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कांग्रेस में फिर शुरू हुआ वर्चस्व को लेकर घमासान, करारी हार से भी नेताओं ने नहीं लिया सबक

कांग्रेस अब भी पुरानी हार पर आपसी नूराकुश्ती से बाज नहीं आ रही है. स्थिति यह है कि पूर्व सीएम हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) पुरानी हार और अभियानों पर खीझ निकाल रहे हैं. वहीं प्रीतम सिंह (Congress leader Pritam Singh) इशारों ही इशारों में पुराने इतिहास को कुरेदने की कोशिश कर रहे हैं.

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Published : Jul 4, 2022, 10:44 AM IST

Updated : Jul 4, 2022, 12:34 PM IST

Uttarakhand Congress leader
कांग्रेस नेता हरीश रावत और प्रीतम सिंह

देहरादून: उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी जहां 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) की तैयारियों में जुटी हुई है. वहीं कांग्रेस में इन दिनों फिर से सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. कांग्रेस अब भी पुरानी हार पर आपसी नूराकुश्ती से बाज नहीं आ रही है. स्थिति यह है कि पूर्व सीएम हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) पुरानी हार और अभियानों पर खीझ निकाल रहे हैं. वहीं प्रीतम सिंह इशारों ही इशारों में पुराने इतिहास को कुरेदने की कोशिश कर रहे हैं.

पुराने जख्म कुरेद रहे कांग्रेस नेता: देश भर की तरह उत्तराखंड में भी कांग्रेस कभी इतनी कमजोर नहीं थी. प्रदेश में पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने लगातार दो विधानसभा चुनाव जीतकर कांग्रेस की अंदरूनी तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए. राज्य में इतिहास रच कर भाजपा भविष्य की राजनीति को अपने हिसाब से आगे बढ़ाने की तैयारियों में जुट गई है. उधर कांग्रेस नेता अब भी पुरानी हार के अपने ही जख्म को कुरेदने में जुटे हुए हैं.

कांग्रेस में फिर शुरू हुआ वर्चस्व को लेकर घमासान.
पढ़ें-14 जुलाई को गैरसैंण में हरीश रावत का हल्लाबोल, दलबदल को लेकर 'अपनों' पर किया हमला

हरीश रावत निशाने पर: पार्टी के विधायक और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह (Congress leader Pritam Singh) ने साफ किया कि 2016 में उत्तराखंड में दलबदल को लेकर जो कुछ हुआ उससे कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ था. प्रीतम सिंह के इस बयान को हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए इस घटनाक्रम पर तंज के रूप में देखा जा रहा है. वैसे प्रीतम सिंह इशारों ही इशारों में कई बार चुनाव में हुई हार से लेकर तमाम निर्णय पर हरीश रावत को बिना नाम लिए कटघरे में खड़ा करते रहे हैं, लेकिन इस बार हरीश रावत भी चुप रहने के मूड में नहीं हैं.
पढ़ें-उत्तराखंड: शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने क्षेत्र में एक-एक विद्यालय को लेंगे गोद
अपने चिर परिचित अंदाज में हरीश रावत ने भी जवाबी बयान के रूप में कहा है कि हरिद्वार में लगातार उनके खिलाफ कुछ लोगों ने अभियान चलाया और हार के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की जाती रही है. उन्होंने कहा कि इसी वजह से 2017 में पार्टी को नुकसान हुआ.

देहरादून: उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी जहां 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) की तैयारियों में जुटी हुई है. वहीं कांग्रेस में इन दिनों फिर से सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. कांग्रेस अब भी पुरानी हार पर आपसी नूराकुश्ती से बाज नहीं आ रही है. स्थिति यह है कि पूर्व सीएम हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) पुरानी हार और अभियानों पर खीझ निकाल रहे हैं. वहीं प्रीतम सिंह इशारों ही इशारों में पुराने इतिहास को कुरेदने की कोशिश कर रहे हैं.

पुराने जख्म कुरेद रहे कांग्रेस नेता: देश भर की तरह उत्तराखंड में भी कांग्रेस कभी इतनी कमजोर नहीं थी. प्रदेश में पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने लगातार दो विधानसभा चुनाव जीतकर कांग्रेस की अंदरूनी तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए. राज्य में इतिहास रच कर भाजपा भविष्य की राजनीति को अपने हिसाब से आगे बढ़ाने की तैयारियों में जुट गई है. उधर कांग्रेस नेता अब भी पुरानी हार के अपने ही जख्म को कुरेदने में जुटे हुए हैं.

कांग्रेस में फिर शुरू हुआ वर्चस्व को लेकर घमासान.
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हरीश रावत निशाने पर: पार्टी के विधायक और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह (Congress leader Pritam Singh) ने साफ किया कि 2016 में उत्तराखंड में दलबदल को लेकर जो कुछ हुआ उससे कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ था. प्रीतम सिंह के इस बयान को हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए इस घटनाक्रम पर तंज के रूप में देखा जा रहा है. वैसे प्रीतम सिंह इशारों ही इशारों में कई बार चुनाव में हुई हार से लेकर तमाम निर्णय पर हरीश रावत को बिना नाम लिए कटघरे में खड़ा करते रहे हैं, लेकिन इस बार हरीश रावत भी चुप रहने के मूड में नहीं हैं.
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अपने चिर परिचित अंदाज में हरीश रावत ने भी जवाबी बयान के रूप में कहा है कि हरिद्वार में लगातार उनके खिलाफ कुछ लोगों ने अभियान चलाया और हार के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की जाती रही है. उन्होंने कहा कि इसी वजह से 2017 में पार्टी को नुकसान हुआ.

Last Updated : Jul 4, 2022, 12:34 PM IST
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