देहरादूनः भाजपा छोड़कर विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का दामन थामने वाले यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य का कांग्रेस में विरोध होना शुरू हो गया है. यशपाल आर्य और संजीव आर्य का विरोध करने में प्रदेश कांग्रेस महिला मोर्चा की अध्यक्ष सरिता आर्य सबसे आगे हैं.
दरअसल कांग्रेस महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य 2017 के विधानसभा चुनाव में नैनीताल सीट से बीजेपी उम्मीदवार संजीव आर्य के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं और चुनाव में सरिता आर्य को 7 हजार से ज्यादा वोटों से हार मिली थी. वहीं, बुधवार को कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं की ओर से वार्ता करके सरिता आर्य को समझाने का प्रयास किया गया.
कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह ने सरिता आर्य की नाराजगी पर सफाई देते हुए कहा कि यशपाल आर्य की घर वापसी से जिन नेताओं की भी नाराजगी है, उनसे बात की जाएगी. कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है जहां अभिव्यक्ति की आजादी है और यहां हर किसी को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है.
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डॉ. प्रतिमा ने कहा कि भाजपा में रहते हुए यशपाल आर्य काफी दबाव में अपना मंत्रालय चला रहे थे. यशपाल आर्य जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज नहीं उठा पा रहे थे. इसलिए उन्होंने घर वापसी का कदम उठाया है. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि यह मात्र ट्रेलरभर था, पिक्चर अभी बाकी है जो अगले कुछ दिनों में भाजपा को नजर आ जाएगी.
बता दें कि वरिष्ठ नेता यशपाल आर्य उनके पुत्र संजीव आर्य की कांग्रेस में वापसी ने नैनीताल से पूर्व विधायक व कांग्रेस महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य को असहज कर दिया है. उन्होंने पार्टी पर अपनी अनदेखी का आरोप लगाया है.
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने यशपाल आर्य की घर वापसी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि जो नेता 2017 में कांग्रेस छोड़कर गए थे, उन्होंने पार्टी छोड़ कर अच्छा नहीं किया.