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सरकार की ट्रांसफर एक्ट से राहत देने की कोशिश पर उठे सवाल, विपक्ष ने 'तबादला उद्योग' दिया नाम - transfer of employees

प्रदेश की धामी सरकार विभिन्न विभागों के बड़ी संख्या में कर्मचारियों के तबादले (transfer of employees) करने की तैयारी कर रही है. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो विपक्ष ने भी इस मामले पर सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है. जिसके बाद सरकार की इस कार्रवाई को कांग्रेस ने 'तबादला उद्योग' का नाम दिया है.

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Published : Sep 29, 2022, 7:54 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में कर्मचारियों के तबादलों को पारदर्शी करने के लिए तबादला एक्ट (transfer act in uttarakhand) तो लाया गया. लेकिन विचलन यानी मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार की बदौलत मिड सेशन में भी तबादले होते रहे. खबर है कि एक बार फिर इसी विचलन के माध्यम से बड़ी संख्या में कर्मचारियों के तबादलों की तैयारी की जा रही है. सवाल उठ रहा है कि मिड सीजन में ही विचलन की शासन को क्यों याद आती है. उधर, कांग्रेस ने विचलन का नाम लेकर इस पूरी प्रक्रिया को 'तबादला उद्योग' का नाम दे दिया है.

उत्तराखंड सरकार (uttarakhand government) राज्य में विभिन्न विभागों के बड़ी संख्या में कर्मचारियों के तबादले करने की तैयारी कर रही है. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो विपक्ष ने भी इस मामले पर सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है. कांग्रेस ने तबादलों में मुख्यमंत्री के इस विशेषाधिकार का गलत इस्तेमाल होने का आरोप लगाया है. कांग्रेस सवाल उठा रही है (congress raised questions) कि सीजन आधा बीतने के बाद ही शासन को विचरण की याद क्यों आती है.

सरकार की तबादला एक्ट से राहत देने की कोशिश पर उठे सवाल.

कांग्रेस ने तो तबादलों को उद्योग बनाने तक का आरोप भाजपा सरकार पर लगा (congress opposed the transfers ) दिया है. वैसे आपको बता दें कि शासन ने विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को विचलन के माध्यम से स्थानांतरित करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है और इसी बात का विरोध कांग्रेस अब खुलकर करने लगी है.

पढ़ें- अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन एवं टोकन के लिए विकसित होगी नई प्रभावी व्यवस्था: CM पुष्कर सिंह धामी

वहीं, शासन में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में धारा 27 का जिक्र करते हुए तबादलों को हरी झंडी दी जा रही है, और भाजपा सरकार के मंत्री और विधायक इस पर मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होने का तर्क देकर इसे सही भी ठहरा रहे हैं. इस बात में कोई शक नहीं है कि मुख्यमंत्री को विचलन के माध्यम से स्थानांतरण (transfer through deviation) को लेकर अधिकार है. लेकिन यह बात भी सही है कि बीच सीजन में तबादला नीति को काटकर मुख्यमंत्री के अधिकार का इस्तेमाल कर कर्मचारियों को बड़ी संख्या में ही तबादला किया जाता है तो इस पर सवाल उठेंगे ही.

हालांकि, इस सबसे हटकर परिवहन मंत्री इस मामले में फाइल उनके पास आने पर विचार करने की बात कह रहे हैं. यही नहीं वह भी कर्मचारियों के अति आवश्यक तबादलों को सही ठहराते हुए दिख रहे हैं. यह स्थिति तब है जब हाल ही में मुख्यमंत्री खुद कुछ तबादलों को यह कहकर निरस्त कर चुके हैं कि बीच सीजन में तबादले नहीं हो सकते. अब विचलन का नाम लेकर कर्मचारियों के लिए अति आवश्यक रूप से तबादले को जरूरत मानते हुए तबादलों की तैयारी हो रही है.

देहरादून: उत्तराखंड में कर्मचारियों के तबादलों को पारदर्शी करने के लिए तबादला एक्ट (transfer act in uttarakhand) तो लाया गया. लेकिन विचलन यानी मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार की बदौलत मिड सेशन में भी तबादले होते रहे. खबर है कि एक बार फिर इसी विचलन के माध्यम से बड़ी संख्या में कर्मचारियों के तबादलों की तैयारी की जा रही है. सवाल उठ रहा है कि मिड सीजन में ही विचलन की शासन को क्यों याद आती है. उधर, कांग्रेस ने विचलन का नाम लेकर इस पूरी प्रक्रिया को 'तबादला उद्योग' का नाम दे दिया है.

उत्तराखंड सरकार (uttarakhand government) राज्य में विभिन्न विभागों के बड़ी संख्या में कर्मचारियों के तबादले करने की तैयारी कर रही है. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो विपक्ष ने भी इस मामले पर सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है. कांग्रेस ने तबादलों में मुख्यमंत्री के इस विशेषाधिकार का गलत इस्तेमाल होने का आरोप लगाया है. कांग्रेस सवाल उठा रही है (congress raised questions) कि सीजन आधा बीतने के बाद ही शासन को विचरण की याद क्यों आती है.

सरकार की तबादला एक्ट से राहत देने की कोशिश पर उठे सवाल.

कांग्रेस ने तो तबादलों को उद्योग बनाने तक का आरोप भाजपा सरकार पर लगा (congress opposed the transfers ) दिया है. वैसे आपको बता दें कि शासन ने विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को विचलन के माध्यम से स्थानांतरित करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है और इसी बात का विरोध कांग्रेस अब खुलकर करने लगी है.

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वहीं, शासन में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में धारा 27 का जिक्र करते हुए तबादलों को हरी झंडी दी जा रही है, और भाजपा सरकार के मंत्री और विधायक इस पर मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होने का तर्क देकर इसे सही भी ठहरा रहे हैं. इस बात में कोई शक नहीं है कि मुख्यमंत्री को विचलन के माध्यम से स्थानांतरण (transfer through deviation) को लेकर अधिकार है. लेकिन यह बात भी सही है कि बीच सीजन में तबादला नीति को काटकर मुख्यमंत्री के अधिकार का इस्तेमाल कर कर्मचारियों को बड़ी संख्या में ही तबादला किया जाता है तो इस पर सवाल उठेंगे ही.

हालांकि, इस सबसे हटकर परिवहन मंत्री इस मामले में फाइल उनके पास आने पर विचार करने की बात कह रहे हैं. यही नहीं वह भी कर्मचारियों के अति आवश्यक तबादलों को सही ठहराते हुए दिख रहे हैं. यह स्थिति तब है जब हाल ही में मुख्यमंत्री खुद कुछ तबादलों को यह कहकर निरस्त कर चुके हैं कि बीच सीजन में तबादले नहीं हो सकते. अब विचलन का नाम लेकर कर्मचारियों के लिए अति आवश्यक रूप से तबादले को जरूरत मानते हुए तबादलों की तैयारी हो रही है.

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