देहरादूनः उत्तराखंड पुलिस भर्ती में जिलेवार मेरिट लगाने और पुलिस ग्रेड पे को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष उत्तराखंड विधानसभा भुवन चंद्र कापड़ी के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से मुलाकात कर एक मांग पत्र सौंपा है. कांग्रेस ने पुलिस की भर्ती पूर्व की भांति जिलेवार मेरिट लगाने की मांग भी उठाई. कांग्रेस ने कहा कि नई पुलिस भर्ती प्रक्रिया से युवा अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं.
कांग्रेस का कहना है कि उत्तराखंड में काफी कम संसाधनों में प्रदेश के युवा फौज और पुलिस की भर्तियों की तैयारी करते हैं. कम संसाधनों के बावजूद युवाओं में पुलिस में जाने और राज्य की सेवा करने की ललक बनी रहती है. कांग्रेस ने कहा कि पहले राज्य में पुलिस की भर्ती जिलेवार मेरिट के आधार पर हुआ करती थी. इसमें प्रत्येक जिले के युवाओं को इसका लाभ मिलता था. साथ ही जिले के कितने युवाओं को रोजगार मिला इसका आंकड़ा निकालना भी आसान होता था.
इसके अलावा उन्होंने पुलिस ग्रेड पे का मामला उठाते हुए कहा कि पूर्व में उत्तराखंड में पे ग्रेड 4600 करने को लेकर कई आंदोलन हुए. क्योंकि यह मांग पुलिसकर्मियों की जायज थी. स्वयं मुख्यमंत्री ने भी उनका ग्रेड पे 4600 करने का आश्वासन दिया था. लेकिन सरकार ने अभी तक पुलिस कर्मचारियों का ग्रेड पे नहीं बढ़ाया है.
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नशे के खिलाफ डीजीपी को ज्ञापनः देहरादून महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे नशे के काले कारोबार पर रोक लगाए जाने और वार्ड 32 की कांग्रेस पार्षद कोमल बोरा के साथ हुए अभद्र व्यवहार को लेकर कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने लालचंद शर्मा के नेतृत्व में उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार को एक पत्र सौंपा है.
पुलिस महानिदेशक को सौंपे पत्र में लालचंद शर्मा का कहना है कि राजधानी देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में नशीले पदार्थों का कारोबार खुलेआम चल रहा है. उन्होंने तत्काल ऐसे असामाजिक तत्वों पर अंकुश लगाने की मांग की है, जो नशीले पदार्थों का कारोबार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब में नशे के खिलाफ बढ़ती जा रही सख्ती के बाद नशे के कारोबारी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अपने कारोबार को बढ़ाने की फिराक में हैं.
वहीं, उन्होंने बताया कि कौलागढ़ रोड पर कॉम्प्लेक्स स्वामी द्वारा नगर निगम के नाले को पाटकर सीसी निर्माण कर दिया गया. इसका विरोध करते हुए स्थानीय पार्षद कोमल बोहरा ने नगर निगम के अधिकारियों को शिकायती पत्र भी लिखा. नगर निगम टीम द्वारा जब अतिक्रमण हटाया गया तो कॉम्प्लेक्स स्वामी ने नगर निगम अधिकारियों को सरेआम धमकी दी और महिला पार्षद से भी सरेआम गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी दी.