देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में बसों के किराए में दोगुने से अधिक वृद्धि कर दी है. ऐसे में देहरादून से दिल्ली जाने का वोल्वो का किराया प्लेन से भी महंगा हो गया है. मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार के इस निर्णय पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि राज्य सरकार ने बसों का किराया बढ़ाकर एक बार फिर जनता की कमर तोड़ने का काम किया है. तो वहीं, प्रदेश की सत्ता संभाल रही बीजेपी ने कांग्रेस के विरोध को अव्यवहारिक बताते हुए आरोप लगाया है कि लोगों को भड़काना और कोरोना की लड़ाई को बाधित करना कांग्रेस के एजेंडे में सबसे ऊपर शामिल है.
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बसों का किराया बढ़ाए जाने को लेकर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इस कोरोना काल में जब से जनता कर्फ्यू लगा, उसके बाद 24 मार्च से पहला लॉकडाउन शुरू हुआ. यह प्रक्रिया फोर्थ लॉकडाउन तक चली, उसके बाद अनलॉक का प्रोसेस चला. इन 80 से 90 दिनों में छोटे व्यापारी और दुकानदार, विक्रम, टैम्पो, ट्रक, बस वालों के रोजगार छिन गये. क्योंकि, लॉकडाउन के दौरान वो कोई काम नहीं कर पाए. इस दौरान लोगों को भारी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा. उसके बावजूद लोगों ने एक दूसरे की मदद करते हुए राशन और पका हुआ भोजन वितरित किया. सीएम राहत कोष में भी बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया.
सब कुछ जनता ने किया तो फिर सरकार ने क्या किया- धस्माना
धस्माना ने सवाल किया कि इस कोरोना काल में जब सब कुछ जनता ने किया तो फिर सरकार ने आखिर क्या किया? सरकार ने जनता को राहत देने के लिए बिजली-पानी के बिलों, हाउस टैक्स, स्कूल की फीस में कोई रियायत नहीं दी. ऊपर से सरकार ने बसों का किराया 100 फीसदी तक बढ़ा दिया. कांग्रेस का कहना है कि आज बस से दिल्ली जाने का किराया हवाई जहाज से ज्यादा हो गया है. सरकार ने जो काम किया है कांग्रेस निंदा करती है और अपना विरोध जताती है.
बीजेपी ने भी किया कांग्रेस का पलटवार
वहीं, कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. देवेंद्र भसीन ने सरकार के इस फैसले को उचित ठहराया है. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता यह बयान देते हैं कि बस संचालकों के जीवन यापन को देखते हुए बसों को चलाया जाए, ऐसे में कोरोना संक्रमण की वजह से बसों में सोशल-डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखना होगा. दूसरी ओर जब व्यवहारिक तौर पर बसों का किराया बढ़ाया जाता है तो कांग्रेस तब भी आलोचना करती रहती है. क्योंकि कांग्रेस को आलोचना के अलावा और कोई काम नहीं करना पड़ता है.
बसों में यात्रियों की संख्या कम होने से किराया बढ़ना स्वाभाविक- भसीन
डॉक्टर भसीन ने कहा कि सोशल-डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए यदि बस यात्रियों की संख्या कम होगी तो परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों को नुकसान उठाना पड़ेगा. ऐसे में व्यवहारिक है कि बसों का किराया बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि जनता को सरकार के इस फैसले पर कोई परेशानी नहीं है, मगर कांग्रेस के नेता ही इस पर अपनी आपत्ति जता रहे हैं. उन्होंने कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं चलने से लोगों को जो दिक्कतें हो रही थी वो दूर होंगी. साथ ही कोरोना की रोकथाम के लिए बसों में यात्रियों की संख्या कम करनी पड़ेगी तो इससे निश्चित तौर पर बसों का किराया भी बढ़ेगा.
दरअसल, गुरुवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश में बसों के किराए में दोगुने से अधिक वृद्धि किये जाने का फैसला लिया है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने सरकार के इस निर्णय पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि कोरोना काल में त्रस्त हो चुकी जनता की कमर टूट गई है, तो वहीं, भाजपा ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस केवल आलोचना करनी है. कोरोना की लड़ाई को बाधित करना उसके मुख्य एजेंडे में शामिल हैं.