देहरादून: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से शुक्रवार देर शाम तीलू रौतेली सम्मान 2021 की सूची जारी की गई है. इस पर विपक्षी दलों की ओर से लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं. दरअसल, इस सूची में कई ऐसी महिलाओं के नाम हैं जो सीधे तौर पर या तो भाजपा से ताल्लुक रखती हैं या भाजपा से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारियों से.
गौरतलब है कि तीलू रौतेली सम्मान समारोह 8 अगस्त को आयोजित होने जा रहा है. इसमें 22 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य करने वाली अन्य 22 महिलाओं के नाम शामिल हैं. अगर इस सूची पर गौर किया जाये तो आप देखेंगे की सूची में कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल की बेटी दीपिका चुफाल का भी नाम शामिल है. उसे सामाजिक क्षेत्र में योगदान के लिए तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए चुना गया है.
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वहीं, दूसरी ओर इसी सूची में पिथौरागढ़ से ही जिला पंचायत अध्यक्ष और बीजेपी नेता की पत्नी दीपिका बोहरा भी नाम है. इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल के पीआरओ की पत्नी डॉ. राजकुमारी चौहान को भी तीलू रौतेली सम्मान से नवाजा जा रहा है. इस पर विपक्षी दल कांग्रेस सीधे तौर पर पक्षपात का आरोप लगा रही है.
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कांग्रेस मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी के मुताबिक जिस तरह बीजेपी सरकार अपनी ही पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं को तीलू रौतेली जैसे राज्य सम्मान से नवाज रही है यह कई सवाल खड़े करता है. यह सीधे तौर पर यह बीजेपी की पक्षपात की राजनीति को भी दर्शाता है. इस सूची को देखकर यह प्रतीत होता है कि प्रदेश में सिर्फ बीजेपी कार्यकर्ता ही सामाजिक कार्यों में जुड़े हुए हैं, जबकि कोरोना काल में सभी दलों के लोगों ने बढ़-चढ़कर समाज सेवा में अपना सहयोग दिया. अन्य पार्टियों की महिला कार्यकर्ताओं को इस सूची में कोई स्थान नहीं दिया गया. कुल मिलाकर बीजेपी सरकार ने तीलू रौतेली जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार की पूरी तरह से बेकद्री कर डाली है.
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष और वरिष्ठ प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने घोषित किए गए 22 पुरस्कारों को भाजपाई बंदरबांट बताया है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने 22 में से आधे से ज्यादा पुरस्कार भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और उनके रिश्तेदारों को बांट दिए हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. धीरेंद्र प्रताप का कहना है कि भाजपा को पहले इन पुरस्कारों की समीक्षा करनी चाहिए थी, मगर ऐसा ना करते हुए पुरस्कारों की सूची जारी कर दी. धीरेंद्र प्रताप का कहना है कि उत्तराखंड की मातृशक्ति ने अनेकों क्षेत्र में इस वर्ष भी और इससे पूर्व भी कई कीर्तिमान स्थापित किये, ऐसे में सरकार को चाहिए था कि वह इन पुरस्कारों के आवंटन में भाई
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विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से उठाए गए पक्षपात के सवालों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है. बीजेपी प्रवक्ता शादाब शम्स ने कांग्रेस के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने सीधे तौर पर कहा जिस समय कोरोना से जंग लड़ी जा रही थी उस दौरान बीजेपी कार्यकर्ता खुद धरातल पर लोगों की मदद के लिए खड़े थे, लेकिन तब कांग्रेसी सिर्फ तमाशा देख रहे थे. ऐसे में यदि किसी पार्टी कार्यकर्ता ने समाज के लिए बेहतरीन कार्य किया है तो उसे सम्मानित किया जाना कहीं से भी गलत या नाजायज नहीं है.