देहरादून: टिहरी झील में समाई मरीना बोट को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है. प्रदेश कांग्रेस ने त्रिवेंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि एक तरफ सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़े-बड़े वायदे कर रही है, तो वहीं पर्यटन नगरी में इस तरह की घटना होना सरकार की मंशा पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है.
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दरअसल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने टिहरी झील में जिस फ्लोटिंग मरीना में कैबिनेट बैठक आयोजित करके सुरक्षित पर्यटन का संदेश देने की कोशिश की थी वह बोट कुछ दिन पहले टिहरी झील में समा गई. टिहरी झील की मरीना बोट में हुई ऐतिहासिक कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए थे. अब बीजेपी कांग्रेस शासनकाल में बोट खरीदे जाने की बात कहकर पल्ला झाड़ रही है, तो वहीं कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की अगर बोट सुरक्षित नहीं थी तो सरकार ने बोट में कैबिनेट बैठक आयोजित करके पूरी कैबिनेट को डुबाने का प्रयास किया था.
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ. आरपी रतूड़ी ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में यह बोट ₹4 करोड़ में खरीदी गई थी. बीजेपी सरकार ने इन दो सालों में बोट से मात्र 330 रुपये की आमदनी की है. इससे जाहिर होता है कि बीजेपी न तो पर्यटन को बढ़ावा देने की सोच रही है और न ही पर्यटकों को उत्तराखंड की ओर आकर्षित करने की.
वहीं, बीजेपी के पूर्व राज्यमंत्री सुभाष बर्त्वाल ने कहा कि नाव डूब चुकी है या फिर पानी के ऊपर है. जब तक यह स्पष्ट नहीं हो जाता तब तक इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता है. उनकी जानकारी के अनुसार बोट निष्क्रिय हालत में खड़ी हुई थी और उसका उपयोग नहीं हो पा रहा था. उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग इस पर कार्य योजना तैयार करने में जुटा हुआ था कि नाव को किस प्रकार नियमित पानी पर दौड़ाया जाए. इस मामले में क्या कुछ हुआ है ? उस पर विचार करके सरकार के सामने भी रखा जाएगा.