ऋषिकेश: उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती घोटाले (uttarakhand assembly backdoor recruitment scam) में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की मुश्किलें कम होती दिखाई नहीं दे रही हैं. कांग्रेस लगातार मुद्दे को भुनाने की कोशिश में लगी हुई है. इसी क्रम में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर विधानसभा भर्ती मामले पैसों के लेनदेन का आरोप लगाया है. साथ ही विपक्ष ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई और ईडी के कराने की मांग की है.
शनिवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए जयेंद्र रमोला (AICC Member Jayendra Ramola) ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा में भर्ती घोटाले का मामला केवल युवाओं की भर्तियों तक सीमित नहीं है. बल्कि इसमें बहुत बड़ी रकम का लेनदन भी शामिल है. जिसकी वजह से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की संपत्तियों में काफी इजाफा हुआ है, जिसके दस्तावेज और सबूत उनके पास मौजूद हैं.
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ऐसे में रमोला ने सरकार से इस पूरे प्रकरण की जांच ईडी और सीबीआई से सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में कराने की मांग की है. साथ ही कहा कि जांच प्रभावित न हो इसके लिए कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल (cabinet minister premchand aggarwal) को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा भी देना चाहिए, तभी मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो सकेगा. जयेंद्र रमोला ने चेतावनी दी है यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो कांग्रेस सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगी. कांग्रेस किसी भी कीमत पर राज्य के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने देगी.
विवादित प्लॉट पर मिली एनओसी पर सवाल: जयेंद्र रमोला ने आरोप लगाया कि भरत विहार स्थित खसरा नंबर 279/1 जो कि विवादित है में भी कैबिनेट मंत्री के बेटे के नाम पर एक प्लॉट है. खास बात यह है कि इस प्लॉट को नगर निगम के अभिलेखों में भी दर्ज किया जा चुका है. इसमें तत्कालीन एसडीएम की भूमिका भी संदिग्ध है. कैबिनेट मंत्री के नाम राशि तत्कालीन एसडीएम प्रेमलाल ने किस आधार पर प्लॉट के लिए एनओसी जारी की है, यह भी जांच का विषय है.