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टिहरी डैम को बेचे जाने के खिलाफ कांग्रेस ने खोला मोर्चा, हरदा की अगुवाई में होगा बड़ा प्रदर्शन

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Published : Nov 13, 2019, 4:51 PM IST

Updated : Nov 13, 2019, 5:18 PM IST

टिहरी डैम को निजी हाथों में सौंपे जाने की सुगबुगाहट के बाद कांग्रेस विरोध में उतर गई है. गुरुवार को कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरना देगी.

टिहरी डैम

टिहरीः विश्व के बड़े बांधों में शुमार टिहरी डैम को निजी हाथों में सौंपे जाने को लेकर प्रदेश में सियासत गर्माती दिख रही है. गुरुवार को कांग्रेस मामले को लेकर धरना देने जा रही है. जिसमें पूर्व सीएम हरीश रावत ऋषिकेश के टिहरी जल विद्युत निगम के सामने धरना देंगे. इसमें कांग्रेस पार्टी के नेता, कार्यकर्ता समेत टिहरी बांध विस्थापित लोग और बांध में काम कर रहे कर्मचारियों के परिजन भी हिस्सा लेंगे.

टिहरी डैम को निजी हाथों में सौंपे जाने को लेकर विरोध में उतरी कांग्रेस.

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि बीजेपी लगातार सवाल करती आई है कि कांग्रेस ने आखिर इन 60 सालों में क्या किया? लेकिन, बीजेपी सरकार बीएसएनल, टीएचडीसी जैसे सार्वजनिक उपक्रम को बेचने की जुगत में लगी हुई है. जो उपक्रम राजीव गांधी, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी ने स्थापित किए थे, उन्हें सरकार बेचने की तैयारी में है.

ये भी पढे़ंः आयुष छात्रों के समर्थन में उतरी कांग्रेस, राज्य सरकार को दी बड़े आंदोलन की चेतावनी

उन्होंने कहा कि टीएचडीसी एक बड़ा उपक्रम है और काफी लाभ कमा रहा है. जिसमें अभी तक किसी किस्म का घाटा देखने को नहीं मिला है. टिहरी में बांध प्रभावित स्थानीय लोग हैं, उन्हें टिहरी डैम से रोजगार मुहैया हो रहा है. ऐसे में डैम का निजीकरण किया जाता है तो सबसे पहले उन लोगों पर गाज गिरेगी जो स्थानीय लोग वहां काम कर रहे हैं.

जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि टिहरी बांध का 42 वर्ग किलोमीटर का जलाशय है. ऐसे में उस जलाशय में मत्स्य पालन, नौकायान समेत विभिन्न एक्टिविटीज के जरिए जो पर्यटन, रोजगार की संभावनाएं भविष्य में तराशी जा रही थीं. इस निजीकरण के बाद वे संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी.

टिहरीः विश्व के बड़े बांधों में शुमार टिहरी डैम को निजी हाथों में सौंपे जाने को लेकर प्रदेश में सियासत गर्माती दिख रही है. गुरुवार को कांग्रेस मामले को लेकर धरना देने जा रही है. जिसमें पूर्व सीएम हरीश रावत ऋषिकेश के टिहरी जल विद्युत निगम के सामने धरना देंगे. इसमें कांग्रेस पार्टी के नेता, कार्यकर्ता समेत टिहरी बांध विस्थापित लोग और बांध में काम कर रहे कर्मचारियों के परिजन भी हिस्सा लेंगे.

टिहरी डैम को निजी हाथों में सौंपे जाने को लेकर विरोध में उतरी कांग्रेस.

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि बीजेपी लगातार सवाल करती आई है कि कांग्रेस ने आखिर इन 60 सालों में क्या किया? लेकिन, बीजेपी सरकार बीएसएनल, टीएचडीसी जैसे सार्वजनिक उपक्रम को बेचने की जुगत में लगी हुई है. जो उपक्रम राजीव गांधी, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी ने स्थापित किए थे, उन्हें सरकार बेचने की तैयारी में है.

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उन्होंने कहा कि टीएचडीसी एक बड़ा उपक्रम है और काफी लाभ कमा रहा है. जिसमें अभी तक किसी किस्म का घाटा देखने को नहीं मिला है. टिहरी में बांध प्रभावित स्थानीय लोग हैं, उन्हें टिहरी डैम से रोजगार मुहैया हो रहा है. ऐसे में डैम का निजीकरण किया जाता है तो सबसे पहले उन लोगों पर गाज गिरेगी जो स्थानीय लोग वहां काम कर रहे हैं.

जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि टिहरी बांध का 42 वर्ग किलोमीटर का जलाशय है. ऐसे में उस जलाशय में मत्स्य पालन, नौकायान समेत विभिन्न एक्टिविटीज के जरिए जो पर्यटन, रोजगार की संभावनाएं भविष्य में तराशी जा रही थीं. इस निजीकरण के बाद वे संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी.

Intro:टिहरी डैम को निजी हाथों में सौंपा जाने को लेकर प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भाजपा की सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एक लाइक पाप कोई संपत्ति अर्जित करता है जबकि नालायक बेटा उस संपत्ति को बेचने की फिराक में रहता है उसी तर्ज पर केंद्र में बैठी भाजपा की नालायक सरकार का यह हाल है कि जो संपत्तियां कांग्रेस ने अर्जित की थी भाजपा की सरकार उन संपत्तियों को खुर्द बुर्द करके विदेशों की सैर समेत अलग-अलग जश्न मनाकर उसको बर्बाद करने में तुली भी है।


Body:कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि बीजेपी लगातार सवाल करती आई है कि कांग्रेस ने आखिर इन 60 सालों में क्या किया, लेकिन केंद्र में बैठी बीजेपी की सरकार बीएसएनल ,टीएचडीसी जैसे सार्वजनिक उपक्रम को बेचने की जुगत में लगी हुई है जो उपक्रम राजीव गांधी जवाहरलाल नेहरू इंदिरा गांधी ने स्थापित किए थे। जिन्हें बीजेपी सरकार बेचने की एक्सरसाइज करने में लगी हुई है। जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि टीएचडीसी एक बड़ा उपक्रम है और लाभ कमा रहा है, जिसमें अभी तक किसी किस्म का घाटा देखने को नहीं मिला है। टिहरी में स्थानीय बांध प्रभावित लोग हैं उन्हें टिहरी डैम से रोजगार मैया हो रहा था। यदि उसका निजीकरण किया जाता है तो सबसे पहले उन कर्मचारियों पर गाज गिरेगी जो स्थानीय लोग वहां काम कर रहे हैं। टिहरी बांध का 42 वर्ग किलोमीटर का जलाशय है, ऐसे में उस जलाशय में मत्स्य पालन नौकायान समेत विभिन्न एक्टिविटीज के जरिए जो पर्यटन, रोजगार की संभावनाएं भविष्य में तराशी जा रही थी इस निजी करण के बाद वह अवसर समाप्त हो जाएंगे।
बाईट-जोत सिंह बिष्ट,वरिष्ठ कांग्रेस उपाध्यक्ष


Conclusion: वहीं कांग्रेस का कहना है कि कल ऋषिकेश के टिहरी जल विद्युत निगम के सामने हरीश रावत धरना देने जा रहे हैं ताकि इसे निजी हाथों में ना सौंपा जाए। उसमें कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता टिहरी बांध विस्थापित लोग और टिहरी बांध में काम कर रहे कर्मचारियों के परिजन भी इस धरने में हिस्सा लेंगे।
Last Updated : Nov 13, 2019, 5:18 PM IST
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