देहरादूनः लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न प्रांतों में फंसे प्रवासियों के वापसी का सिलसिला जारी है. जो लोग घर पहुंच चुके हैं, उन्हें क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. जिसकी जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों को दी गई है. इसी कड़ी में पंचायत जनाधिकार रक्षा मंच के संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने ग्राम प्रधानों को आवश्यक सुविधाएं और संसाधन मुहैया कराने को लेकर मुख्य सचिव उत्पल कुमार से मुलाकात की. साथ ही पूर्व सीएम हरीश रावत के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा.
कांग्रेसियों ने ज्ञापन के जरिए मांग की है कि बाहरी राज्यों से अपने घर वापसी कर रहे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे मे उन्हें सही तरीके से क्वॉरेंटाइन करने के लिए ग्राम प्रधानों को आवश्यक सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध करवाए जाएं. साथ ही पंचायतों को विकास के साथ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के अलावा अन्य व्यवस्थाओं के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता होगी.
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ऐसे में राज्य सरकार राज्य वित्त के मद में कटौती ना करें और केंद्रीय वित्त के मद में भी पंचायतों को पूरी धनराशि उपलब्ध कराई जाए. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का मानना है कि क्वॉरेंटाइन कार्य में सहायता के लिए सरकार ने शिक्षकों को भी जोड़ा है, जो कि यह निर्णय व्यवहारिक नहीं है. जिला या तहसील स्तर पर क्वॉरेंटाइन करने की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए तो यह कदम ज्यादा व्यावहारिक होगा.