टिहरीः विश्व के बड़े बांधों में शुमार टिहरी डैम को निजी हाथों में सौंपे जाने को लेकर प्रदेश में सियासत गर्माती दिख रही है. गुरुवार को कांग्रेस मामले को लेकर धरना देने जा रही है. जिसमें पूर्व सीएम हरीश रावत ऋषिकेश के टिहरी जल विद्युत निगम के सामने धरना देंगे. इसमें कांग्रेस पार्टी के नेता, कार्यकर्ता समेत टिहरी बांध विस्थापित लोग और बांध में काम कर रहे कर्मचारियों के परिजन भी हिस्सा लेंगे.
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि बीजेपी लगातार सवाल करती आई है कि कांग्रेस ने आखिर इन 60 सालों में क्या किया? लेकिन, बीजेपी सरकार बीएसएनल, टीएचडीसी जैसे सार्वजनिक उपक्रम को बेचने की जुगत में लगी हुई है. जो उपक्रम राजीव गांधी, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी ने स्थापित किए थे, उन्हें सरकार बेचने की तैयारी में है.
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उन्होंने कहा कि टीएचडीसी एक बड़ा उपक्रम है और काफी लाभ कमा रहा है. जिसमें अभी तक किसी किस्म का घाटा देखने को नहीं मिला है. टिहरी में बांध प्रभावित स्थानीय लोग हैं, उन्हें टिहरी डैम से रोजगार मुहैया हो रहा है. ऐसे में डैम का निजीकरण किया जाता है तो सबसे पहले उन लोगों पर गाज गिरेगी जो स्थानीय लोग वहां काम कर रहे हैं.
जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि टिहरी बांध का 42 वर्ग किलोमीटर का जलाशय है. ऐसे में उस जलाशय में मत्स्य पालन, नौकायान समेत विभिन्न एक्टिविटीज के जरिए जो पर्यटन, रोजगार की संभावनाएं भविष्य में तराशी जा रही थीं. इस निजीकरण के बाद वे संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी.