देहरादूनः उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चकराता से विधायक प्रीतम सिंह (Congress MLA Pritam Singh) इन दिनों पार्टी के बड़े नेताओं से बेहद ज्यादा खफा चल रहे हैं. भले ही सार्वजनिक रूप से नाराजगी (Pritam Singh upset with Congress leaders) की वजह उनको नेता प्रतिपक्ष पद से हटाया जाना बताया जा रहा हो, लेकिन असल में प्रीतम सिंह खुद पर पार्टी नेताओं के उन आरोपों से आहत है, जिन्हें विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार से जोड़कर देखा जा रहा है. शायद इसीलिए मीडिया के सामने भी प्रीतम सिंह खुले रूप में पार्टी के बड़े नेताओं पर सवाल खड़े करने से नहीं हिचक रहे.
पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह सोमवार को पार्टी के दो बड़े नेताओं पर जमकर बरसे. हालांकि उन्होंने बेहद सधे हुए शब्दों में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को लेकर सवाल उठाए. दरअसल, प्रीतम सिंह पार्टी के दो बड़े नेता केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के उस बयान से नाराज हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रदेश में कांग्रेस आपसी गुटबाजी के कारण हारी है और इस हार में प्रीतम सिंह को भी गुटबाजी के लिए इंगित किया गया था. बस इन्हीं बातों को लेकर प्रीतम सिंह ने सोमवार को अपने दिल की भड़ास निकाली.
प्रीतम सिंह ने कहा कि हाईकमान को यह बताना चाहिए कि उनके द्वारा कहां गुटबाजी की गई है और किस प्रत्याशी को हराने की कोशिश उनकी तरफ से की गई. उन्होंने कहा कि जिस तरह की बातें सामने आ रही हैं, उसको लेकर वह साफ कह देना चाहते हैं कि वह पार्टी छोड़कर इतनी आसानी से नहीं जाने वाले. इशारों-इशारों में प्रीतम सिंह ने हरीश रावत पर निशाना साधा.
प्रीतम सिंह ने कहा कि अदालत में भी दो पक्षों की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को सफाई का मौका दिया जाता है. अगर कोई व्यक्ति एक तरफा गुटबाजी कर रहा है और ट्विटर के माध्यम से अपनी बात रख रहा है, तो ऐसे में उन पर कार्रवाई होनी चाहिए या प्रीतम सिंह पर. प्रीतम सिंह ने कहा कि किसी शिखंडी को आगे करके प्रीतम सिंह की हत्या नहीं की जा सकती.