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राहुल का अनुसरण कर नेता दे रहे इस्तीफा तो ये कोई बड़ी बात नहीं: हीरा सिंह बिष्ट

राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में भी शीर्ष पदों पर बैठे नेताओं द्वारा इस्तीफे के कयास लगाए जा रहे हैं. इस मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने बताया कि राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद शीर्ष पदों पर बैठे नेता अगर राहुल गांधी का अनुसरण कर इस्तीफा दे रहे हैं तो ये कोई बड़ी बात नहीं है.

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Published : Jul 8, 2019, 8:53 AM IST

पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट का बयान.

देहरादून: कांग्रेस पार्टी से राहुल गांधी द्वारा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद कई नेता अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं. बीते दिनों पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं, इस मामले में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद शीर्ष पदों पर बैठे नेता अगर राहुल गांधी का अनुसरण कर इस्तीफा दे रहे हैं तो ये कोई बड़ी बात नहीं है. नई उमंग के साथ नए लोगों को आने का मौका दिया जाएगा, जिसके बाद नई जिम्मेदारियों का वितरण किया जा सके.

पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट का बयान.

पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने बताया कि कांग्रेस पार्टी से राहुल गांधी ने हार की नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए इस्तीफा दे दिया है. इसी तरह अन्य नेताओं ने भी हार की नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए त्यागपत्र दिए हैं, जिसका सिलसिला अभी तक जारी है. इस कदम से संगठन की मजबूती के लिए काम होगा. साथ ही नई दिशा और नई उमंग के साथ लोग आएंगे और नई जिम्मेदारियों का वितरण होगा. राहुल गांधी को यही पीड़ा सता रही थी कि जो जिम्मेदार नेता थे. उन्होंने चुनाव में पूरी लगन के साथ काम नहीं किया.

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा बिष्ट ने बताया कि शीर्ष पदों पर बैठे नेताओं ने प्रभावी आक्रमणकारी नीति बीजेपी के खिलाफ नहीं अपनाई. मौजूदा दौर में राहुल गांधी इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभालने की स्थिति में नहीं है. ऐसे में जरूरत है कि कांग्रेस को आत्ममंथन करना होगा और अपनी कमियों को दूर करना होगा. आपसी झगड़े, हवाई बातें करना, धरातल मे जनता की सुख सुविधाओं के लिए संघर्ष न करना जैसी प्रवृतियों को छोड़कर कांग्रेस को विपक्ष का मजबूत रोल अदा करना होगा.

ये भी पढ़ें: नदियों का जलस्तर बढ़ने से राजधानी के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

दरअसल, राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में भी शीर्ष पदों पर बैठे नेताओं द्वारा इस्तीफे के कयास लगाए जा रहे हैं. जिस तरह से हार की नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए राहुल गांधी ने अपने पद से इस्तीफा दिया है. उसी तर्ज पर शीर्ष पदों पर बैठे नेता हार की नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए अपने पदों से त्यागपत्र दे देंगे.

वहीं, कांग्रेस वरिष्ठ नेता ने बताया कि केवल पदों पर चिपके रहने से कुछ नहीं होगा, बल्कि ये उन नेताओं की नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है कि राहुल गांधी की तरह त्यागपत्र देकर नई उमंग के साथ नए लोगों को आने का मौका दें, ताकि नई जिम्मेदारियों का वितरण किया जा सके.

देहरादून: कांग्रेस पार्टी से राहुल गांधी द्वारा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद कई नेता अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं. बीते दिनों पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं, इस मामले में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद शीर्ष पदों पर बैठे नेता अगर राहुल गांधी का अनुसरण कर इस्तीफा दे रहे हैं तो ये कोई बड़ी बात नहीं है. नई उमंग के साथ नए लोगों को आने का मौका दिया जाएगा, जिसके बाद नई जिम्मेदारियों का वितरण किया जा सके.

पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट का बयान.

पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने बताया कि कांग्रेस पार्टी से राहुल गांधी ने हार की नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए इस्तीफा दे दिया है. इसी तरह अन्य नेताओं ने भी हार की नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए त्यागपत्र दिए हैं, जिसका सिलसिला अभी तक जारी है. इस कदम से संगठन की मजबूती के लिए काम होगा. साथ ही नई दिशा और नई उमंग के साथ लोग आएंगे और नई जिम्मेदारियों का वितरण होगा. राहुल गांधी को यही पीड़ा सता रही थी कि जो जिम्मेदार नेता थे. उन्होंने चुनाव में पूरी लगन के साथ काम नहीं किया.

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा बिष्ट ने बताया कि शीर्ष पदों पर बैठे नेताओं ने प्रभावी आक्रमणकारी नीति बीजेपी के खिलाफ नहीं अपनाई. मौजूदा दौर में राहुल गांधी इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभालने की स्थिति में नहीं है. ऐसे में जरूरत है कि कांग्रेस को आत्ममंथन करना होगा और अपनी कमियों को दूर करना होगा. आपसी झगड़े, हवाई बातें करना, धरातल मे जनता की सुख सुविधाओं के लिए संघर्ष न करना जैसी प्रवृतियों को छोड़कर कांग्रेस को विपक्ष का मजबूत रोल अदा करना होगा.

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दरअसल, राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में भी शीर्ष पदों पर बैठे नेताओं द्वारा इस्तीफे के कयास लगाए जा रहे हैं. जिस तरह से हार की नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए राहुल गांधी ने अपने पद से इस्तीफा दिया है. उसी तर्ज पर शीर्ष पदों पर बैठे नेता हार की नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए अपने पदों से त्यागपत्र दे देंगे.

वहीं, कांग्रेस वरिष्ठ नेता ने बताया कि केवल पदों पर चिपके रहने से कुछ नहीं होगा, बल्कि ये उन नेताओं की नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है कि राहुल गांधी की तरह त्यागपत्र देकर नई उमंग के साथ नए लोगों को आने का मौका दें, ताकि नई जिम्मेदारियों का वितरण किया जा सके.

Intro:राहुल गांधी द्वारा ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद उनका अनुसरण करते हुए कई नेता अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद शीर्ष पदों पर बैठे नेता यदि राहुल गांधी का अनुसरण करते हुए इस्तीफा दे रहे हैं तो ये कोई बड़ी बात नहीं है।
summary- वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा बिष्ट ने कहा कि शीर्ष पदों पर बैठे नेता यदि अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं तो कोई बड़ी बात नहीं है। क्योंकि यह उनकी नैतिक जिम्मेवारी भी बनती है,और इससे नई उमंग और जोश के साथ कांग्रेस मजबूती के साथ उभरेगी।


Body:कांग्रेसी नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि जिस प्रकार से राहुल गांधी ने हार की नैतिक जिम्मेवारी का निर्वहन करते हुए इस्तीफा दे दिया है, इसी तरह अन्य नेताओं ने भी हार की नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए त्यागपत्र दिए हैं जिसका सिलसिला अभी तक जारी है। इससे संगठन की मजबूती के लिए काम होगा, साथ ही नई दिशा और नई उमंग के साथ लोग आएंगे और नई जिम्मेदारियों का वितरण होगा। राहुल गांधी को यही पीड़ा सता रही थी कि जो जिम्मेदार नेता थे उन्होंने हौसलों के साथ काम नहीं किया, शीर्ष पदों पर बैठे नेताओं ने प्रभावी आक्रमणकारी नीति बीजेपी के खिलाफ नहीं अपनाई। मौजूदा दौर में राहुल गांधी इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभालने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में जरूरत है कि कांग्रेस को आत्ममंथन करना होगा और अपनी कमियों को दूर करना होगा। आपसी झगड़े, हवाई बातें करना, धरातल मे जनता की सुख सुविधाओं के लिए संघर्ष ना करना जैसी प्रवृतियों को छोड़कर कांग्रेस को विपक्ष का मजबूत रोल अदा करना होगा, और जनता का विश्वास जीतना होगा। केवल पद पर चिपके रहने से कुछ नहीं होगा।

बाईट- हीरा सिंह बिष्ट,वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व केबिनेट मंत्री


Conclusion: दरअसल राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में भी कयास लगाए जा रहे हैं कि जिस तरह से हार की नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए राहुल गांधी ने अपने पद से इस्तीफा दिया है उसी तर्ज पर शीर्ष पदों पर बैठे नेता हार की नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए अपने पदों से त्यागपत्र दे देंगे, वही कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता का कहना है कि केवल पदों पर चिपके रहने से कुछ नहीं होगा, बल्कि ये उन नेताओं की नैतिक जिम्मेवारी भी बनती है कि राहुल गांधी की तरह त्यागपत्र देकर नई उमंग के साथ नए लोगों को आने का मौका दें, ताकि नई जिम्मेदारियों का वितरण किया जा सके
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