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CM फेस पर कांग्रेस ने ठुकराया हरदा का सुझाव, देवेंद्र यादव बोले- सामूहिक रूप से लड़ेंगे चुनाव

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव सीएम के चेहरे के साथ लड़ने का सुझाव दिया था. जिसके बाद कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि है कि पार्टी पूरी तरह से एकजुट है. हरीश रावत कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं. ऐसे में उन्होंने अपनी बात अनुशासन के दायरे में रहते हुए ही कही है.

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हरदा के सुझाव पर देवेंद्र यादव का जवाब
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Published : Jan 15, 2021, 2:38 PM IST

Updated : Jan 15, 2021, 4:56 PM IST

देहरादून: अगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में हरीश रावत ने मुख्यमंत्री चेहरे पर चुनाव लड़ने की जो राजनीति शुरू की थी, उसका कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने जवाब दे दिया है. देवेंद्र यादव ने हरीश रावत द्वारा चुनाव के लिए सीएम चेहरा घोषित करने के सुझाव को दरकिनार कर दिया है. साफ है कि उत्तराखंड में हरीश रावत के सुझाव को लेकर राजनीति अब कांग्रेस पार्टी नहीं मानेगी. वहीं, कांग्रेस वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश ने भी हरीश रावत को पार्टी की रीति और नीति का पाठ पढ़ाया.

आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आगामी विधानसभा चुनाव कांग्रेस को सीएम चेहरे के साथ लड़ने का सुझाव दिया था. जिसके बाद पार्टी में इसको लेकर खूब राजनीति हुई थी. वहीं, इस मामले में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि है कि पार्टी पूरी तरह से एकजुट है. हरीश रावत कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं. ऐसे में उन्होंने अपनी जो बात कही है, वह अनुशासन के दायरे में रहते हुए ही कही है.

हरदा के सुझाव पर देवेंद्र यादव का जवाब

ये भी पढ़ें: सेना दिवस: अधर में है उत्तराखंड का सैनिक धाम, कब मिलेगा शहीदों को सम्मान ?

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि हरीश रावत ने जो बात कही है, उसको लेकर पार्टी पहले ही तय कर चुकी है कि चुनाव सामूहिक रूप से लड़ा जाएगा. जाहिर है कि प्रदेश प्रभारी का यह बयान हरीश रावत के उस सुझाव को खारिज कर रहा है, जिसमें उन्होंने चेहरे पर ही चुनाव लड़ने के लिए कहा था.

वहीं, हरीश रावत के सीएम चेहरा घोषित करने का मुद्दा उठाने पर इंदिरा हृदयेश ने उन्हें आड़ों हाथ लिया है. इंदिरा ने कहा कि सीएम चेहरे की घोषणा करना कांग्रेस की परंपराओं के खिलाफ रहा है, पूर्व सीएम हरीश रावत कांग्रेस के रीति, नीति और नियम ज्यादा भली-भांति जानते हैं. प्रदेश कांग्रेस ही नहीं, बल्कि किसी भी राज्य को यह अधिकार नहीं है कि वह मुख्यमंत्री का नाम घोषित करें. उन्होंने उदाहरण दिया कि जब हरीश रावत खुद सीएम बने थे, तब उनका नाम भी केंद्रीय नेतृत्व से ही आया था.

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इंदिरा हृदयेश ने हरदा को पढ़ाया पाठ

इंदिरा ने कहा कि जब एनडी तिवारी और विजय बहुगुणा राज्य के मुख्यमंत्री बने, उस दौरान हरीश रावत भी सीएम पद की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन जिन्हें मुख्यमंत्री घोषित किया गया. हरीश रावत उनके साथ खड़े दिखाई दिए. अब यह निर्णय केंद्रीय नेतृत्व लेगा कि 2022 में किसके हाथों में कमान सौंपी जाए.

देहरादून: अगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में हरीश रावत ने मुख्यमंत्री चेहरे पर चुनाव लड़ने की जो राजनीति शुरू की थी, उसका कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने जवाब दे दिया है. देवेंद्र यादव ने हरीश रावत द्वारा चुनाव के लिए सीएम चेहरा घोषित करने के सुझाव को दरकिनार कर दिया है. साफ है कि उत्तराखंड में हरीश रावत के सुझाव को लेकर राजनीति अब कांग्रेस पार्टी नहीं मानेगी. वहीं, कांग्रेस वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश ने भी हरीश रावत को पार्टी की रीति और नीति का पाठ पढ़ाया.

आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आगामी विधानसभा चुनाव कांग्रेस को सीएम चेहरे के साथ लड़ने का सुझाव दिया था. जिसके बाद पार्टी में इसको लेकर खूब राजनीति हुई थी. वहीं, इस मामले में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि है कि पार्टी पूरी तरह से एकजुट है. हरीश रावत कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं. ऐसे में उन्होंने अपनी जो बात कही है, वह अनुशासन के दायरे में रहते हुए ही कही है.

हरदा के सुझाव पर देवेंद्र यादव का जवाब

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कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि हरीश रावत ने जो बात कही है, उसको लेकर पार्टी पहले ही तय कर चुकी है कि चुनाव सामूहिक रूप से लड़ा जाएगा. जाहिर है कि प्रदेश प्रभारी का यह बयान हरीश रावत के उस सुझाव को खारिज कर रहा है, जिसमें उन्होंने चेहरे पर ही चुनाव लड़ने के लिए कहा था.

वहीं, हरीश रावत के सीएम चेहरा घोषित करने का मुद्दा उठाने पर इंदिरा हृदयेश ने उन्हें आड़ों हाथ लिया है. इंदिरा ने कहा कि सीएम चेहरे की घोषणा करना कांग्रेस की परंपराओं के खिलाफ रहा है, पूर्व सीएम हरीश रावत कांग्रेस के रीति, नीति और नियम ज्यादा भली-भांति जानते हैं. प्रदेश कांग्रेस ही नहीं, बल्कि किसी भी राज्य को यह अधिकार नहीं है कि वह मुख्यमंत्री का नाम घोषित करें. उन्होंने उदाहरण दिया कि जब हरीश रावत खुद सीएम बने थे, तब उनका नाम भी केंद्रीय नेतृत्व से ही आया था.

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इंदिरा हृदयेश ने हरदा को पढ़ाया पाठ

इंदिरा ने कहा कि जब एनडी तिवारी और विजय बहुगुणा राज्य के मुख्यमंत्री बने, उस दौरान हरीश रावत भी सीएम पद की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन जिन्हें मुख्यमंत्री घोषित किया गया. हरीश रावत उनके साथ खड़े दिखाई दिए. अब यह निर्णय केंद्रीय नेतृत्व लेगा कि 2022 में किसके हाथों में कमान सौंपी जाए.

Last Updated : Jan 15, 2021, 4:56 PM IST
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