देहरादून: भाजपा खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बताते हुए राज्यों में पन्ना प्रमुखों तक की नियुक्ति करने की तैयारी कर रही है. उधर, कांग्रेस ने भी बूथ स्तर पर भाजपा के नक्शे कदम पर चलने का खाका तैयार किया है. लिहाजा, राजनीतिक रूप से बहस इस बात पर छिड़ गई है कि क्या कांग्रेस संगठन के ढांचे को लेकर भाजपा की नकल कर रही है?
उत्तराखंड कांग्रेस ने चुनावी वर्ष नजदीक आते ही संगठन की रूपरेखा और चुनावी तैयारियों को लेकर मंथन शुरू हो गया है. उत्तराखंड कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव खुद संगठन के हालातों की जानकारी ले रहे हैं. इस दौरान निष्क्रिय पड़े संगठन को सक्रिय करने की भी कोशिश हो रही है. खास बात यह है कि कांग्रेस बूथ स्तर पर भूत प्रमुखों की नियुक्ति करने का मन बना रही है और इसके जरिए प्रदेश भर में बूथ स्तर पर चुनावी तैयारियों को किया जा रहा है.
हालांकि, कांग्रेस की तैयारी के बीच बीजेपी, कांग्रेस के नेताओं पर भाजपा संगठन की नकल करने का आरोप लगा रहे हैं. भाजपा नेताओं की मानें तो उत्तराखंड कांग्रेस बीजेपी की तरह बूथ स्तर पर बूथ प्रमुखों की नियुक्ति कर रही है, लेकिन कांग्रेस इस बात से अनजान है कि भाजपा ने इस तैयारी को और आगे बढ़ाते हुए बूथ से पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति तक पर काम पूरा कर लिया है. लिहाजा भाजपा संगठन की तैयारी से अभी कांग्रेस कोसों दूर है.
कांग्रेस आगामी चुनाव को लेकर खासी चिंतित
राज्य में कांग्रेस का अब बूथ प्रमुखों की नियुक्ति करना निश्चित रूप से कांग्रेस की आगामी चुनाव को लेकर चिंता को दिखाता है. इस मामले में कांग्रेस का मानना है कि उनकी पार्टी 135 साल पुरानी है और बूथ प्रमुख तक की नियुक्तियों को पहले से किया जाता रहा है. इसलिए इसे भाजपा की नकल या भाजपा संगठन के पीछे कदमताल नहीं कहा जा सकता.
यह बात ठीक है कि देश में कांग्रेस, भाजपा से कहीं पुरानी पार्टी है और कांग्रेस पूर्व में भी बूथ स्तर पर बूथ प्रमुखों जैसी नियुक्तियां करती रही होगी, लेकिन इस बात में भी कोई दो राय नहीं हैं कि भाजपा ने अपने संगठन को जिस तरह से मजबूत किया है. इस लिहाज से कांग्रेस इससे काफी पीछे है. बूथ प्रमुखों की नियुक्ति को लेकर भी सालों से कांग्रेस निष्क्रिय ही दिखाई दी है. ऐसे में अगर अब कांग्रेस को बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं की जरूरत महसूस हो रही है और इसके लिए पार्टी कदम बढ़ा रही है तो इसमें भाजपा के मजबूत संगठन का डर छिपा हुआ है.