देहरादून: कांग्रेस तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने में लगी हुई है. इसी क्रम में कांग्रेस ने मलिन बस्तियों को मालिकाना हक दिए जाने, मेयर की संपत्ति की जांच विजिलेंस से कराए जाने और नए बने 40 वार्डों में कमर्शियल टैक्स लगाए जाने के विरोध में नगर निगम के घेराव का निर्णय लिया है. महानगर अध्यक्ष डॉक्टर जसविंदर सिंह गोगी का कहना है कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित मलिन बस्तियों के मालिकाना हक को लेकर प्रदेश सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. क्योंकि नए मास्टर प्लान के तहत साफ बताया गया है कि नदी किनारे बसी बस्तियों को शिफ्ट करना होगा. ऐसे में सभी बस्तियों के नियमितीकरण का दावा क्यों किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा जबरदस्ती 40 नए वार्डों में टैक्स लगाए जा रहे हैं. जबकि नए वार्डों का गठन करते समय कैबिनेट में नए वार्डों में 10 वर्षों तक कमर्शियल टैक्स नहीं लगाया जाने का निर्णय लिया था. उन्होंने देहरादून मेयर की संपत्ति की जांच विजिलेंस से कराए जाने की मांग भी उठाई है. सवाल उठाया कि क्या कानून केवल विपक्ष के लिए ही है. डॉक्टर गोगी ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार लगातार अपनी हठधर्मिता के कारण देश को नुकसान पहुंचा रही है. कहा कि मात्र साढ़े 4 वर्ष में मेयर ने करोड़ों की जो संपत्ति अर्जित की है, जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज या विजिलेंस की देखरेख में की जाए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.
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दरअसल, बीते दिनों देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा पर आय से अधिक संपत्ति को लेकर सवाल उठे थे. जिसमें उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि वो संपन्न थे, उन्होंने चुनाव में दिखाई संपत्ति की मार्केट वैल्यू बढ़ी है और उन्होंने अपनी पुरानी संपत्तियां बेचकर नई संपत्तियां खरीदी है. उन्होंने यह भी कहा कि अपनी सभी संपत्तियों का टैक्स अदा करते हैं. लेकिन कांग्रेस पार्टी ने राज्य सरकार से उनकी संपत्ति की जांच विजिलेंस से कराए जाने की मांग उठाई है. आज कांग्रेस पार्टी ने इस मामले को लेकर नगर निगम में प्रदर्शन किए जाने का फैसला लिया है.