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फ्लोटिंग मरीना पर कांग्रेस का पलटवार, जब बोट सुरक्षित नहीं तो क्यों हुई उस पर कैबिनेट मीटिंग - undefined

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टिहरी झील में जिस फ्लोटिंग बोट मरीना में सीएम त्रिवेंद्र ने कौबिनेट बैठक का आयोजन किया था, वो डूब चुकी है. इस पर सियासी घमासान शुरू हो गया है.

झील में डूबी फ्लोटिंग मरीना
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Published : May 11, 2019, 9:24 AM IST

देहरादून: टिहरी झील में समाई मरीना बोट को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है. प्रदेश कांग्रेस ने त्रिवेंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि एक तरफ सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़े-बड़े वायदे कर रही है, तो वहीं पर्यटन नगरी में इस तरह की घटना होना सरकार की मंशा पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है.

पढ़ें- दलित युवक हत्या मामला: दोनों फरार आरोपी गिरफ्तार, कैंपटी और नैनबाग थाना प्रभारी लाइन हाजिर

दरअसल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने टिहरी झील में जिस फ्लोटिंग मरीना में कैबिनेट बैठक आयोजित करके सुरक्षित पर्यटन का संदेश देने की कोशिश की थी वह बोट कुछ दिन पहले टिहरी झील में समा गई. टिहरी झील की मरीना बोट में हुई ऐतिहासिक कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए थे. अब बीजेपी कांग्रेस शासनकाल में बोट खरीदे जाने की बात कहकर पल्ला झाड़ रही है, तो वहीं कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की अगर बोट सुरक्षित नहीं थी तो सरकार ने बोट में कैबिनेट बैठक आयोजित करके पूरी कैबिनेट को डुबाने का प्रयास किया था.

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ. आरपी रतूड़ी ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में यह बोट ₹4 करोड़ में खरीदी गई थी. बीजेपी सरकार ने इन दो सालों में बोट से मात्र 330 रुपये की आमदनी की है. इससे जाहिर होता है कि बीजेपी न तो पर्यटन को बढ़ावा देने की सोच रही है और न ही पर्यटकों को उत्तराखंड की ओर आकर्षित करने की.

वहीं, बीजेपी के पूर्व राज्यमंत्री सुभाष बर्त्वाल ने कहा कि नाव डूब चुकी है या फिर पानी के ऊपर है. जब तक यह स्पष्ट नहीं हो जाता तब तक इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता है. उनकी जानकारी के अनुसार बोट निष्क्रिय हालत में खड़ी हुई थी और उसका उपयोग नहीं हो पा रहा था. उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग इस पर कार्य योजना तैयार करने में जुटा हुआ था कि नाव को किस प्रकार नियमित पानी पर दौड़ाया जाए. इस मामले में क्या कुछ हुआ है ? उस पर विचार करके सरकार के सामने भी रखा जाएगा.

देहरादून: टिहरी झील में समाई मरीना बोट को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है. प्रदेश कांग्रेस ने त्रिवेंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि एक तरफ सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़े-बड़े वायदे कर रही है, तो वहीं पर्यटन नगरी में इस तरह की घटना होना सरकार की मंशा पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है.

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दरअसल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने टिहरी झील में जिस फ्लोटिंग मरीना में कैबिनेट बैठक आयोजित करके सुरक्षित पर्यटन का संदेश देने की कोशिश की थी वह बोट कुछ दिन पहले टिहरी झील में समा गई. टिहरी झील की मरीना बोट में हुई ऐतिहासिक कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए थे. अब बीजेपी कांग्रेस शासनकाल में बोट खरीदे जाने की बात कहकर पल्ला झाड़ रही है, तो वहीं कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की अगर बोट सुरक्षित नहीं थी तो सरकार ने बोट में कैबिनेट बैठक आयोजित करके पूरी कैबिनेट को डुबाने का प्रयास किया था.

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ. आरपी रतूड़ी ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में यह बोट ₹4 करोड़ में खरीदी गई थी. बीजेपी सरकार ने इन दो सालों में बोट से मात्र 330 रुपये की आमदनी की है. इससे जाहिर होता है कि बीजेपी न तो पर्यटन को बढ़ावा देने की सोच रही है और न ही पर्यटकों को उत्तराखंड की ओर आकर्षित करने की.

वहीं, बीजेपी के पूर्व राज्यमंत्री सुभाष बर्त्वाल ने कहा कि नाव डूब चुकी है या फिर पानी के ऊपर है. जब तक यह स्पष्ट नहीं हो जाता तब तक इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता है. उनकी जानकारी के अनुसार बोट निष्क्रिय हालत में खड़ी हुई थी और उसका उपयोग नहीं हो पा रहा था. उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग इस पर कार्य योजना तैयार करने में जुटा हुआ था कि नाव को किस प्रकार नियमित पानी पर दौड़ाया जाए. इस मामले में क्या कुछ हुआ है ? उस पर विचार करके सरकार के सामने भी रखा जाएगा.

Intro: उत्तराखंड की तेरी झील में समाई मरीना बोट को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है, एक तरफ प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़े-बड़े वायदे कर रही है तो वहीं पर्यटन नगरी में इस तरह की घटना होना सरकार पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है, दरअसल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने टिहरी झील में जिस नाव फ्लोटिंग मरीना में कैबिनेट बैठक आयोजित करके सुरक्षित पर्यटन का संदेश देने की कोशिश की थी वह नाव टिहरी झील में समा गई है, टिहरी झील की मरीना बोट में हुई ऐतिहासिक कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए थे। अब बीजेपी जहां कांग्रेस शासनकाल में बोट को खरीदने की बात कर रही हैं तो वहीं कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहां की अगर बोट सुरक्षित नहीं थी तो उसमें क्या सरकार ने बोट मे कैबिनेट बैठक आयोजित करके पूरी कैबिनेट को डुबाने का प्रयास किया गया था।


Body:कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ आरपी रतूड़ी ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में यह बोट चार करोड़ रुपयों में खरीदी गई थी। निश्चित तौर पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यह वोट खरीदी गई थी ताकि पर्यटक इसका आनंद उठा सके और राज्य की आमदनी बढ़ाई जा सके। लेकिन भाजपा सरकार ने इन दो सालों में बोट से मात्र 330 रुपये की आमदनी की है। इससे जाहिर होता है कि बीजेपी की ना तो सोच पर्यटन को बढ़ावा देने की और ना ही पर्यटकों को उत्तराखंड की ओर आकर्षित करने की रही है। बीजेपी की सरकार मरीना में कैबिनेट बैठक करती है इसका मतलब बोट की तकनीकी जांच हुई होगी, और जांच में बोर्ड बिल्कुल महफूज और सुरक्षित पाई होगी। अगर बोट सुरक्षित नहीं होती तो क्या सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पूरी कैबिनेट को उसमें में डूबा देना चाहते थे। प्रश्नचिन्ह बीजेपी में लगना स्वाभाविक है क्यों किया तो सरकार कैबिनेट को डूबा देना चाहती थी या फिर उस बोट का रखरखाव सही तरीके से नहीं किया गया। इन 2 सालों में विभागीय व्यवस्थाओं की लचर प्रणाली से वोट की देखभाल सही तरीके से नहीं हो पाई। सरकार ने एक तरफ तो कैबिनेट की बैठक आयोजित करके सुरक्षित संदेश देने की कोशिश की, जिससे कांग्रेस आश्वस्त हो गई कि मरीना तकनीकी रूप से बिल्कुल सुरक्षित है। अब भाजपा इस मामले में कांग्रेस पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रही है जिससे पता चलता है कि बीजेपी की मंशा सही नहीं थी और सरकार कैबिनेट की बैठक बोट में आयोजित करके पूरी कैबिनेट को डूबा देना चाहती थी।

बाईट-डॉ आरपी रतूड़ी, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता।

वहीं भाजपा के पूर्व राज्य मंत्री सुभाष बर्त्वाल ने कहा कि नाव डूब चुकी है या फिर पानी के नीचे समा गई है यह विषय जब तक स्पष्ट नहीं होगा तब तक इसपर कुछ नहीं कहा जा सकता है उनकी जानकारी के अनुसार बोर्ड निष्क्रिय हालत में खड़ी हुई थी और उसका उपयोग नहीं हो पा रहा था। वहीं पर्यटन विभाग इस पर कार्य योजना तैयार करने मे जुटा हुआ था कि नाव को किस प्रकार नियमित पानी के ऊपर दौड़ाया जाये।उन्होंने कहा कि यह सवाल भी खड़ा हो रहा है कि उसके अंदर कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई थी, ऐसे में सरकार कोर्ट का कोई ना कोई वैकल्पिक उपयोग जरूर करेगी,इस मामले में क्या कुछ हुआ है उस पर विचार करके सरकार के सामने भी रखा जाएगा।

बाईट-सुभाष बर्त्वाल, पूर्व राज्यमंत्री भाजपा




Conclusion:एक तरफ कांग्रेस पार्टी त्रिवेंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है कि जिस बोट में सरकार ने केबिनेट की थी जब वोट का ही रखरखाव सरकार नहीं कर पाई तो बाकी जगहों की क्या स्थिति होगी इस बात से प्रतीत होता है कि उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़े-बड़े दावे तो किए जाते हैं, लेकिन कांग्रेस शासनकाल में खरीदी गई मरीना बोट के डूबने के बाद भाजपा और कांग्रेस में आरोप और प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

नोट- कृपया भाजपा के पूर्व राज्य मंत्री सुभाष बर्त्वाल की बाइट मेल से उठाने का कष्ट करें

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