देहरादून: उत्तराखंड में साल 2019 के अनुसार बिजली के घरेलू और कमर्शियल उपभोक्ता करीब 23 लाख हैं. जबकि साल 2018 में प्रदेशभर में करीब 21.5 लाख उपभोक्ता थे. उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ने के बावजूद भी एक से डेढ़ मिलियन यूनिट प्रतिदिन बिजली की खपत में गिरावट आयी है.
इसके पीछे जो भी कारण हो, लेकिन फिलहाल स्थिति यही है कि बिजली कि खपत बढ़ नहीं रही है. जिसकी वजह से ऊर्जा विभाग बिजली आपूर्ति के लिए रोजाना मात्र 2 से 5 मिलियन यूनिट ही अन्य राज्यों से बिजली खरीद रहा है. जिस वजह से ऊर्जा विभाग का राजस्व भी घट गया है.
साल 2018 में जब प्रदेश भर में 21.5 लाख बिजली उपभोक्ता थे. तब रोजाना बिजली खपत 39-40 मिलियन यूनिट थी और यूपीसीएल प्रतिदिन 8 से 12 मिलियन यूनिट बिजली अन्य राज्यों से खरीदता था लेकिन एक साल में बिजली कंज्यूमर की संख्या करीब डेढ़ लाख बढ़ने के बावजूद 2019 में बिजली खपत घटकर 38-39 मिलियन यूनिट प्रतिदिन हो गयी है.
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प्रतिदिन एक से दो मिलियन यूनिट बिजली खपत में गिरावट दर्ज की जा रही है. यही नहीं बिजली आपूर्ति के लिए अन्य राज्यों से बिजली खरीदने के यूनिट में गिरावट दर्ज हुई है. 2019 में यह घटकर 2 से 5 मिलियन यूनिट तक रह गया.
यूपीसीएल के एमडी बीसी के मिश्रा ने बताया कि बिजली खपत में कमी नहीं हुई है, लेकिन बिजली खपत जिस दर से बढ़नी चाहिए उस दर से नहीं बढ़ रही है. हालांकि ऊर्जा विभाग को सालाना 4 से 5 फीसदी तक बढ़ोत्तरी का अंदेशा था लेकिन उतनी नहीं बढ़ पाई है. जैसे जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ रही है उसी तरह एनर्जी सेविंग एक्यूप्मेंट आ गए हैं. इसके कारण भी बिजली खपत में कमी हुई है.