देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. ऐसे में राजनीतिक नेताओं का राज्य दौरा जारी है. ऐसे में 5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) केदारनाथ दौरे पर थे, जिसको लेकर अब प्रदेश की सियासत गर्म है. पीएम का केदारनाथ दौरा धार्मिक या राजनीतिक है, इसको लेकर बहस जारी है.
बता दें कि, 2014, 2017 और अब 2022 चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी के केदारनाथ दौरे पर आने से उत्तराखंड की राजनीति में बहस छिड़ गई है. विपक्षी दल पीएम मोदी के दौरे को धार्मिक की जगह राजनीतिक दौरा करार दे रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ में आकर उत्तराखंड में विजन 2030 की बात कहकर भाजपा में भले ही ऊर्जा भरने की बात कही हो, लेकिन दूसरी तरफ कांग्रेस भाजपा से पहले पुराना हिसाब चुकता करने की मांग कर रही है. पीएम मोदी के अनुसार आने वाला दशक उत्तराखंड का रहने वाला है, जिसको लेकर राज्य सरकार ने भी अपनी ओर से पूरा दम भरने का दावा किया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने विजन 2030 के बारे में बताया कि उत्तराखंड राज्य अगले 10 सालों में सर्वश्रेष्ठ राज्य की परिकल्पना के साथ आगे बढ़ रहा है.
विजन 2030 के लिए ये रहेंगे भाजपा के टारगेट
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने विजन 2030 के लक्ष्यों को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की कमान संभाली है तब से देश पूरी रफ्तार के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ा है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा रोड कनेक्टिविटी, एयर कनेक्टिविटी सहित रेल कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व प्रयास किए गए हैं. जिनको धरातल पर उतारने को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से कटिबद्ध है. उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता होगी कि जो भी शिलान्यास केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किए गए हैं उन प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा किया जाए. वहीं जो घोषणाएं की गई हैं उनको जल्द से जल्द धरातल पर उतारा जाए.
भाजपा से विपक्ष ने मांगा पिछला हिसाब
भाजपा के इस विजन 2030 पर कांग्रेस ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि भाजपा भले ही अगले 10 सालों की बात कर रही है, लेकिन भाजपा को पहले अपने पिछले 8 सालों का हिसाब देना होगा. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि जब से नरेंद्र मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बने हैं तब से लेकर अब तक का हिसाब पहले भाजपा को देना होगा. उसके बाद उन्हें अगले 10 सालों की बात करनी होगी.
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कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने भाजपा सरकार से सवाल किया है कि वह 2014 में जनता से किए गए वादों को याद करें और बतायें कि काला धन कितना वापस आया है. लोगों के खातों में 15 लाख रुपये आए हैं या नहीं यह भी बताएं. ये भी बताएं कि नोटबंदी से आम व्यक्ति को क्या फायदा हुआ है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि रोजगार पर सरकार को जवाब देना होगा फिर अगले 10 सालों की बात भाजपा जनता के सामने करे. उन्होंने कहा कि भाजपा चाहे कितने ही सपने जनता को दिखा दे लेकिन जनता केंद्र में मोदी सरकार और पिछले 4 सालों में राज्य में भाजपा सरकार को परख चुकी है और अब जनता दोबारा मौका देने वाले नहीं है.