देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मरीज भले ही देहरादून में हो, लेकिन कई मायनों में दून संक्रमण के खतरे से अब उबरता दिखाई दे रहा है. देहरादून जिलाधिकारी के दावे तो कुछ इस ओर ही इशारा करते नजर आ रहे हैं.
राजधानी देहरादून में कम्युनिटी सर्विलांस को पहले चरण के तहत पूरा कर लिया गया है, जबकि अब विभिन्न क्षेत्रों में दूसरे और तीसरे चरण में कम्युनिटी सर्विलांस के काम को शुरू किया गया है. खास बात ये है कि सर्विलांस में आशा वर्कस को कुछ राहत दी गई है. इसके तरीके में कुछ बदलाव करते हुए सर्विलांस की मॉनिटरिंग को बढ़ाने पर खास तौर से जोर दिया गया है.
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जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने बताया जिले में कुल 52 कंटेनमेंट जोन थे, जिनमें से 24 क्षेत्र कंटेनमेंट जोन से बाहर हो चुके हैं. जिले में अब मात्र 28 एक्टिव जोन बचे हैं. इसी तरह जिले में 3 तरह के कॉल सेंटर बनाए गए हैं. जिसमें पहला सामान्य मरीजों की देख-रेख, दूसरा ठीक होकर घर जाने वाले मरीज, जबकि तीसरा विभिन्न बीमारियों से ग्रसित लोगों की जानकारी लेने के लिए बनाया गया है.
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खास बात ये है कि अब देहरादून में कोरोना संक्रमित मरीजों का डबलिंग रेट भी कम हुआ है. साथ ही पिछले एक हफ्ते से अब तक एक भी ऐसा मरीज सामने नहीं आया है, जिसकी ट्रैवल हिस्ट्री या संक्रमण का सोर्स न पता चला हो.