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कोरोना इफेक्ट: ग्राहक की आस में बैठे रिटेल कपड़ा व्यापारी, हो रहा भारी नुकसान

कोरोनाकाल व्यापारियों के लिए एक बड़ा संकट बनकर उभर रहा है. सुबह से शाम तक ग्राहकों की टकटकी लगाए बैठे व्यापारियों को निराशा ही हाथ लगती है. ऐसे में बाजारों में रिटेल कपड़ा व्यापारी बेहतर आय के आसरे हैं.

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Published : Jul 23, 2020, 7:48 PM IST

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कोरोनाकाल में सूनसान पड़े बाजार.

देहरादून: कोरोनाकाल में हर तबके पर असर पड़ रहा है चाहे वो नौकरीपेशा करने वाले हो या व्यापारी. कोरोना से डरे लोग अब बाहर निकलने से कतराते हैं. इसका साफ असर बाजारों में देखा जा सकता है. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार लॉकडाउन में काफी छूट दे दी गई है, लेकिन अभी भी लोग बाजारों और अन्य जगह पर जाने से बचते हैं. ऐसे में व्यापारियों के लिए उनका व्यापार चलाना मुश्किल साबित हो रहा है.

आइये जानते हैं ईटीवी भारत के जरिए शहर के रिटेल कपड़ा व्यापारियों की स्थिति. गौरतलब है कि राजधानी देहरादून में लगभग 2 हजार से अधिक छोटी-बड़ी रिटेल कपड़ों की दुकाने हैं. जिससे करीब 6 से 7 हजार परिवार का भरण-पोषण होता है. इसमें सबसे अधिक 300 रिटेल कपड़ों की दुकाने शहर के सबसे पुराने और जाने-माने पलटन बाजार में हैं. जहां से हर आम और खास खरीदारी करना पसंद करता है.

कोरोनाकाल में सूनसान पड़े बाजार.

ऐसे में पलटन बाजार पहुंचकर जब ईटीवी भारत ने यहां के कुछ रिटेल कपड़ा व्यापारियों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि वे अनलॉक के बाद से ही अपनी दुकानें खोले बैठे हैं, लेकिन कोरोना का कहर लोगों के मन में कुछ इस कदर है कि लोग अभी भी कपड़ों की खरीददारी करने से परहेज कर रहे हैं. व्यापारियों ने कहा कि स्थिति कुछ यह है कि पूरे दिन में महज 2 से 3 ग्राहक ही उनकी दुकान का रुख करते हैं.

ये भी पढ़ें: CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गूगल CEO को लिखा पत्र, उत्तराखंड में निवेश का दिया न्योता

शहर के रिटेल कपड़ा व्यापारियों को हो रहे भारी नुकसान के पीछे कई अन्य वजह भी हैं. इनमें से एक है पलटन बाजार में चल रहा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का कार्य. पलटन बाजार में स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे निर्माण कार्य के चलते पलटन बाजार में जगह-जगह सड़कें खोद दी गई है. जिसकी वजह से बारिश के मौसम में लोगों को पलटन बाजार का रुख करने में खासी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है.

कोरोनाकाल में लोगों की जेब ढीली हो रखी हैं. जिसके चलते लोग त्योहार में भी खरीददारी करने से बच रहे हैं. कोरोना के कहर ने लोगों को इतना सबक सिखा दिखा है कि लोग अब फिजूलखर्ची से भी बचते नजर आ रहे हैं. वहीं, लोगों के बाजारों में न पहुंचने से व्यापारियों को मुश्किलें हो रही हैं. व्यापारी हर दिन एक नई उम्मीद के साथ अपनी दुकान खोलते हैं, लेकिन दिन बीतते ही इन व्यापारियों की उम्मीदों पर पानी फिर जाता है.

व्यापारियों के मुनाफे में कोरोना का साया

देहरादून के पलटन बाजार के एक दुकानदार में कुछ दिन पहले कोरोना की पुष्टि हुई थी. जिसके बाद से ही लोगों में कोरोना का भय और भी बढ़ गया. यही कारण है कि लोग किसी भी भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बच रहे हैं. जिससे हर व्यापारी दिन भर टकटकी लगाए बैठा रह जाता है. दिन भर में 2 से 3 ग्राहकों के आने के साथ ही इन्हें अपनी दुकानें निराश होकर बंद करनी पड़ती है. ऐसे में इन व्यापारियों के लिए उनके स्टाफ वर्कर्स को पेमेंट करने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. कुछ दुकानदारों की मानें तो ऐसी ही स्थिति आगे रहने पर उन्हें अपना व्यवसाय बंद करना पड़ सकता है.

ये भी पढ़ें: CAU की विशेष बैठक में 7 प्रस्ताव पर लगी मुहर, झारखंड के पूर्व मुख्य न्यायाधीश बने सीएयू के लोकपाल

गौरतलब है कि कोरोनाकाल से पहले त्योहार के सीजन में लोग कपड़ों की अच्छी खासी खरीदारी किया करते थे. वहीं इस बार तीज, राखी और ईद का पर्व करीब है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है. ऐसे में स्थानीय व्यापारी अब इस उम्मीद में हैं कि शायद दिपावली के पर्व तक कोरोना के मामले कुछ कम हो और एक बार फिर दीपावली से उनका व्यापार सामान्य पटरी पर लौट सके.

देहरादून: कोरोनाकाल में हर तबके पर असर पड़ रहा है चाहे वो नौकरीपेशा करने वाले हो या व्यापारी. कोरोना से डरे लोग अब बाहर निकलने से कतराते हैं. इसका साफ असर बाजारों में देखा जा सकता है. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार लॉकडाउन में काफी छूट दे दी गई है, लेकिन अभी भी लोग बाजारों और अन्य जगह पर जाने से बचते हैं. ऐसे में व्यापारियों के लिए उनका व्यापार चलाना मुश्किल साबित हो रहा है.

आइये जानते हैं ईटीवी भारत के जरिए शहर के रिटेल कपड़ा व्यापारियों की स्थिति. गौरतलब है कि राजधानी देहरादून में लगभग 2 हजार से अधिक छोटी-बड़ी रिटेल कपड़ों की दुकाने हैं. जिससे करीब 6 से 7 हजार परिवार का भरण-पोषण होता है. इसमें सबसे अधिक 300 रिटेल कपड़ों की दुकाने शहर के सबसे पुराने और जाने-माने पलटन बाजार में हैं. जहां से हर आम और खास खरीदारी करना पसंद करता है.

कोरोनाकाल में सूनसान पड़े बाजार.

ऐसे में पलटन बाजार पहुंचकर जब ईटीवी भारत ने यहां के कुछ रिटेल कपड़ा व्यापारियों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि वे अनलॉक के बाद से ही अपनी दुकानें खोले बैठे हैं, लेकिन कोरोना का कहर लोगों के मन में कुछ इस कदर है कि लोग अभी भी कपड़ों की खरीददारी करने से परहेज कर रहे हैं. व्यापारियों ने कहा कि स्थिति कुछ यह है कि पूरे दिन में महज 2 से 3 ग्राहक ही उनकी दुकान का रुख करते हैं.

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शहर के रिटेल कपड़ा व्यापारियों को हो रहे भारी नुकसान के पीछे कई अन्य वजह भी हैं. इनमें से एक है पलटन बाजार में चल रहा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का कार्य. पलटन बाजार में स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे निर्माण कार्य के चलते पलटन बाजार में जगह-जगह सड़कें खोद दी गई है. जिसकी वजह से बारिश के मौसम में लोगों को पलटन बाजार का रुख करने में खासी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है.

कोरोनाकाल में लोगों की जेब ढीली हो रखी हैं. जिसके चलते लोग त्योहार में भी खरीददारी करने से बच रहे हैं. कोरोना के कहर ने लोगों को इतना सबक सिखा दिखा है कि लोग अब फिजूलखर्ची से भी बचते नजर आ रहे हैं. वहीं, लोगों के बाजारों में न पहुंचने से व्यापारियों को मुश्किलें हो रही हैं. व्यापारी हर दिन एक नई उम्मीद के साथ अपनी दुकान खोलते हैं, लेकिन दिन बीतते ही इन व्यापारियों की उम्मीदों पर पानी फिर जाता है.

व्यापारियों के मुनाफे में कोरोना का साया

देहरादून के पलटन बाजार के एक दुकानदार में कुछ दिन पहले कोरोना की पुष्टि हुई थी. जिसके बाद से ही लोगों में कोरोना का भय और भी बढ़ गया. यही कारण है कि लोग किसी भी भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बच रहे हैं. जिससे हर व्यापारी दिन भर टकटकी लगाए बैठा रह जाता है. दिन भर में 2 से 3 ग्राहकों के आने के साथ ही इन्हें अपनी दुकानें निराश होकर बंद करनी पड़ती है. ऐसे में इन व्यापारियों के लिए उनके स्टाफ वर्कर्स को पेमेंट करने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. कुछ दुकानदारों की मानें तो ऐसी ही स्थिति आगे रहने पर उन्हें अपना व्यवसाय बंद करना पड़ सकता है.

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गौरतलब है कि कोरोनाकाल से पहले त्योहार के सीजन में लोग कपड़ों की अच्छी खासी खरीदारी किया करते थे. वहीं इस बार तीज, राखी और ईद का पर्व करीब है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है. ऐसे में स्थानीय व्यापारी अब इस उम्मीद में हैं कि शायद दिपावली के पर्व तक कोरोना के मामले कुछ कम हो और एक बार फिर दीपावली से उनका व्यापार सामान्य पटरी पर लौट सके.

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