाया गया है. तो वहीं, उत्तराखंड में एक्टिव केसों की बात करें तो राजधानी देहरादून में कोरोना के 22 एक्टिव केस हैं. हरिद्वार में 7, नैनीताल, पौड़ी और चंपावत में एक-एक मरीज है.

उत्तराखंड में कोरोना का टीकाकरण अभियान भी जारी है. 1 जनवरी को 625 लोगों को वैक्सीनेट किया गया. अब तक 91,15,445 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है, जबकि 87,23,477 लोगों को दोनों डोज लग चुकी हैं. वहीं, बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या 22,14,232 है. उत्तराखंड में पिछले साल में कोरोना के 1,04,609 मरीज मिले थे, जबकि 1,00,443 मरीजों ने कोरोना से जंग जीत ली. बीते साल कोरोना से 334 मरीजों की मौत हुई थी.

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अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग: उत्तराखंड में भले ही कोरोना के पॉजिटिव केसों की संख्या बहुत ज्यादा ना हो, लेकिन इसको लेकर एहतियात बरतने में कोई कमी छोड़ने के मूड में स्वास्थ्य विभाग नहीं है. विभाग की तरफ से जहां पहले ही वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने की कोशिशें शुरू कर दी गई हैं. अब विभाग उन मरीजों और भी काम करने जा रहा है, जो सर्दी जुकाम से पीड़ित हैं.

IIT कानपुर के प्रोफेसर का दावा: कोरोना के नए वायरस BF.7 को लेकर आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर व पद्मश्री से सम्मानित मणींद्र अग्रवाल का दावा है कि भारत में कोरोना के नए वायरस से हाहाकार नहीं मचेगा. जैसा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान हुआ था. उन्होंने जिस तरह कोरोना की पहली व दूसरी लहर में अपने गणितीय सूत्र मॉडल से वायरस के फैलने से लेकर उसके शांत होने तक के आंकड़े दिए थे. सरकार ने उन्हें प्रभावी माना था. ठीक वैसे ही उन्होंने अब चीन के नए वायरस को लेकर अपनी स्टडी पूरी कर ली है. मणींद्र अग्रवाल का कहना है कि इस नए वायरस से भारत को कोई खास नुकसान नहीं होगा. इसके केस जरूर सामने आएंगे, लेकिन वायरस न के बराबर प्रभावी होगा.

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