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छावला गैंगरेप और अंकिता हत्याकांड को लेकर किरण रिजिजू से मिले कांग्रेसी, न्याय की मांग - केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू

छावला गैंगरेप और अंकिता मर्डर केस को लेकर हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू से मुलाकात की है. उन्होंने उत्तराखंड की दोनों बेटियों को न्याय दिलाने की मांग की है.

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Published : Dec 6, 2022, 5:45 PM IST

दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू से (Meeting with Union Law Minister Kiren Rijiju) मिला और छावला गैंगरेप केस की पीड़िता और अंकिता भंडारी हत्याकांड के दोषियों को सजा दिलाए जाने की मांग की. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं का शिष्टमंडल केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू से मिला और उत्तराखंड की दोनों बेटियों को न्याय दिलाने की मांग की.

प्रतिनिधिमंडल में उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप, कांग्रेस के संयुक्त सचिव हरिपाल रावत, पत्रकार और सोशल एक्टिविस्ट कुशाल जीना, अनिल पंत और अमिताभ श्रीवास्तव, योगिता भयाना, विक्रांत प्रताप एडवोकेट शामिल थे. प्रतिनिधिमंडल ने करीब आधा घंटे तक इन मुद्दों पर कानून मंत्री के वार्ता की. इस दौरान उन्होंने छावला कांड के आरोपियों को बरी किए जाने पर नाराजगी भी जताई.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस मामले को अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा कि आज उत्तराखंड के एक करोड़ से ज्यादा लोगों के परिवारों में इस बात को लेकर रोष है कि छावला गैंगरेप केस हुआ है तो कोई तो इसका जिम्मेदार होगा. जब सेशन कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाई है तो सुप्रीम कोर्ट में अभियोग पक्ष ने क्यों मामला ठीक से नहीं रखा. उन्होंने इस मामले में कानून मंत्री से हस्तक्षेप किए जाने की मांग करते हुए कहा कि हम सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं. लेकिन, छावला गैंगरेप की पीड़िता को न्याय मिले और दोषियों को सजा मिले, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
ये भी पढ़ेंः Narco Test: इंजेक्शन लगाकर 'खींच' लेते हैं पूरा सच! कानूनी रूप से यह कितना सही?

उन्होंने अंकिता भंडारी कांड में लिप्त वीआईपी को उत्तराखंड की सरकार द्वारा बचाए जाने की कोशिशों पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि अपराधी की कोई धर्म और जाति नहीं होता. इसलिए दोषियों के प्रति किसी भी प्रकार की उदारता बरतना न्याय की दृष्टि से कदापि उचित नहीं है.

इस मौके पर हरीश रावत ने कानून मंत्री किरण रिजिजू को ज्ञापन भी दिया और सरकार से दोनों मामले के गुनहगारों को सजा दिलाए जाने हेतु केंद्र सरकार की त्वरित कार्रवाई की मांग की. इसके बाद छावला केस को लेकर प्रेस क्लब में बैठक हुई. जिसमें पीड़िता के माता-पिता भी शामिल हुए. वहीं, इस मुद्दे को संसद में न उठाए जाने पर सांसदों की खामोशी पर हरीश रावत ने नाराजगी भी जाहिर की.

दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू से (Meeting with Union Law Minister Kiren Rijiju) मिला और छावला गैंगरेप केस की पीड़िता और अंकिता भंडारी हत्याकांड के दोषियों को सजा दिलाए जाने की मांग की. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं का शिष्टमंडल केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू से मिला और उत्तराखंड की दोनों बेटियों को न्याय दिलाने की मांग की.

प्रतिनिधिमंडल में उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप, कांग्रेस के संयुक्त सचिव हरिपाल रावत, पत्रकार और सोशल एक्टिविस्ट कुशाल जीना, अनिल पंत और अमिताभ श्रीवास्तव, योगिता भयाना, विक्रांत प्रताप एडवोकेट शामिल थे. प्रतिनिधिमंडल ने करीब आधा घंटे तक इन मुद्दों पर कानून मंत्री के वार्ता की. इस दौरान उन्होंने छावला कांड के आरोपियों को बरी किए जाने पर नाराजगी भी जताई.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस मामले को अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा कि आज उत्तराखंड के एक करोड़ से ज्यादा लोगों के परिवारों में इस बात को लेकर रोष है कि छावला गैंगरेप केस हुआ है तो कोई तो इसका जिम्मेदार होगा. जब सेशन कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाई है तो सुप्रीम कोर्ट में अभियोग पक्ष ने क्यों मामला ठीक से नहीं रखा. उन्होंने इस मामले में कानून मंत्री से हस्तक्षेप किए जाने की मांग करते हुए कहा कि हम सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं. लेकिन, छावला गैंगरेप की पीड़िता को न्याय मिले और दोषियों को सजा मिले, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
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उन्होंने अंकिता भंडारी कांड में लिप्त वीआईपी को उत्तराखंड की सरकार द्वारा बचाए जाने की कोशिशों पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि अपराधी की कोई धर्म और जाति नहीं होता. इसलिए दोषियों के प्रति किसी भी प्रकार की उदारता बरतना न्याय की दृष्टि से कदापि उचित नहीं है.

इस मौके पर हरीश रावत ने कानून मंत्री किरण रिजिजू को ज्ञापन भी दिया और सरकार से दोनों मामले के गुनहगारों को सजा दिलाए जाने हेतु केंद्र सरकार की त्वरित कार्रवाई की मांग की. इसके बाद छावला केस को लेकर प्रेस क्लब में बैठक हुई. जिसमें पीड़िता के माता-पिता भी शामिल हुए. वहीं, इस मुद्दे को संसद में न उठाए जाने पर सांसदों की खामोशी पर हरीश रावत ने नाराजगी भी जाहिर की.

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