देहरादून: प्रदेश में माननीय बनने के सपने संजोए नेताओं के लेकर सियासत तेज हो गई है.विभिन्न निगमों, प्राधिकरणों व आयोगों में मंत्री पद का दर्जा मिलने की आस कई नेता लगाए हुए हैं. वहीं भाजपा के नेताओं को सरकार की तरफ से दायित्व बांटे जाने का लंबे समय से इंतजार है. दायित्व बंटवारे पर चर्चा गर्म होते ही कांग्रेस ने भी इस मामले पर सरकार के रवैये को लेकर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं. हालांकि भाजपा नेता इस मामले पर जल्द ही फैसला होने का दावा कर रहे हैं.
पार्टी नेताओं की फेहरिस्त लंबी: भारतीय जनता पार्टी के भीतर इन दिनों चर्चा दायित्व के बंटवारे की है. पार्टी नेताओं में उत्सुकता इस बात को लेकर है कि सरकार किन पार्टी कार्यकर्ताओं को दायित्व देकर अपना हिस्सा बनाने जा रही है. हालांकि पार्टी के ऐसे नेताओं की लंबी चौड़ी फेहरिस्त है. लेकिन दायित्व की संख्या सीमित है. लिहाजा सरकार की सूची में शामिल होने के लिए भी पार्टी के नेता अपने राजनीतिक आकाओं के चक्कर काटने में जुटे हुए हैं. राज्य में इन दिनों दायित्व को लेकर चर्चा जोर शोर से चल रही है, लिहाजा कांग्रेस ने भी इस मामले पर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए है. कांग्रेस का मानना है कि भाजपा जब भी सत्ता में आई है, अपने कार्यकर्ताओं को उसने नजरअंदाज किया है और लंबे समय तक दायित्व देने से बचने की कोशिश की है.
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कांग्रेस ले रही चटकारे: जबकि कार्यकर्ताओं को यदि दायित्व दिए जाते हैं तो एक तरफ पार्टी में मेहनत करने वालों को सम्मान मिल पाता है. साथ ही संवैधानिक संस्थाओं में भी ऐसे खाली पड़े दायित्व को भर कर विकास कार्य में तेजी लाई जा सकती है. इसके बावजूद भाजपा सरकार दायित्व बांटने से परहेज करती रही है.दायित्व बंटवारे का इंतजार भाजपा के कार्यकर्ता और नेताओं को भी है, कई नेता तो सीमित संख्या वाली सूची में जगह पाने के लिए लंबे समय से प्रयास भी कर रहे हैं. हालांकि कांग्रेस इस मामले में भाजपा पर आरोप लगाकर घेराबंदी की कोशिश कर रही है. लेकिन भाजपा के नेताओं का कहना है कि इस मामले में पार्टी कसरत कर चुकी है. प्रदेश प्रभारी की तरफ से सूची भी तैयार हो चुकी है और यह सूची अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास है. जिसे मुख्यमंत्री की अंतिम मंजूरी मिलना बाकी है.