देहरादूनः टिहरी के जिला सहकारी बैंक से लिए गए लोन को न चुकाने पर जिला मजिस्ट्रेट टिहरी ने कोर्ट प्रोसिडिंग (कोर्ट की कार्यवाही) के तहत भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी (BJP State General Secretary Aditya Kothari) के बंधक होटल को कब्जे में लेने के आदेश दे दिए हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस को बैठे बिठाए भाजपा को कोसने का मौका (Congress targets BJP on Aditya Kothari case) मिल गया है.
कांग्रेस का कहना है कि उत्तराखंड भाजपा इतने बड़े भ्रष्टाचार के खुलासे के बावजूद चुप्पी साधे हुए बैठी है. कांग्रेस का कहना है कि टिहरी जिला मजिस्ट्रेट ने तो आदित्य कोठारी पर सहकारी बैंक का पैसा नहीं लौटाने पर कुर्की के आदेश 8 दिसंबर को जारी कर दिए हैं. यानी कि सरकार ने तो मामले में कार्रवाई कर दी है. लेकिन भाजपा संगठन मौन धारण किए हुए है.
पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि 2013 में जिला सहकारी बैंक टिहरी से 65 लाख का लोन लेने के बावजूद आदित्य कोठारी ने मात्र एक बार बैंक की किस्त भरी है, जो मात्र ₹1 लाख रुपए हैं. यह हैरान करने वाला है कि आज रिकवरी अमाउंट एक करोड़ 98 लाख हो गया है. गरिमा का कहना है कि यह किस्त भी उन्होंने इसलिए भरी क्योंकि उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ना था और उन्हें एनओसी की जरूरत थी. लेकिन बीते 10 सालों में मात्र एक लाख रुपए के अलावा उन्होंने बैंक को एक भी किस्त नहीं चुकाई.
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उन्होंने कहा कि इतना सब होने के बावजूद भाजपा संगठन अपने प्रदेश महामंत्री पर कार्रवाई तक नहीं कर रहा है. गरिमा ने कहा कि सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि सहकारी बैंक से उन्होंने लोन एक एनजीओ बनाकर लिया था. ऐसे में सवाल यह उठता है कि 8 दिसंबर को कुर्की के आदेश होने के बावजूद अभी तक उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई.
कांग्रेस का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचारियों को पनाह दे रही है. कांग्रेस ने यह भी सवाल उठाए कि क्या समझा जाए कि उत्तराखंड में नियम कायदे कानून सिर्फ गरीबों के लिए बने हैं? जबकि रसूखदार और सत्तापक्ष से जुड़े हुए लोग सिस्टम के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.