देहरादून: आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मंगलवार 17 अगस्त को उत्तराखंड मिशन 2022 के लिए देहरादून पहुंचे. देहरादून में अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड को देश और विदेश की आध्यात्मिक राजधानी घोषित किए जाने की बात की. इस पर कांग्रेस ने तंज कसा है.
कांग्रेस नेता मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने यहां आकर कोई नई बात नहीं कही है. शायद केजरीवाल को यह मालूम नहीं कि उत्तराखंड अनादि काल से आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी रही है. क्योंकि यहां चारधाम विराजमान हैं तो दुनिया भर से आदमी यहां आध्यात्म के लिए आते हैं.
पढ़ें- कोठियाल बोले- 'भोले का फौजी' बनकर करूंगा उत्तराखंड का पुनर्निर्माण, देखिए वीडियो
मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि यहीं पर केदारखंड, मानस खंड और स्कंद पुराण लिखी गईं. ऐसे में केजरीवाल सिर्फ यहां जनता को बरगलाने आ रहे हैं. अगर वो उत्तराखंड के प्रति संजीदा थे, तो उन्हें चारधाम दिल्ली में बनाने चाहिए थे. बेहतर होता कि दिल्ली के मुख्यमंत्री वहां के लोगों के लिए आध्यात्मिक व्यवस्था करते.
पढ़ें- BJP के बाद अब हिंदुत्व के सहारे 'आप' चढ़ेगी पहाड़! केजरीवाल ने किया साफ
मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में केजरीवाल ने कोई नहीं बात नहीं कही. केजरीवाल अगर यहां के पलायन, रोजगार और आर्थिक स्थिति पर बात करते तो हम समझते कि उत्तराखंड के प्रति केजरीवाल वाकई संवेदनशील हैं.
पढ़ें- देहरादून की सड़कों पर निकले केजरीवाल, भीड़ देखकर हर कोई हैरान
वहीं कांग्रेस की गढ़वाल मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी ने भी केजरीवाल के उत्तराखंड दौरे पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी घोषित करने की बात कही. इसका मतलब केजरीवाल उत्तराखंड के बारे में अनभिज्ञ हैं. उन्हें यहां की परंपराओं चारोंधामों के पौराणिक मंदिरों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. यहां जागेश्वर धाम, हेमकुंड साहिब, पिरान कलियर और चारधाम विराजमान हैं. इसी देवभूमि में विश्व प्रसिद्ध कुंभ मेला आयोजित किया जाता रहा है. इसलिए उत्तराखंड पहले से ही भारत की आध्यात्मिक राजधानी रही है. यहां आकर अरविंद केजरीवाल ने कोई नई बात नहीं कही है.