देहरादून: राजधानी में 4 अप्रैल को हाई प्रोफाइल प्रॉपर्टी डीलर लूट मामले में नया मोड़ आया है. मंगलवार को कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा को जिला कोर्ट से जमानत मिल गई है. बता दें कि STF ने मुकदमा दर्ज कर कांग्रेसी नेता अनुपम शर्मा सहित 3 पुलिसकर्मियों को 17 अप्रैल से जेल में बंद कर रखा था. इसी बीच एसटीएफ ने कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा के साथ तीनों पुलिसकर्मियों को रिमांड पर लेकर जांच शुरू की, लेकिन कोई जानकारी नहीं हासिल कर पाने के बाद जिला कोर्ट ने जमानत दे दी.
बता दें कि राजपुर रोड पर 4 अप्रैल की रात आईजी अजय रौतेला की कार से तीन पुलिसकर्मियों ने प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध पवार से आचार संहिता का डर दिखाकर 1 करोड़ रुपये छीन लिए थे. इसके बाद मुकदमा होने पर STF को जांच सौंप दी गई थी. STF ने मामले की विवेचना करते हुए पुलिसकर्मियों से पूछताछ शुरू कर दी, जिसमें तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों और अनुपम शर्मा ने पूछताछ में खुद को निर्दोष बताया था, लेकिन STF ने गहनता से पूछताछ करने पर काफी साक्ष्य एकत्र किए.
एसटीएफ ने जांच के दौरान 4 अप्रैल की रात को हुई लूट पर मोहर लगाते हुए तीनों पुलिसकर्मी दरोगा दिनेश नेगी, कॉन्स्टेबल हिमांशु उपाध्याय और मनोज सहित प्रॉपर्टी डीलर और कांग्रेसी नेता अनुपम शर्मा को गिरफ्तार कर लिया.
जानकारी के अनुसार, 17 अप्रैल को चारों आरोपियों को पुनीत कुमार सीजीएम 5 के यहां पेश करके 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. साथ ही STF की प्रार्थना पत्र पर चारों को 48 घंटे के लिए रिमांड पर लिया. साथ ही थाना डालनवाला ने लूटकांड में प्रयोग हुई कार को अपने कब्जे में ले लिया था, लेकिन डीआईजी कार्यालय से कोर्ट में प्रार्थना पत्र जाने पर कोर्ट ने आई जी की गाड़ी को भी रिलीज कर दिया था.
कांग्रेस नेता अनुपम शर्मा के वकील नीरज पाण्डे ने बताया कि कथित लूटकांड में अनुपम शर्मा को 40 हजार रुपये में जमानत मिल गई है. साथ ही हमारे ओर से जो पक्ष था कि अनुपम शर्मा को पुलिस ने प्लांट किया है और इस मामले में अनुपम शर्मा का कोई भी लेनदेन नहीं था. साथ ही लूट की रिपोर्ट करने वाले अनुरोध पावर ने भी ऐसा कुछ नहीं कहा कि बैग में कितने रुपए थे. पुलिस STF ने कांग्रेसी नेता को रिमांड पर लेने के बाद भी कुछ साबित नहीं कर पाई है.