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गैरसैंण में सत्र को लेकर कांग्रेस ने ली सरकार की चुटकी, बताया क्यों हिम्मत नहीं जुटा पा रहे सीएम

देहरादून में होने जा रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर विपक्ष ने तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं. उत्तराखंड में भाजपा सरकार द्वारा गैरसैंण में विधानसभा सत्र ना करवाए जाने को लेकर कांग्रेस ने चुटकी ली है. कांग्रेस का कहना है कि गैरसैंण सत्र के दौरान पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत (Former CM Trivendra Singh Rawat) की कुर्सी चली गई थी. उसके बाद से कोई मुख्यमंत्री गैरसैंण जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है.

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Published : Nov 12, 2022, 1:40 PM IST

देहरादून: गैरसैंण में विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Gairsain Winter Session) को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की. राजधानी देहरादून में होने जा रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर विपक्ष ने तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं. उत्तराखंड में भाजपा सरकार द्वारा गैरसैंण में विधानसभा सत्र ना करवाए जाने को लेकर कांग्रेस ने चुटकी ली है. कांग्रेस का कहना है कि गैरसैंण सत्र के दौरान पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत (Former CM Trivendra Singh Rawat) की कुर्सी चली गई थी. उसके बाद से कोई मुख्यमंत्री गैरसैंण जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है.

सत्र को लेकर कांग्रेस का आरोप: नई सरकार के गठन के बावजूद भी गैरसैंण में सत्र ना होने पर विपक्ष ने सरकार पर कई आरोप लगाए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी (Congress spokesperson Garima Dasouni) का कहना है कि साल 2012 तक उत्तराखंड में कोई गैरसैंण का नाम तक लेने वाला नहीं था. वहीं पिछली सरकार में भाजपा के एक मुख्यमंत्री ने हिम्मत की और गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया. लेकिन उसी गैरसैंण के विधानसभा सत्र के दौरान उस मुख्यमंत्री की कुर्सी छीन ली गई. उसके बाद किसी भी मुख्यमंत्री ने गैरसैंण की ओर रुख करने की हिम्मत नहीं जुटाई. कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार की कथनी और करनी में यही अंतर है कि वह जन भावनाओं के अनुरूप गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की बात तो करती है, लेकिन वास्तविकता इसके उलट है.
पढ़ें-श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के 350 अल्प वेतन भोगी कर्मियों के लिए खुशखबरी, समान कार्य का मिलेगा समान वेतन

क्या दलील दे रही भाजपा: वहीं दूसरी तरफ सरकार और सत्ता पक्ष की तरफ से इस शीतकालीन सत्र को देहरादून में किए जाने के पीछे तमाम तथ्य रखे गए हैं. भाजपा प्रवक्ता सुनीता विद्यार्थी (BJP spokesperson Sunita Vidyarthi) का कहना है कि परिस्थितियां कुछ ऐसी हैं कि गैरसैंण में सत्र करवाना अभी संभव नहीं है. हालांकि सरकार और भाजपा लगातार गैरसैंण में अवस्थापना विकास को लेकर काम कर रही हैं. सुनीता विद्यार्थी का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी (Gairsain Summer Capital) घोषित किया है और भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड की जन भावनाओं का सम्मान करते हुए गैरसैंण में विधानसभा सत्र करवाने को लेकर पूरी तरह से कटिबद्ध है.
पढ़ें-चमोली भाजपा जिलाध्यक्ष बनने पर रमेश मैखुरी का कार्यकर्ताओं ने किया जोरदार स्वागत

हालांकि लंबे समय से गैरसैंण में सत्र ना होने को लेकर उन्होंने तथ्य रखा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में ग्रीष्मकाल का विधानसभा सत्र होना चाहिए था. लेकिन इस बार ग्रीष्मकालीन सत्र से ठीक पहले ही सरकार का गठन हुआ था और उस दौरान चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) भी चल रही थी. लिहाजा गैरसैंण में विधानसभा सत्र संभव नहीं हो पाया. शीतकालीन सत्र देहरादून में किया जा रहा है. अब आने वाला ग्रीष्मकालीन सत्र निश्चित तौर से गैरसैंण में ही किया जाएगा.

देहरादून: गैरसैंण में विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Gairsain Winter Session) को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की. राजधानी देहरादून में होने जा रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर विपक्ष ने तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं. उत्तराखंड में भाजपा सरकार द्वारा गैरसैंण में विधानसभा सत्र ना करवाए जाने को लेकर कांग्रेस ने चुटकी ली है. कांग्रेस का कहना है कि गैरसैंण सत्र के दौरान पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत (Former CM Trivendra Singh Rawat) की कुर्सी चली गई थी. उसके बाद से कोई मुख्यमंत्री गैरसैंण जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है.

सत्र को लेकर कांग्रेस का आरोप: नई सरकार के गठन के बावजूद भी गैरसैंण में सत्र ना होने पर विपक्ष ने सरकार पर कई आरोप लगाए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी (Congress spokesperson Garima Dasouni) का कहना है कि साल 2012 तक उत्तराखंड में कोई गैरसैंण का नाम तक लेने वाला नहीं था. वहीं पिछली सरकार में भाजपा के एक मुख्यमंत्री ने हिम्मत की और गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया. लेकिन उसी गैरसैंण के विधानसभा सत्र के दौरान उस मुख्यमंत्री की कुर्सी छीन ली गई. उसके बाद किसी भी मुख्यमंत्री ने गैरसैंण की ओर रुख करने की हिम्मत नहीं जुटाई. कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार की कथनी और करनी में यही अंतर है कि वह जन भावनाओं के अनुरूप गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की बात तो करती है, लेकिन वास्तविकता इसके उलट है.
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क्या दलील दे रही भाजपा: वहीं दूसरी तरफ सरकार और सत्ता पक्ष की तरफ से इस शीतकालीन सत्र को देहरादून में किए जाने के पीछे तमाम तथ्य रखे गए हैं. भाजपा प्रवक्ता सुनीता विद्यार्थी (BJP spokesperson Sunita Vidyarthi) का कहना है कि परिस्थितियां कुछ ऐसी हैं कि गैरसैंण में सत्र करवाना अभी संभव नहीं है. हालांकि सरकार और भाजपा लगातार गैरसैंण में अवस्थापना विकास को लेकर काम कर रही हैं. सुनीता विद्यार्थी का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी (Gairsain Summer Capital) घोषित किया है और भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड की जन भावनाओं का सम्मान करते हुए गैरसैंण में विधानसभा सत्र करवाने को लेकर पूरी तरह से कटिबद्ध है.
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हालांकि लंबे समय से गैरसैंण में सत्र ना होने को लेकर उन्होंने तथ्य रखा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में ग्रीष्मकाल का विधानसभा सत्र होना चाहिए था. लेकिन इस बार ग्रीष्मकालीन सत्र से ठीक पहले ही सरकार का गठन हुआ था और उस दौरान चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) भी चल रही थी. लिहाजा गैरसैंण में विधानसभा सत्र संभव नहीं हो पाया. शीतकालीन सत्र देहरादून में किया जा रहा है. अब आने वाला ग्रीष्मकालीन सत्र निश्चित तौर से गैरसैंण में ही किया जाएगा.

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