देहरादून: नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों कराए जाने की मांग को लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया है. वहीं विपक्षी दल नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर भाजपा को घेर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष संगठन प्रशासन मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि संसदीय परंपराएं और मर्यादा यह कहती है कि राष्ट्रपति संसद की मुखिया होती हैं.
उन्होंने कहा कि संसद को आमंत्रित करने और सत्रावसान का काम राष्ट्रपति का होता है. लेकिन नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से नहीं करा कर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री अब स्वयं ही सब कुछ करना चाहते हैं और राष्ट्रपति को बाईपास करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि संसदीय परंपराओं और मान्यताओं के अनुसार नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए और राष्ट्रपति देश की संवैधानिक प्रमुख हैं. उनसे उद्घाटन ना कराना लोकतंत्र और संविधान का भी अपमान है.
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उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के हाथों नए संसद भवन का उद्घाटन कराते. इससे पहले भी राष्ट्रपति रहे रामनाथ कोविंद के हाथों संसद भवन का शिलान्यास नहीं करवाया गया. उन्होंने कहा कि शायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों नए संसद भवन का उद्घाटन कराने से परहेज है. दरअसल, नया संसद भवन बनकर तैयार हो चुका है. आगामी 28 तारीख को उद्घाटन का दिन मुकर्रर किया गया है. ऐसे में विपक्ष पूछ रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकतंत्र के मंदिर कहे जाने वाले संसद भवन का उद्घाटन कैसे कर सकते हैं.