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चार सालों में BJP सरकार के मुख्यमंत्रियों ने दिये कई विवादित बयान, फैसलों ने भी कराई फजीहत

पिछले चार सालों से प्रदेश में भाजपा की सरकार है. इन चार सालों में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्रियों ने कई विवादित बयान दिये. साथ ही कई ऐसे फैसले लिये गये जो कि विवादों में रहे. इन बयानों और फैसलों से सरकार की खूब आलोचना हुई.

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BJP सरकार के चार सालों में मुख्यमंत्रियों के बयान और फैसलों पर खूब हुआ विवाद
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Published : Mar 17, 2021, 7:11 PM IST

Updated : Mar 18, 2021, 5:43 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में भाजपा की सरकार कल 4 साल पूरे करने जा रही है. इन 4 सालों में कई ऐसे मौके आये जब प्रदेश के मुख्मंत्रियों ने कई विवादित बयान दिये इसके अलावा कई ऐसे फैसले लिये जिससे उनकी खूब आलाचनाएं हुई. वर्तमान मुख्यमंत्री की बात करें तो उन्होंने दो दिनों पहले ही पीएम मोदी की पूजा को लेकर बयान दिया. वहीं, कल उन्होंने फटी जींस को लेकर एक बयान दिया जो कि चर्चाओं में हैं. वहीं, बात अगर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की करें तो उन्होंने इन चार सालों में कई विवादित बयान दिये, साथ ही कई ऐसे फैसले लिये जिसके कारण उन्हें सत्ता गवानी पड़ी. आइये एक नजर डालते हैं कि किन-किन मौकों पर उन्होंने विवादित बयान दिए.

चार सालों में BJP सरकार के मुख्यमंत्रियों ने दिये कई विवादित बयान

18 मार्च 2017 को उत्तराखंड में भाजपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. जिसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया. पूर्ण बहुमत की सरकार के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत बेहद कॉन्फिडेंस में थे. तब उनके द्वारा कई बड़े फैसले भी लिए गए लेकिन इस दौरान उन्होंने कई विवादित बयान भी दिए.

जब हेड मास्टर बने त्रिवेंद्र
त्रिवेंद्र रावत के विवादों में आने का सिलसिला किसान भवन में चल रहे एक कार्यक्रम से शुरू हुआ. जहां उन्होंने अपने संबोधन के दौरान तीन विभागीय कर्मचारियों को केवल आपस में बात करने की वजह से एक हेड मास्टर की तरह भीड़ में खड़ा कर दिया. जिसके बाद त्रिवेंद्र रावत की छवि एक सख्त और गुस्सैल मुख्यमंत्री की बनती गई.

उत्तरा बहुगुणा प्रकरण
पूर्व मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र रावत का सबसे बड़ा विवाद शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा के साथ जुड़ा है. जनता दरबार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री से अपने ट्रांसफर की गुहार लगाने आई शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा और त्रिवेंद्र रावत में इतनी बहस हुई कि पूरी नेशनल मीडिया ने सहित विपक्ष ने इस मामले पर त्रिवेंद्र रावत को खूब घेरा. यही नहीं शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा द्वारा त्रिवेंद्र रावत को दिए गए जवाबों को लेकर भी खूब सुर्खियां बनी. यह प्रकरण लंबे समय तक त्रिवेंद्र रावत का पीछा करता रहा.

गाय ऑक्सीजन देती है

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के विवादित बयानों का सिलसिला यहीं खत्म नहीं होता. उनके द्वारा अलग-अलग मंचों पर बेतुकी बातें कही गई. जिनमें से उनका सबसे ज्यादा वायरल होने वाला बयान गाय को लेकर दिया गया. एक बयान में उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में केवल गाय ऐसा पशु है जो कि ऑक्सीजन लेता भी है और ऑक्सीजन छोड़ता भी है. इस बयान से सभी वैज्ञानिकों ने अपने कान पकड़ लिए. उनके द्वारा बयान दिया गया कि केवल गौशाला में कुछ समय बिताने से टीवी की बीमारी समाप्त हो जाती है. इस बयान पर मुख्यमंत्री की खूब खिल्ली उड़ी लेकिन उनसे इसका कोई जवाब देते नहीं बना.

देवस्थानम बोर्ड का गठन
केवल विवादित बयान ही नहीं बल्कि त्रिवेंद्र रावत द्वारा किए गए फैसले भी काफी विवादों में रहे. उनके द्वारा गठित किए गए देवस्थानम बोर्ड पर उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. राजनीतिक जानकार बताते हैं कि जिस दिन मुख्यमंत्री ने चार धाम यात्रा की पुरानी व्यवस्था को तोड़कर देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया उसी दिन से मुख्यमंत्री को लेकर प्रदेश में नकारात्मक माहौल बनना शुरू हो गया था. त्रिवेंद्र रावत द्वारा देवस्थानम बोर्ड का गठन कर चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों को नाराज किया गया. जिसके बाद अब मुख्यमंत्री बदले जाने के बाद नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा एक बार फिर से देवस्थानम बोर्ड के गठन को लेकर संशोधन की बात कही जा रही है.

सीबीआई प्रकरण जांच के आदेश
28 अक्टूबर 2020 को नैनीताल हाईकोर्ट ने सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.दरअसल, उनपर आरोप था कि 2016 में भाजपा के झारखंड प्रभारी रहते हुए त्रिवेंद्र ने एक व्यक्ति को गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनवाने के एवज में घूस की रकम ली थी और रकम को पत्नी की बहन के खाते में ट्रांसफर करवाया था.इस आरोप के बाद पत्रकार पर देहरादून में कई मुकदमें दर्ज किये गये थे और इन्हीं मुकदमों को रद्द करने के लिए पत्रकार ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए त्रिवेन्द्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश हाईकोर्ट ने दिए थे.जिसके बाद पूरी सरकार सकते में आ गई थी.हालांकि बाद में राज्य सरकार इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई, जहां अभी भी केस चल रहा है.

गैरसैंण कमिश्नरी और ग्रामीणों पर लाठीचार्ज
4 मार्च 2021 को गैरसैंण में शुरू हुए बजट सत्र के दौरान चमोली में घाट-नंदप्रयाग सड़क को चौड़ा करने की मांग को लेकर विधानसभा कूच कर रहे आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज हुआ था. इस लाठीचार्ज में कई लोग घायल हुए थो और पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गए थे.वहीं, बजट पेश करने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने की घोषणा कर दी थी, त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस फैसले का जोरदार विरोध हुआ था.

भविष्य में नरेंद्र मोदी की होगी पूजा: तीरथ सिंह रावत

उत्तराखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना भगवान राम और कृष्ण से की. उन्होंने कहा कि जिस तरह से द्वापर और त्रेता युग में भगवान राम व कृष्ण को लोग उनके कामों की वजह से भगवान मानने लगे थे उसी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आने वाले समय में भगवान राम और कृष्ण की तरह मानने लगेंगे. तीरथ सिंह रावत ने ये बयान हरिद्वार में नेत्र कुंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिया.

फटी जींस को लेकर बयान

तीरथ सिंह रावत ने अपने बयान के अगले ही दिन दूसरा बयान दिया. उन्होंने कहा आजकल महिलाएं फटी जीन्स पहनकर चल रही हैं. क्या ये सब सही है? ये कैसे संस्कार हैं. ये बयान उन्होंने बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एक कार्यशाला के दौरान दिया.

देहरादून: उत्तराखंड में भाजपा की सरकार कल 4 साल पूरे करने जा रही है. इन 4 सालों में कई ऐसे मौके आये जब प्रदेश के मुख्मंत्रियों ने कई विवादित बयान दिये इसके अलावा कई ऐसे फैसले लिये जिससे उनकी खूब आलाचनाएं हुई. वर्तमान मुख्यमंत्री की बात करें तो उन्होंने दो दिनों पहले ही पीएम मोदी की पूजा को लेकर बयान दिया. वहीं, कल उन्होंने फटी जींस को लेकर एक बयान दिया जो कि चर्चाओं में हैं. वहीं, बात अगर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की करें तो उन्होंने इन चार सालों में कई विवादित बयान दिये, साथ ही कई ऐसे फैसले लिये जिसके कारण उन्हें सत्ता गवानी पड़ी. आइये एक नजर डालते हैं कि किन-किन मौकों पर उन्होंने विवादित बयान दिए.

चार सालों में BJP सरकार के मुख्यमंत्रियों ने दिये कई विवादित बयान

18 मार्च 2017 को उत्तराखंड में भाजपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. जिसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया. पूर्ण बहुमत की सरकार के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत बेहद कॉन्फिडेंस में थे. तब उनके द्वारा कई बड़े फैसले भी लिए गए लेकिन इस दौरान उन्होंने कई विवादित बयान भी दिए.

जब हेड मास्टर बने त्रिवेंद्र
त्रिवेंद्र रावत के विवादों में आने का सिलसिला किसान भवन में चल रहे एक कार्यक्रम से शुरू हुआ. जहां उन्होंने अपने संबोधन के दौरान तीन विभागीय कर्मचारियों को केवल आपस में बात करने की वजह से एक हेड मास्टर की तरह भीड़ में खड़ा कर दिया. जिसके बाद त्रिवेंद्र रावत की छवि एक सख्त और गुस्सैल मुख्यमंत्री की बनती गई.

उत्तरा बहुगुणा प्रकरण
पूर्व मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र रावत का सबसे बड़ा विवाद शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा के साथ जुड़ा है. जनता दरबार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री से अपने ट्रांसफर की गुहार लगाने आई शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा और त्रिवेंद्र रावत में इतनी बहस हुई कि पूरी नेशनल मीडिया ने सहित विपक्ष ने इस मामले पर त्रिवेंद्र रावत को खूब घेरा. यही नहीं शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा द्वारा त्रिवेंद्र रावत को दिए गए जवाबों को लेकर भी खूब सुर्खियां बनी. यह प्रकरण लंबे समय तक त्रिवेंद्र रावत का पीछा करता रहा.

गाय ऑक्सीजन देती है

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के विवादित बयानों का सिलसिला यहीं खत्म नहीं होता. उनके द्वारा अलग-अलग मंचों पर बेतुकी बातें कही गई. जिनमें से उनका सबसे ज्यादा वायरल होने वाला बयान गाय को लेकर दिया गया. एक बयान में उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में केवल गाय ऐसा पशु है जो कि ऑक्सीजन लेता भी है और ऑक्सीजन छोड़ता भी है. इस बयान से सभी वैज्ञानिकों ने अपने कान पकड़ लिए. उनके द्वारा बयान दिया गया कि केवल गौशाला में कुछ समय बिताने से टीवी की बीमारी समाप्त हो जाती है. इस बयान पर मुख्यमंत्री की खूब खिल्ली उड़ी लेकिन उनसे इसका कोई जवाब देते नहीं बना.

देवस्थानम बोर्ड का गठन
केवल विवादित बयान ही नहीं बल्कि त्रिवेंद्र रावत द्वारा किए गए फैसले भी काफी विवादों में रहे. उनके द्वारा गठित किए गए देवस्थानम बोर्ड पर उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. राजनीतिक जानकार बताते हैं कि जिस दिन मुख्यमंत्री ने चार धाम यात्रा की पुरानी व्यवस्था को तोड़कर देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया उसी दिन से मुख्यमंत्री को लेकर प्रदेश में नकारात्मक माहौल बनना शुरू हो गया था. त्रिवेंद्र रावत द्वारा देवस्थानम बोर्ड का गठन कर चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों को नाराज किया गया. जिसके बाद अब मुख्यमंत्री बदले जाने के बाद नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा एक बार फिर से देवस्थानम बोर्ड के गठन को लेकर संशोधन की बात कही जा रही है.

सीबीआई प्रकरण जांच के आदेश
28 अक्टूबर 2020 को नैनीताल हाईकोर्ट ने सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.दरअसल, उनपर आरोप था कि 2016 में भाजपा के झारखंड प्रभारी रहते हुए त्रिवेंद्र ने एक व्यक्ति को गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनवाने के एवज में घूस की रकम ली थी और रकम को पत्नी की बहन के खाते में ट्रांसफर करवाया था.इस आरोप के बाद पत्रकार पर देहरादून में कई मुकदमें दर्ज किये गये थे और इन्हीं मुकदमों को रद्द करने के लिए पत्रकार ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए त्रिवेन्द्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश हाईकोर्ट ने दिए थे.जिसके बाद पूरी सरकार सकते में आ गई थी.हालांकि बाद में राज्य सरकार इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई, जहां अभी भी केस चल रहा है.

गैरसैंण कमिश्नरी और ग्रामीणों पर लाठीचार्ज
4 मार्च 2021 को गैरसैंण में शुरू हुए बजट सत्र के दौरान चमोली में घाट-नंदप्रयाग सड़क को चौड़ा करने की मांग को लेकर विधानसभा कूच कर रहे आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज हुआ था. इस लाठीचार्ज में कई लोग घायल हुए थो और पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गए थे.वहीं, बजट पेश करने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने की घोषणा कर दी थी, त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस फैसले का जोरदार विरोध हुआ था.

भविष्य में नरेंद्र मोदी की होगी पूजा: तीरथ सिंह रावत

उत्तराखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना भगवान राम और कृष्ण से की. उन्होंने कहा कि जिस तरह से द्वापर और त्रेता युग में भगवान राम व कृष्ण को लोग उनके कामों की वजह से भगवान मानने लगे थे उसी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आने वाले समय में भगवान राम और कृष्ण की तरह मानने लगेंगे. तीरथ सिंह रावत ने ये बयान हरिद्वार में नेत्र कुंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिया.

फटी जींस को लेकर बयान

तीरथ सिंह रावत ने अपने बयान के अगले ही दिन दूसरा बयान दिया. उन्होंने कहा आजकल महिलाएं फटी जीन्स पहनकर चल रही हैं. क्या ये सब सही है? ये कैसे संस्कार हैं. ये बयान उन्होंने बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एक कार्यशाला के दौरान दिया.

Last Updated : Mar 18, 2021, 5:43 PM IST
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