देहरादून: पूर्व सीएम व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश समय-समय पर उत्तराखंड के लोकल उत्पादों को बढ़ावा देते रहते हैं. साथ ही उनके गुणों के बारे में भी लोगों को रूबरू कराते रहते हैं. इस बार हरीश रावत ने राज्य सरकार तिमरू मिशन लॉन्च करने को लेकर सलाह दी है. उन्होंने कहा कि साल 2015-16, 17 में किसानों को तिमरु और तेज पत्ते के पौध उपलब्ध कराए गए. लेकिन किसानों को विपणन व्यवस्था ना होने से भटकना पड़ रहा है.
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एक अच्छा समाचार पढ़ा कि राज्य सरकार तिमरू मिशन (तिमूर) लॉन्च करेगी। पादप, कृषि और बागवानी क्षेत्र में पहले भी कई मिशन लॉन्च हुये हैं। वर्ष 2015-16, 17 में कई स्थानों पर #तिमरु और #तेज_पत्ता के पौध किसानों को उपलब्ध करवाये गये।
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1/2 pic.twitter.com/KvbgGxvXHsएक अच्छा समाचार पढ़ा कि राज्य सरकार तिमरू मिशन (तिमूर) लॉन्च करेगी। पादप, कृषि और बागवानी क्षेत्र में पहले भी कई मिशन लॉन्च हुये हैं। वर्ष 2015-16, 17 में कई स्थानों पर #तिमरु और #तेज_पत्ता के पौध किसानों को उपलब्ध करवाये गये।
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उत्तराखंड में कई औषधीय पौधे पाए जाते हैं. जिनका उपयोग दैनिक जीवन में कई तरह से किया जाता है. उन्हीं में से एक तिमरू जिसे लोकल भाषा में तिमूर कहा जाता है, जिसे औषधीय गुणों से युक्त माना जाता है. वहीं दालचीनी के पत्ते को मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है. जिसकी मार्केट में भारी मांग है. लेकिन कांग्रेस नेता हरीश रावत ने किसानों को इन दोनों उत्पादों के लिए मार्केट ना मिलने पर चिंता जाहिर की है.
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हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि एक अच्छा समाचार पढ़ा कि राज्य सरकार तिमरू मिशन (तिमूर) लॉन्च करेगी. पादप, कृषि और बागवानी क्षेत्र में पहले भी कई मिशन लॉन्च हुए हैं. साल 2015-16, 17 में कई स्थानों पर तिमरु और तेज पत्ता के पौध किसानों को उपलब्ध कराए गए. आज उन किसानों के उत्पाद की विपणन व्यवस्था न होने से पैध लगाने वाले किसान अपने उत्पाद बेचने के लिए बाजार दर बाजार ठोकरें खा रहे हैं. मेरी सलाह है कि ऐसे मिशनों के तहत पैदा उत्पादों की सही मूल्य पर खरीद की व्यवस्था भी सरकार को करनी चाहिए.