देहरादून: उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे को कांग्रेस ने इसे केंद्र सरकार का रणनीतिक बदलाव बताया है. कांग्रेस का कहना है सिक्के के दो पहलुओं पर यदि गौर किया जाए तो या तो राज्यपाल ने खुद को अपमानित महसूस करते हुए इस्तीफा दिया. या फिर केंद्र सरकार की रणनीति रही कि यहां चेहरा बदलकर अपनी सियासी जमीन तलाशी जाए.
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि राज्यपाल का इस्तीफा सरकार के रणनीतिक बदलाव के रूप में देखा जा सकता है. भाजपा ने प्रदेश में अपना सूपड़ा साफ होने के अंदेशा के चलते 3-3 मुख्यमंत्री थोप दिये. इसके अलावा ना केवल भाजपा ने अपने संगठन के प्रदेश अध्यक्ष को बदला, बल्कि अब राज्यपाल को भी बदला जा रहा है.
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गरिमा ने कहा भाजपा को यह पता है कि यहां चुनाव होने जा रहे हैं और इसके नतीजे आएंगे. ऐसे में तब प्रदेश में राज्यपाल का अहम रोल होगा. जिस तरह राज्यपाल का अपमान मुक्त विश्वविद्यालय में हुई 56 नियुक्तियों में देखा गया, जिसमें राज्यपाल का बयान आया कि यह 56 नियुक्तियां उनके संज्ञान में नहीं हैं. कहीं ना कहीं इस मामले में उनकी अनदेखी की जा रही थी.