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उत्तराखंड में बड़े बांधों का बनना देश व राज्यहित में- कंसल्टेंट हाइड्रो विनोद कुमार - जल विद्युत परियोजना

कोंकण रेलवे के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर व कंसल्टेंट हाइड्रो विनोद कुमार का कहना है कि उत्तराखंड में बड़े बांधों का निर्माण देश और प्रदेश के हित में है. उत्तराखंड की तरक्की के लिए बड़े बांधों का निर्माण जरूरी है.

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Published : Dec 15, 2022, 2:09 PM IST

देहरादूनः कोंकण रेलवे के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर व कंसल्टेंट हाइड्रो विनोद कुमार ने उत्तराखंड में बड़े-बड़े बांधों का बनना राज्य व देश के हित में बताया है. उनका कहना है कि उत्तराखंड की तरक्की के लिए बड़े बांधों का निर्माण जरूरी है. उन्होंने राज्य में बंद पड़ी जल विद्युत परियोजनाओं पर जल्द काम शुरू किए जाने के लिए कहा है.

विनोद कुमार का कहना है कि उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, देश कि अभी तक 4 लाख मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता है. जिसमें लगभग 60 प्रतिशत बिजली कोयला, गैस, परमाणु ईंधन या तेल से बनती है. जबकि मात्र 11 प्रतिशत बिजली पन बिजली परियोजनाओं से पैदा होती है. बाकी अन्य स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, पवन चक्कियों से उत्पादित होती है.

उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि उत्तराखंड सरकार को उत्तराखंड की सीमा से लगती नेपाल की बहुउद्देशीय करनाली पंचेश्वर परियोजना की तरह ही प्रदेश में परियोजना बनानी चाहिए. जिसके उत्पादन से देश को बिजली मिलेगी. साथ ही सिंचाई नहर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से होकर दिल्ली तक पहुंचेगी. इससे यमुना नदी की जल समस्याओं का काफी हद तक निराकरण होगा.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में फिर बिजली की दरें बढ़ाने की तैयारी, कांग्रेस बोली- जनता का शोषण कर रही सरकार

उनका कहना है कि हमारा उत्तराखंड जल संसाधनों से भरपूर है. जिसके संयमित दोहन से प्रदेश ही नहीं बल्कि गंगा यमुना के निचले प्रांतों का भी सर्वांगीण विकास होगा. यह देश की प्रगति के लिए बहुत सहायक है. उनका कहना है कि बड़े बांधों से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता है. बल्कि यह देश और राज्य के लिए फायदेमंद हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पानी का संकट गहराएगा. ऐसे में पानी को रोककर उसे बचाना जरूरी है.

देहरादूनः कोंकण रेलवे के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर व कंसल्टेंट हाइड्रो विनोद कुमार ने उत्तराखंड में बड़े-बड़े बांधों का बनना राज्य व देश के हित में बताया है. उनका कहना है कि उत्तराखंड की तरक्की के लिए बड़े बांधों का निर्माण जरूरी है. उन्होंने राज्य में बंद पड़ी जल विद्युत परियोजनाओं पर जल्द काम शुरू किए जाने के लिए कहा है.

विनोद कुमार का कहना है कि उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, देश कि अभी तक 4 लाख मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता है. जिसमें लगभग 60 प्रतिशत बिजली कोयला, गैस, परमाणु ईंधन या तेल से बनती है. जबकि मात्र 11 प्रतिशत बिजली पन बिजली परियोजनाओं से पैदा होती है. बाकी अन्य स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, पवन चक्कियों से उत्पादित होती है.

उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि उत्तराखंड सरकार को उत्तराखंड की सीमा से लगती नेपाल की बहुउद्देशीय करनाली पंचेश्वर परियोजना की तरह ही प्रदेश में परियोजना बनानी चाहिए. जिसके उत्पादन से देश को बिजली मिलेगी. साथ ही सिंचाई नहर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से होकर दिल्ली तक पहुंचेगी. इससे यमुना नदी की जल समस्याओं का काफी हद तक निराकरण होगा.
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उनका कहना है कि हमारा उत्तराखंड जल संसाधनों से भरपूर है. जिसके संयमित दोहन से प्रदेश ही नहीं बल्कि गंगा यमुना के निचले प्रांतों का भी सर्वांगीण विकास होगा. यह देश की प्रगति के लिए बहुत सहायक है. उनका कहना है कि बड़े बांधों से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता है. बल्कि यह देश और राज्य के लिए फायदेमंद हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पानी का संकट गहराएगा. ऐसे में पानी को रोककर उसे बचाना जरूरी है.

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