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Mulberry Fruit: आजकल हरीश रावत इस फल का कर रहे नाश्ता, बताया कितना है स्वादिष्ट

पूर्व सीएम हरीश रावत गेठी के नाश्ते के बाद आजकल शहतूत के फलों का नाश्ता कर रहे हैं. प्रदेश में शहतूत के पेड़ बहुतायत में पाए जाते हैं, जो आजकल फलों से लकदक हैं. अमूमन लोग इसके फलों को खाते दिखते हैं, जो काफी स्वादिष्ट होते हैं.

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Published : Mar 11, 2023, 12:30 PM IST

हरीश रावत खा रहे हैं शहतूत

देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समय-समय पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक करते रहते हैं. इसी कड़ी में हरीश रावत का एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें वह शहतूत यानी मलबरी के गुण बताते हुए नजर आ रहे हैं.

चर्चाओं में रहती है हरीश रावत की पार्टी: हरीश रावत नींबू, रायता, आम, ककड़ी, मंडुआ पार्टी के जरिए उत्तराखंड के खानपान को बढ़ावा देते रहते हैं और स्थानीय उत्पादों को प्रमोट करते रहते हैं. नए साल की शुरुआत में भी हरीश रावत ने पहाड़ी व्यंजनों का आनंद लेने के लिए लोगों को आमंत्रित किया था. मंडवे की रोटी के साथ भांग की चटनी, काले भट्ट की भटवाणी, मूली की थिचुनि, झिंघोरे की खीर जैसे अनेकों पहाड़ी पकवान मेहमानों को परोसे थे. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जहां स्वास्थ्य की दृष्टि से अनेक स्वादिष्ट व्यंजनों को जनता एवं कार्यकर्ताओं को समय-समय पर परोसते नजर आते रहते हैं, वहीं अपने इन्हीं अंदाज के जरिए वह राजनीति में भी सक्रिय रहकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराते रहते हैं.
पढ़ें-Gairsain Assembly Session में विपक्ष ने बनाया सरकार को घेरने का प्लान, बताया नीयत में खोट

समय-समय पर स्थानीय उत्पादों को देते हैं बढ़ावा: मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत ने स्थानीय उत्पादों कोदा और झंगोरा की ब्रांडिंग करके स्थानीय काश्तकारों को भी खासा लाभ पहुंचाया. जिसका नतीजा यह हुआ कि कोदा और झंगोरा की देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी डिमांड बढ़ गई है. इस तरह के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर हरीश रावत लगातार उत्तराखंड की राजनीति में चर्चा का केंद्र बनते रहते हैं. वहीं पूर्व में हरीश रावत पहाड़ों में होने वाली गेठी को लेकर भी लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करते दिखाई दिए थे. उन्होंने कहा कि गेठी कंद और फल के रूप में पैदा होती है और यह ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को नियंत्रित करती है.

हरीश रावत खा रहे हैं शहतूत

देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समय-समय पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक करते रहते हैं. इसी कड़ी में हरीश रावत का एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें वह शहतूत यानी मलबरी के गुण बताते हुए नजर आ रहे हैं.

चर्चाओं में रहती है हरीश रावत की पार्टी: हरीश रावत नींबू, रायता, आम, ककड़ी, मंडुआ पार्टी के जरिए उत्तराखंड के खानपान को बढ़ावा देते रहते हैं और स्थानीय उत्पादों को प्रमोट करते रहते हैं. नए साल की शुरुआत में भी हरीश रावत ने पहाड़ी व्यंजनों का आनंद लेने के लिए लोगों को आमंत्रित किया था. मंडवे की रोटी के साथ भांग की चटनी, काले भट्ट की भटवाणी, मूली की थिचुनि, झिंघोरे की खीर जैसे अनेकों पहाड़ी पकवान मेहमानों को परोसे थे. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जहां स्वास्थ्य की दृष्टि से अनेक स्वादिष्ट व्यंजनों को जनता एवं कार्यकर्ताओं को समय-समय पर परोसते नजर आते रहते हैं, वहीं अपने इन्हीं अंदाज के जरिए वह राजनीति में भी सक्रिय रहकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराते रहते हैं.
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समय-समय पर स्थानीय उत्पादों को देते हैं बढ़ावा: मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत ने स्थानीय उत्पादों कोदा और झंगोरा की ब्रांडिंग करके स्थानीय काश्तकारों को भी खासा लाभ पहुंचाया. जिसका नतीजा यह हुआ कि कोदा और झंगोरा की देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी डिमांड बढ़ गई है. इस तरह के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर हरीश रावत लगातार उत्तराखंड की राजनीति में चर्चा का केंद्र बनते रहते हैं. वहीं पूर्व में हरीश रावत पहाड़ों में होने वाली गेठी को लेकर भी लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करते दिखाई दिए थे. उन्होंने कहा कि गेठी कंद और फल के रूप में पैदा होती है और यह ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को नियंत्रित करती है.

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