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सहकारिता सचिव ने की समीक्षा बैठक, बोले- सोशल मीडिया के माध्यम से हो प्रचार-प्रसार - dehradun latest hindi news

सहकारिता सचिव डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने भेड़-बकरी और मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों को सोशल मीडिया के जरिए प्रचार प्रसार किए जाने के निर्देश दिए हैं.

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Published : May 26, 2022, 12:32 PM IST

देहरादून: राजधानी देहरादून में सहकारिता सचिव डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने भेड़-बकरी और मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के प्रचार-प्रसार को लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए. इस दौरान सचिव ने साफ किया कि विभाग द्वारा जो काम किए जा रहे हैं, उसको लेकर अधिकारियों को विकास योजनाओं के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार करना चाहिए.

दरअसल, भेड़ बकरी और मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक की गई, जिसमें सचिव डॉ पुरुषोत्तम ने कहा कि अधिकारी सप्ताह भर का चार्ट बनाएं. सप्ताह में क्या-क्या काम किए गए हैं ? उन कार्यों को हर दिन विभाग के ट्विटर हैंडल में डाले. उत्तराखंड सरकार समेकित सहकारी विकास परियोजना के तहत दो विभागों को न्याय पंचायत और गांव स्तर पर विकास के लिए फंडिंग दे रहा है. सचिव ने कहा कि सभी विभागों की एक वेबसाइट बनाई जाए और उसमें हर तरह की सचित्र एक्टिविटी डाली जाएं.

भेड़-बकरी के परियोजना निदेशक डॉ. अवनीश आनंद ने बताया कि, राज्य के 5 जिलों (अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, पौड़ी और रुद्रप्रयाग) में गोट वैली की स्थापना की जा रही है. यहां किसान 25-25 बकरियां रख सकेंगे. सचिव डॉक्टर पुरुषोत्तम ने कहा कि गोट वैली के जो बड़े स्ट्रक्चर बनने हैं, उसमें नाबार्ड की मदद ली जाए और कृषि नवाचार फंड में परिवर्तन कर इन्हें बनाया जाए.
पढ़ें- उत्तराखंड पर मंडराया गेहूं का संकट, RFC के पास एक दिन के लिए भी गेहूं नहीं

मत्स्य विभाग के परियोजना निदेशक पुरोहित ने कहा कि 7 सहकारी समितियां प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से जोड़ दी गई हैं. हरिद्वार में 3 तालाबों की खुदाई का कार्य चल रहा है. डॉ पुरुषोत्तम ने कहा कि ट्राउट फिश का मार्केट में प्राइज ज्यादा है, इसको कम करने के लिए आप लोग क्या कर रहे हैं ? उन्होंने एक दक्ष मत्स्य निरीक्षक की परियोजना कार्यालय में ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि वह अब तक परियोजना की 10 समीक्षा बैठक ले चुके हैं. हर किसी कर्मचारी और अधिकारी को काम करना होगा. योजनाओं का फील्ड विजिट कर भौतिक सत्यापन किया जाएगा. हर सप्ताह समीक्षा बैठक होगी. नए सप्ताह में बताना पड़ेगा कि पिछले सप्ताह क्या कार्य किया गया है ?

देहरादून: राजधानी देहरादून में सहकारिता सचिव डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने भेड़-बकरी और मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के प्रचार-प्रसार को लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए. इस दौरान सचिव ने साफ किया कि विभाग द्वारा जो काम किए जा रहे हैं, उसको लेकर अधिकारियों को विकास योजनाओं के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार करना चाहिए.

दरअसल, भेड़ बकरी और मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक की गई, जिसमें सचिव डॉ पुरुषोत्तम ने कहा कि अधिकारी सप्ताह भर का चार्ट बनाएं. सप्ताह में क्या-क्या काम किए गए हैं ? उन कार्यों को हर दिन विभाग के ट्विटर हैंडल में डाले. उत्तराखंड सरकार समेकित सहकारी विकास परियोजना के तहत दो विभागों को न्याय पंचायत और गांव स्तर पर विकास के लिए फंडिंग दे रहा है. सचिव ने कहा कि सभी विभागों की एक वेबसाइट बनाई जाए और उसमें हर तरह की सचित्र एक्टिविटी डाली जाएं.

भेड़-बकरी के परियोजना निदेशक डॉ. अवनीश आनंद ने बताया कि, राज्य के 5 जिलों (अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, पौड़ी और रुद्रप्रयाग) में गोट वैली की स्थापना की जा रही है. यहां किसान 25-25 बकरियां रख सकेंगे. सचिव डॉक्टर पुरुषोत्तम ने कहा कि गोट वैली के जो बड़े स्ट्रक्चर बनने हैं, उसमें नाबार्ड की मदद ली जाए और कृषि नवाचार फंड में परिवर्तन कर इन्हें बनाया जाए.
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मत्स्य विभाग के परियोजना निदेशक पुरोहित ने कहा कि 7 सहकारी समितियां प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से जोड़ दी गई हैं. हरिद्वार में 3 तालाबों की खुदाई का कार्य चल रहा है. डॉ पुरुषोत्तम ने कहा कि ट्राउट फिश का मार्केट में प्राइज ज्यादा है, इसको कम करने के लिए आप लोग क्या कर रहे हैं ? उन्होंने एक दक्ष मत्स्य निरीक्षक की परियोजना कार्यालय में ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि वह अब तक परियोजना की 10 समीक्षा बैठक ले चुके हैं. हर किसी कर्मचारी और अधिकारी को काम करना होगा. योजनाओं का फील्ड विजिट कर भौतिक सत्यापन किया जाएगा. हर सप्ताह समीक्षा बैठक होगी. नए सप्ताह में बताना पड़ेगा कि पिछले सप्ताह क्या कार्य किया गया है ?

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