देहरादूनः राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति (Appointment of Lokayukta) की मांग को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत (harish rawat) के मुख्य प्रवक्ता सुरेंद्र कुमार (Surendra Kumar) ने दर्शनलाल चौक स्थित अपने कार्यालय में सांकेतिक उपवास रखते हुए धरना दिया. उपवास कार्यक्रम के दौरान उनके साथ कांग्रेस कार्यकर्ता भी मौजूद रहे.
इस दौरान सुरेंद्र कुमार ने कहा हरीश रावत के मुख्यमंत्री कार्यकाल में लोकायुक्त नियुक्ति प्रक्रिया की फाइलों को अनुमोदन के लिए भेजा गया था. 7 साल की अवधि में 4 संशोधनों के बाद अब लोकायुक्त विधानसभा की संपत्ति के रूप में बंद है. जबकि देहरादून के इंडस्ट्रियल स्टेट में लोकायुक्त कार्यालय (Lokayukta Office) चल रहा है. उन्होंने कहा कि यह कार्यालय जिस भवन में चल रहा है उसमें फर्नीचर और कार्यरत कर्मचारियों व अन्य मदों के जरिए लाखों रुपया खर्च किया जा रहा है.
भाजपा का वादा
सुरेंद्र कुमार ने भाजपा सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने अपने 2017 के चुनावी घोषणा पत्र में 100 दिन के अंदर लोकायुक्त की नियुक्ति का वादा किया था. लेकिन साढ़े 4 साल बीतने के बावजूद राज्य की जनता को लोकायुक्त नहीं मिल पाया है.
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चयनित नामों की फाइल कैद
सुरेंद्र कुमार ने कहा कि हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए 21 फरवरी 2016 को लोकायुक्त चयन समिति (Lokayukta Selection Committee) की बैठक संपन्न हुई थी. इस दौरान चयनित नामों को राजभवन में अनुमोदन के लिए भेजा गया था. तब से यह फाइल कैद है.
राज्यपाल को ज्ञापन
उन्होंने बताया कि इस संबंध में सोमवार को ई-मेल के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया है. जिसमें उन्होंने फाइलों में कैद उत्तराखंड के लोकायुक्त को मुक्त कराने के लिए सरकार को उचित दिशा-निर्देश दिए जाने का आग्रह किया है.