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देहरादून में संविदा और बेरोजगार स्टाफ नर्सों का धरना आठवें दिन भी जारी, शासनादेश की मांग - demand for recruitment of nurses

संविदा और बेरोजगार स्टाफ नर्स भर्ती की मांग को लेकर पिछले आठ दिन से एकता विहार में धरना दे रहे हैं. एनएचएम के अध्यक्ष और प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों ने भी धरना स्थल पहुंचकर बेरोजगार नर्सेज के आंदोलन का समर्थन किया है. आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तब तक वो धरना स्थल से नहीं उठेंगे.

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Published : Aug 4, 2022, 9:38 AM IST

देहरादून: संविदा एवं बेरोजगार स्टाफ नर्सेज महासंघ का भर्ती की मांग को लेकर एकता विहार में धरना आठवें दिन भी जारी रहा. इस बीच एनएचएम के अध्यक्ष तथा प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों ने भी धरना स्थल पहुंचकर बेरोजगार नर्सेज के आंदोलन का समर्थन किया. इस दौरान संविदा और बेरोजगार स्टाफ नर्सेज महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हरीकृष्ण बिजल्वाण ने कहा है कि दिसंबर 2020 से 2621 नर्सिंग अधिकारी के पदों पर भर्ती प्रक्रिया अटकी हुई है, जबकि लिखित परीक्षा तीन बार निरस्त हो चुकी है.

उन्होंने कहा कि साल 2011 के बाद 2020 में भर्ती तो आई लेकिन दो साल होने के बावजूद युवा भर्ती प्रक्रिया का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में संविदा पर कार्य कर रहे नर्सिंग अधिकारियों ने पूरी जिम्मेदारी से अपने कार्यों का निर्वहन किया है. लेकिन कैबिनेट बैठक में वर्ष वार नर्सिंग भर्ती का निर्णय होने के बावजूद भर्ती प्रक्रिया आरंभ नहीं की जा रही है. कई लोग अपनी आयु सीमा पार कर रहे हैं.
पढ़ें- 7 अगस्त को नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक में शामिल होंगे सीएम धामी

बता दें कि प्रदेश भर के संविदा और बेरोजगार स्टाफ नर्स बीते 8 दिनों से एकता विहार में आंदोलनरत हैं. लेकिन सरकार उनकी वर्ष वार भर्ती की मांग को लेकर गंभीर नहीं है. ऐसे में आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तब तक वो धरना स्थल से नहीं उठेंगे.

देहरादून: संविदा एवं बेरोजगार स्टाफ नर्सेज महासंघ का भर्ती की मांग को लेकर एकता विहार में धरना आठवें दिन भी जारी रहा. इस बीच एनएचएम के अध्यक्ष तथा प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों ने भी धरना स्थल पहुंचकर बेरोजगार नर्सेज के आंदोलन का समर्थन किया. इस दौरान संविदा और बेरोजगार स्टाफ नर्सेज महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हरीकृष्ण बिजल्वाण ने कहा है कि दिसंबर 2020 से 2621 नर्सिंग अधिकारी के पदों पर भर्ती प्रक्रिया अटकी हुई है, जबकि लिखित परीक्षा तीन बार निरस्त हो चुकी है.

उन्होंने कहा कि साल 2011 के बाद 2020 में भर्ती तो आई लेकिन दो साल होने के बावजूद युवा भर्ती प्रक्रिया का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में संविदा पर कार्य कर रहे नर्सिंग अधिकारियों ने पूरी जिम्मेदारी से अपने कार्यों का निर्वहन किया है. लेकिन कैबिनेट बैठक में वर्ष वार नर्सिंग भर्ती का निर्णय होने के बावजूद भर्ती प्रक्रिया आरंभ नहीं की जा रही है. कई लोग अपनी आयु सीमा पार कर रहे हैं.
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बता दें कि प्रदेश भर के संविदा और बेरोजगार स्टाफ नर्स बीते 8 दिनों से एकता विहार में आंदोलनरत हैं. लेकिन सरकार उनकी वर्ष वार भर्ती की मांग को लेकर गंभीर नहीं है. ऐसे में आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तब तक वो धरना स्थल से नहीं उठेंगे.

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